क्रोमोसोम की खोज किसने की थी? | Chromosome Ki Khoj Kisne Ki

दोस्तों, यदि आपने कक्षा आठ की पढ़ाई सही ढंग से की ,है तो आपको निश्चित रूप से ही पता होगा कि क्रोमोसोम क्या है। क्रोमोसोम को हिंदी में गुणसूत्र कहा जाता है। यह आमतौर पर विज्ञान के बायोलॉजी भाग में वर्णित एक मुख्य बिंदु है, जिसके ऊपर आगे की पढ़ाई में बड़ी-बड़ी किताबें लिखी जा चुकी है।

लेकिन यदि आप नहीं जानते हैं कि गुणसूत्र क्या होता है? Chromosome ki khoj kisne ki? तो कोई बात नहीं, क्योंकि आज हम आपको बताने वाले हैं कि क्रोमोसोम क्या होता है, Chromosome ki khoj kisne ki? क्रोमोसोम का महत्व क्या है, क्रोमोसोम की संरचना क्या है, इन सब पर विस्तारपूर्वक जानकारी देंगे।  तो चलिए शुरू करते हैं-

क्रोमोसोम क्या होता है? | What is Chromosome?

मित्रों, गुणसूत्र अंग्रेजी में क्रोमोसोम के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर वनस्पतियों में इंसानों में जीवो में उनकी कोशिकाओं के अंतर्गत पाए जाते हैं। यह गणसूत्र कोशिकाओं में 1 दिन तक रूप में विद्यमान होते हैं।

इन्हें पिंडों की आकृति एक तंतु रूप में होती है। आमतौर पर मानव की कोशिका में 46 गुणसूत्र पाए जाते हैं। जिसमें यह 23-23 के जोड़ों में पाए जाते हैं। आमतौर पर जो गणित सूत्र नर और मादा में अर्थात पुरुष और स्त्री में पाए जाते हैं उनमें 22 जोड़े समान होते हैं और एक जोड़ा अलग होता है।

जो जोड़े समान होते हैं उन्हें समजात गुणसूत्र कहा जाता है, और जो जोड़े समान नहीं होते उन्हें विषमजात गुणसूत्र कहा जाता है। गुणसूत्र की बनावट में आम तौर पर कुछ चीजें समान होती है, जैसे कि यह डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड से बना होता है, तथा इसमें हिस्टोन नामक प्रोटीन पाया जाता है।

जैसा कि हम जानते हैं कि डीएनए एक अनुवांशिक पदार्थ है और डीएनए की रचना में चार कार्बनिक एलिमेंट शामिल होते हैं, जिनके नाम प्यूरीन पिरिमीडिन्स तथा डीऑक्सीराइबो तथा फास्फोरिक अम्ल होता है।

प्यूरीन में एडिनिन तथा ग्वानिन पाया जाता है। पिरिमीडिन्स मे थायमीन और साइटोसिन पाया जाता है। DNA में दो अनुसूत्र होते हैं जो एक दूसरे के चारों और सांप के आकार में बंधे हुए होते हैं। डीएनए में भी साइटोसिन, थायमीन, एडिनिन, ग्वानिन विशेष ढंग से जुड़े हुए होते हैं।

क्रोमोसोम की खोज किसने की थी? | chromosome ki khoj kisne ki thi?

क्रोमोसोम की खोज किसने की | chromosome ki khoj kisne ki thi?

वाल्टर फ्लेमिंग ने सन 1882 में क्रोमोसोम की खोज की थी। वाल्टर फ्लेमिंग मूल रूप से एक जर्मन बायोलॉजिस्ट थे, और साइटोजेनेटिक्स के पिता थे। उनका जन्म Sachsenberg मैं हुआ था। वह अपने पिता के पांचवी संतान थे, और मात्र पुत्र थे। उनके पिता का नाम फ्रेडरिक फ्लेमिंग था, उनके सबसे बड़े सहयोगी हैनरिक सिडेल थे।

वाल्टर फ्लेमिंग ने अपनी शिक्षा में चिकित्सा की शिक्षा प्राप्त की थी और सन 1868 में ग्रेजुएशन पूरी कर ली थी। इसके पश्चात फ्रेंको प्रेशिया युद्ध में उन्होंने एक्सटेंडर चिकित्सक के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की थी।

इसके बाद उन्होंने प्राग विश्वविद्यालय में एक लेक्चरर की नौकरी की। सन 1876 में उन्होंने कील विश्वविद्यालय में शरीर रचना विज्ञान के प्रोफ़ेसर का पद स्वीकार किया था। और इसके पश्चात वे एनाटॉमिकल इंस्टिट्यूट के निदेशक भी बने।

वाल्टर फ्लेमिंग की खोज के बारे में

वाल्टर फ्लेमिंग ने कोशिका नाभिक के धागे जैसी संरचना जैसी एक नए तत्व की खोज की थी जिसे गुणसूत्र कहा गया। यह रंग बिरंगा तंतु था लेकिन इसका नाम विल्हेम वॉन वालडेयर हार्टज ने सुझाया था।

बेल्जियम के एक वैज्ञानिक ने भी इसका स्वतंत्र रूप से अवलोकन किया, जिनका नाम ऐडोर्ड वान था। कोशिका विभाजन की प्रक्रिया को नाभिक अनुसूत्र में जांचने की पूरी प्रक्रिया की जांच वाल्टर फ्लेमिंग के द्वारा की गई।

इस प्रक्रिया को माइटोसेस कहा गया उन्होंने सन 1882 में कोशिका द्रव्य केंद्र और कोशिका विभाजन की खोज भी की थी। वाल्टर फ्लेमिंग को उनके अच्छे दिल की वजह से भी जाना जाता था, क्योंकि देश सप्ताहिक रूप से बेघरों को खाना खिलाने के लिए जाया करते थे, और हर साल अपने वेतन का 20% हिस्सा बेघर और गरीब लोगों को दान में कर देते थे, तथा गरीब बच्चों को गणित और विज्ञान मुफ्त में पढ़ाते थे।

गुणसूत्र का महत्व क्या है? | Importance of Choromosome

दोस्तों, गुणसूत्र अपने आप में सर्वाधिक महत्वपूर्ण तत्व होता है। यह पदार्थ अपने आप में करोड़ों वर्षों की मेमोरी अपने अंदर धारण करें रखता है। Choromosome के माध्यम से यह पहचाना जा सकता है कि व्यक्ति किस प्रकार बड़ा होगा।

उसके शरीर पर कौन-कौन सी प्रक्रिया में शामिल होंगी, तथा यदि वह विकलांग होगा तो कौन से अंग से होगा, Choromosome अपने आप में कई महत्व रखता है, और इसी के कारण ही आज के समय Choromosome के द्वारा वैज्ञानिक इंसान की प्रजाति को अधिक बेहतर बनाने में लगे हुए हैं।

Choromosome अपने आप में अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें किसी भी जीव की अनुवांशिकी जानकारी शामिल होती है। गुणसूत्र मूल रूप से डीएनए की अंदर शामिल होता है, और डीएनए के तत्वों में समाहित होता है।

इसके लिए न्यूक्लियोटाइड की थार की लंबी श्रृंखला होती है। यह तत्व यह बताता है कि यदि कोई व्यक्ति पैदा हुआ है, तो उसके माता पिता कौन हैं। यदि कोई व्यक्ति बनाया गया है, अर्थात आधुनिक तकनीकी से इंसान को बनाया गया है तो उसका शरीर किस प्रकार के कार्य करने में सक्षम है।

जिस प्रकार मदर बोर्ड पूरे कंप्यूटर की जानकारी होता है उसी प्रकार गुणसूत्र पूर्व मानव शरीर की जानकारी होता है, और यह जानकारी बिल्कुल शुद्ध रूप में हमारे गुणसूत्रों में बसी हुई होती है, जिसे बिना किसी आधुनिक तकनीक के प्राप्त करना लगभग असंभव है।

निष्कर्ष

दोस्तों, आज के लेख में हमने आपको बताया कि क्रोमोसोम क्या होता है, Chromosome ki khoj kisne ki? क्रोमोसोम का महत्व क्या है। इसी प्रकार हमने क्रोमोसोम के बारे में आपको लगभग सारी जानकारी प्रदान की है।

हम आशा करते हैं कि आज का यह लेख पढ़ने के बाद आपको Chromosome ki khoj kisne ki? यह जानने के लिए अन्य किसी लेख को पढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी।

यदि आपको ये लेख पसंद आया हो तो कृपया इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। यदि इस लेख से संबंधित आपके मन में कोई सवाल है जो आप हमसे पूछना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

FAQ

क्रोमोसोम के खोजकर्ता कौन है?

मानव शरीर कोशिकाओं से बना है और इन कोशिकाओं में गुणसूत्र या गुणसूत्र होते हैं। एक सामान्य मनुष्य में 46 गुणसूत्र होते हैं। गुणसूत्रों को मनुष्यों के आनुवंशिक गुणों का वाहक माना जाता है।

गुणसूत्र की खोज कब हुई थी?

आमतौर पर यह माना जाता है कि गुणसूत्रों की खोज सबसे पहले वाल्थर फ्लेमिंग ने 1882 में की थी।

गुणसूत्र का नामकरण कब हुआ?

क्रोमोसोम की खोज कार्ल विल्हेम वॉन नागली ने 1842 में की थी। क्रोमोसोम या क्रोमोसोम सभी पौधों और जानवरों की कोशिकाओं में पाए जाने वाले फिलामेंटस बॉडी हैं, जो सभी आनुवंशिक गुणों को निर्धारित और प्रसारित करते हैं।

गुणसूत्र कितने प्रकार के होते हैं?

लोगों में कितने गुणसूत्र होते हैं? 22 ऑटोसोम आकार के अनुसार गिने जाते हैं। अन्य दो गुणसूत्र, X और Y, लिंग गुणसूत्र हैं। जोड़े में पंक्तिबद्ध मानव गुणसूत्रों के इस चित्र को कैरियोटाइप कहा जाता है। मनुष्यों में, प्रत्येक कोशिका में सामान्य रूप से कुल 46 में से 23 जोड़े गुणसूत्र होते हैं।

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