विज्ञान कैसे कई टॉपिक है, जिनके बारे में विद्यार्थी आसानी से नहीं समझ पाते हैं। कई बार ऐसे टॉपिक प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं। इन में से एक टॉपिक का नाम अम्ल भी है। अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में यह प्रश्न आता है कि अम्ल किसे कहते हैं? इसकी परिभाषा, परीक्षण, गुण, स्रोत बताइए। तो कई बच्चे इस प्रश्न का उत्तर नहीं दे पाते हैं क्योंकि उन्हें इस टॉपिक के बारे में पूरी जानकारी नहीं है।
तो चलिए आज के इस लेख के माध्यम से हम इस टॉपिक पर चर्चा करते हैं और जानते हैं कि अम्ल किसे कहते हैं?साथ ही हम अम्ल की परिभाषा, परीक्षण, गुण, स्त्रोत भी जानेंगे। तो आइए शुरू करें।
अम्ल किसे कहते हैं?
अम्ल को इंग्लिश में एसिड कहा जाता है। जहां एक रासायनिक यौगिक होता है जो जल में खुलता है और हाइड्रोजन आयन (H+)प्रदान करता है। यह परिभाषाआयनीस के आयनिक सिद्धांत के अनुसार थी।
वहीं अगर हम “जोहान्स निकोलस ब्रोस्टेड और मार्टिन लोरी” के द्वारा दी गई आधुनिक परिभाषा को देखते हैं तो उन्होंने कहा है कि यह एक रासायनिक योगिक है जो क्षार को हाइड्रोजन आयन देता है। जैसे – सल्फ्यूरिक अम्ल (बैटरी में) और एसिटिक अम्ल (सिरका में)।
चलिए इसे और भी आसान भाषा में अन्य परिभाषा के अनुसार समझते हैं। जैसे अम्ल ऐसी रासायनिक यौगिक पदार्थ होता है जो नीले लिटमस पेपर को लाल कर देता है। अम्ल का PH मान 7.0 से कम होता है इसलिए यह लिटमस पेपर को लाल कर देता है।
यदि हम इसकी इंग्लिश शब्द की बात करें तो अम्ल की इंग्लिश शब्द Acid को लैटिन भाषा “Acidus” शब्द से लिया गया है। लैटिन भाषा में ऐसी Acidus मतलब Saur होता है यानी खट्टा। तो अब इस प्रकार भी इसकी परिभाषा को समझ सकते हैं कि अम्ल का स्वाद भी खट्टा होता है जिसके कारण यह नीले लिटमस पेपर को लाल कर देता है और जल में घुलने पर आयन प्रदान करता है।
अम्ल की परिभाषा
हम हम हम को कुछ विद्वानों की परिभाषा के अनुसार समझते हैं:-
रॉबर्ट बॉयल का सिद्धांत
“अम्ल वह पदार्थ है जिसका स्वाद खट्टा होता है जो नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है। इसके साथ ही है बहुत से पदार्थों को भुलाने की क्षमता भी रखता है”।
लुईस का सिद्धांत
“इसके अनुसार आम लोगों पदार्थ है जो इलेक्ट्रॉन युग में ग्रहण करने की प्रवृत्ति रखता है”।
एच डेबी की परिभाषा के अनुसार
“अम्ल वह पदार्थ है जिनमें विस्थापन योग्य हाइड्रोजन परमाणु रहते हैं और इनको जब किसी धातु से विस्थापित किया जाता है तो यह लवण का निर्माण करते हैं”। जैसे –
Zn+ 2HCL= ZnCL2+ H2
अम्लीय क्या होता है?
अम्ल के साथ साथ हम अम्लीय शब्द को भी जान लेते हैं क्योंकि अक्सर इसका इस्तेमाल किया जाता है।
जिस भी पदार्थ में अम्ल के गुण होते हैं या यौगिक में अम्ल के गुण होते हैं तो वे पदार्थ या यौगिक अम्लीय कहलाते हैं। यानी कि यदि नींबू में अम्ल के गुण है तो वह पदार्थ अम्लीय कहा जाएगा।
इसके साथ ही हम आपको यह भी बता देते हैं कि कभी-कभी जब किसी व्यक्ति को एसिडिटी होती है तो वह हाथ में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अधिकता के कारण होती है। तो एसिडिटी को हम अम्लताभी कहते हैं क्योंकि यह अम्ल की अधिकता के कारण होने वाली बीमारी है।
अम्ल का परीक्षण
अम्ल के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेने के पश्चात चली इसके परीक्षण को जान लेते हैं। अम्ल का परीक्षण दो तरह से किया जाता है।
- लिटमस पेपर परीक्षण
लिटमस पेपर के परीक्षण में यदि अम्ल को नीले लिटमस पेपर पर डाला जाता है तो वह लाल रंग में परिवर्तित हो जाता है। परंतु वही अगर हम यह देखें कि अम्ल को लाल लिटमस पेपर पर डालते हैं तो उसमें कोई परिवर्तन नहीं होता।
- PH मान द्वारा परीक्षण
सोरेनस ने इस परीक्षण की खोज सन 1909 में की थी। PH मान के परीक्षण के अंतर्गत इसमें 0 से 14 तक की संख्या लिखी जाती है और यह 6.9 तक के मान पर सही ढंग से कार्य करता है। इसलिए यह माना जाता है कि जीरो से लेकर 6.9 तक जिन भी पदार्थों का PH मान होता है तो वे अम्लीय होते हैं।
अम्ल के गुण
- अम्ल का स्वाद खट्टा होता है।
- अम्ल का PH मान 7 से भी कम होता है।
- एसिड यानी अम्ल नीले लिटमस पेपर को लाल रंग में परिवर्तित कर देता है।
- यदि अमल झार के साथ अभिक्रिया करते हैं तो वे समाप्त हो जाते हैं।
- अम्ल को विद्युत का सुचालक कहा जाता है।
- यदि आप किसी सक्रिय धातु के साथ क्रिया करते हैं तो वह हाइड्रोजन गैस को मुक्त करते हैं।
- जब अम्ल को झार के साथ क्रिया कराया जाता है तो वह लवण और जल का उत्पादन करते हैं।
- आमला जल में मिलकर अधिक उष्मा उत्पन्न करते हैं जिससे कि विलियन का ताप बढ़ जाता है।
अम्ल के स्रोत क्या है?
अम्ल के कई अलग-अलग स्त्रोत हैं जो कि इस प्रकार हैं –
- एसिटिक अम्ल – फलों के रसों में ,सुगंधित तेलों में
- टार्टरिक अम्ल – अंगूर कच्चे आम इमली
- सल्फ्यूरिक अम्ल – कशिश का तेल
- सिट्रिक अम्ल – खट्टे फलों ,नींबू ,नारंगी टमाटर
- एस्कार्बिक अम्ल – आंवला खट्टे फलों
- बेंजाइक अम्ल – घास पत्ते व मूत्र
- फार्मिक एसिड – लाल चींटी ,बर्रों, बिच्छू में
- आकसैलिक अम्ल – सारेल के वृक्ष
- लैक्टिक एसिड – दूध ,दही
- नाइट्रिक अम्ल – सोरा
- मैलिक अम्ल–सेब, केला, संतरे का छिलका
निष्कर्ष
आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया (अम्ल किसे कहते हैं उदाहरण सहित | acid kise kahate hain) के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।
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