Article 307 हत्या का प्रयास में सजा और जमानत व बचाव के उपाय

नमस्कार दोस्तो, जैसा कि दोस्तों आप सभी लोगों को पता होगा कि हमारे संविधान के अंतर्गत अलग-अलग प्रकार की धाराएं बनाई गई है, तथा अलग-अलग प्रकार की धारा अलग-अलग कार्यों के लिए बनाई जाती है, और इन्हीं धाराओं के अंतर्गत धारा 307 का नाम काफी ज्यादा लिया जाता है, और आपने भी अपने जीवन के अंतर्गत कई बार इस धारा के बारे में सुना होगा। दोस्तों क्या आप जानते हैं, कि धारा 307 क्या है। यदि आपको इस विषय के बारे में कोई जानकारी नहीं है, तो इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।

हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताने वाले हैं, कि धारा 307 क्या है, धारा 307 कैसे वापस ले सकता हूं, धारा 307 में कितने दिन में जमानत हो जाती है, और धारा 307 में जमानत कैसे मिलती है। तथा इसके अलावा हम आपको इस विषय से जुड़ी हर एक जानकारी इस पोस्ट में देने वाले हैं।

धारा 307 क्या है?

सबसे पहले अगर इस विषय के बारे में बात की जाए की धारा 307 को कब लगाया जाता है, तो धारा 307 उस परिस्थिति के अंतर्गत लगाई जाती है, जब किसी भी व्यक्ति के द्वारा किसी पर हत्या करने का प्रयास किया जाता है।

307 ipc in hindi
धारा 307 में जमानत कैसे मिलती है | dhara 307 kya hai in hindi

इसको अगर आसान भाषा में बताया जाए, तो यदि कोई भी व्यक्ति किसी पर जानलेवा हमला करता है, या फिर किसी भी व्यक्ति की हत्या करने का प्रयास करता है, वह उसके लिए उस पर हमला करता है, लेकिन वह किसी कारण वंश उस व्यक्ति की हत्या नहीं कर पाता है, या फिर वह उसकी हत्या करने में असफल हो जाता है। तो इस परिस्थिति के उस हमला करने वाले व्यक्ति पर धारा 307 लगाई जाती है, तथा उस व्यक्ति को धारा 307 के तहत दंडित किया जाता है।

यदि किसी भी व्यक्ति पर धारा 307 लगाई जाती है तथा उसको कोर्ट के अंतर्गत दोषी करार दे दिया जाता है तो ऐसे में उस व्यक्ति को धारा 307 के तहत काफी कड़ी सजा दी जा सकती है धारा 300 तहत के साथ दोषी व्यक्ति को 10 साल तक की सजा तथा जुर्माना से दंडित किया जाता है।

हालांकि अलग-अलग परिस्थितियों के अंतर्गत निर्भर करता है, जैसे कि किसी व्यक्ति ने किसी पर कितना जानलेवा हमला किया है, उस हमले में सामने वाले व्यक्ति को कितना नुकसान पहुंचाया गया है। तो ऐसे में अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग प्रकार से सजा दी जाती है, यह निर्णय पूरी तरह से जज पर निर्भर करता है।

धारा 307 कैसे वापस ले सकता हूं

मीडिया पर धारा 307 लगाई गई है, तथा आप इस धारा को वापस लेना चाहते हैं, तो ऐसे में आपको सत्र न्यायालय के अंतर्गत एक याचिका दर्ज करवानी होती है, उसके बाद सत्य न्यायालय के द्वारा आप की याचिका पर निर्णय लिया जाता है, या तो आपको जमानत दे दी जाती है, या फिर आप की जमानत याचिका को खारिज कर दिया जाता है।

यदि आपको सत्र न्यायालय के अंतर्गत जमानत नहीं मिलती है, तथा आप की याचिका को खारिज कर दिया जाता है, तो उसके बाद आपको उच्च न्यायालय के अंतर्गत अपनी याचिका को दर्ज करवाना होता है।

अधिकांश लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है, तो इस परिस्थिति में आप एक अच्छे वकील की सलाह ले सकते हैं, तथा उसके साथ यह कार्य कर सकते हैं।

धारा 307 में कितने दिन में जमानत हो जाती है ?

यदि आप जानना चाहते हैं, कि धारा 307 के अंतर्गत कितने दिन में जमानत हो जाती है, तो आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं, कि धारा 307 के अंतर्गत आपको अग्रिम जमानत नहीं ले सकते हैं, यानी कि आपको पुलिस थाने के अंतर्गत कोई भी जमानत नहीं दी जाती है, आपकी जमानत को खारिज कर दिया जाता है।

धारा 307 में जमानत कैसे मिलती है ?

जैसा कि हमने आपको बताया कि जा रहा 307 के अंतर्गत आपको अग्रिम जमानत नहीं मिलती है, तो ऐसे में धारा 307 के तहत आप को जमानत लेने के लिए सत्र न्यायालय में याचिका दर्ज करवानी होती है, और इसके अलावा यदि आप की जमानत को वहां पर खारिज कर दिया जाता है, तो फिर आपको उच्च न्यायालय के अंतर्गत जाना होता है।

निष्कर्ष

तो इस पोस्ट के अंतर्गत हमने आपको बताया कि धारा 307 क्या है, कोई व्यक्ति धारा 307 कैसे वापस ले सकता है (307 case details in hindi), धारा 307 में कितने दिन में जमानत हो जाती है, और धारा 307 के अंतर्गत जमानत कैसे मिलती है। इसके अलावा इस विषय से जुड़ी अन्य जानकारी अभी हमने आपके साथ शेयर की है। हमें उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई है, फिर तो आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है।

FAQ

307 की जमानत कितने दिन में होती है?

धारा 307 के मामले में भी दूसरे दिन ही मिली सकता है।

क्या हमें धारा 307 में जमानत मिल सकती है?

हत्या के प्रयास का अपराध एक गैर-जमानती अपराध है, जिसका अर्थ है कि धारा 307 के तहत दायर शिकायत में न्यायाधीश के पास जमानत से इनकार करने और किसी व्यक्ति को न्यायिक या पुलिस हिरासत में भेजने की शक्ति है।

IPC की धारा 307 के तहत क्या अपराध है?

ipc धारा 307 अपराध : हत्या का प्रयास

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