नमस्कार दोस्तों, आज के इस लेख में हम आपको भारत के प्रथम चुनाव आयुक्त कौन थे उसके बारे में बताएंगे। आज हमारे देश में 73 सालों से चुनाव होते हुए आ रहा है। बहुत से प्रतिभागी चुनाव में खड़े होते हैं। और सारी जनता वोट देकर किसी एक प्रतिभागी को विजयी बनाती है। लेकिन चुनाव प्रक्रिया भी बहुत आसान नहीं होती। चुनाव की प्रक्रिया को निष्पक्ष रूप से करना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। जो कि एक योग्य व्यक्ति ही कर सकता है। चुनाव के दौरान चुनाव में बरती गई ईमानदारी ही लोकतंत्र का चरित्र तय करती है। इसलिए सभी चुनाव की प्रक्रिया की जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग को दी जाती है जिसका एक मुख्य आयुक्त होता है जो कि निष्पक्ष रुप से चुनाव करवाता है।
ऐसे में हमारे मन में यह सवाल भी आता है कि भारत का सबसे पहला चुनाव कब हुआ होगा और भारत के प्रथम चुनाव आयुक्त कौन थे। तो आइए जानते हैं भारत के पहले चुनाव आयुक्त कौन थे।
भारत के प्रथम चुनाव आयुक्त कौन थे?
भारत के प्रथम चुनाव आयुक्त का नाम “सुकुमार सेन” है। सुकुमार सेन जी पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव थे। सुकुमार सेन जी ने चुनाव आयुक्त की पदवी 19 मार्च 1950 से लेकर के 21 दिसंबर 1958 तक संभाली थी। इन्होंने अपने जीवन में दो बार चुनाव करवाया है, पहला 1951 तथा दूसरा 1957। एक चुनाव आयुक्त को भारत के राष्ट्रपति द्वारा चुना जाता है।
उस समय जवाहरलाल नेहरु जी ने सुकुमार सेन जी के गुणों को देखकर उन्हें चुनाव आयुक्त के रूप में चुना था। और नेहरु जी का यह फैसला बहुत ही अच्छा था। क्योंकि सुकुमार सेन जी ने यह पदवी को बहुत ही इमानदारी से संभाला। और पूरी ईमानदारी से भारत में प्रथम बार चुनाव करवाया। इसके पहले भारत में या अन्य किसी देश में इस तरह का चुनाव प्रक्रिया नहीं हुई थी जिसके कारण पहले चुनाव करवाने में भारत को काफी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा था।
सुकुमार सेन जी ने अपने प्रथम चुनाव में 4.5 करोड़ रुपयों की बचत भी की थी जिससे कि भारत को फायदा भी हुआ। सेन जी ने बिना जरूरी वाले 3500000 बैलट बॉक्स को हटाकर इन पैसो की बचत की।
सुकुमार सेन जी की इस चुनावी प्रक्रिया के अंदाज को देखकर अन्य देशों से भी सुकुमार सेन जी को चुनाव करवाने के लिए बुलावा आने लगा। सूडान देश ने अपना पहला चुनाव सुकुमार सेन जी के देखरेख में करवाया।
सुकुमार सेन जीने चुनाव के पहले सभी नागरिकों को चुनाव के बारे में जानकारी देने के लिए एक फिल्म भी चलाई थी। जिससे कि सभी नागरिकों को चुनाव के बारे में पता चल पाए। इसका प्रसारण पूरे भारत देश में किया गया था। सुकुमार सेन जी को उनके कार्यों के लिए 1954 में पद्म भूषण से सम्मानित भी किया गया था।
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भारत के प्रथम चुनाव आयुक्त किस जगह पर हुआ था?
भारत का प्रथम चुनाव आयुक्त “हिमाचल प्रदेश” की चीनी तहसील में हुआ था और इस तहसील में पहला वोट 25 अक्टूबर 1951 को डाला गया था। जिसमें कांग्रेस सरकार 364 सीटें जीत कर अधिक बहुमत से विजयी बनी थी। आजादी के बाद देश के लोगों में ज्यादातर कांग्रेस का ही नाम था जिसके कारण देश का पहला चुनाव कांग्रेस ने जीता था। इस चुनाव के लिए 224000 मतदान केंद्र बनाए गए थे। सभी मतदान केंद्र में लगभग दो करोड़ 1200000 मत पेटियां रखी गई थी। और लगभग 62 करोड मतपत्र का इस्तेमाल हुआ था।
इस चुनाव में महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं था क्योंकि उस समय महिलाओं को केवल उनके पति किसी की बहू के नाम से जाना जाता था। जिसके कारण सभी महिलाओं का नाम वोटर लिस्ट में नहीं जुड़ पाया। लेकिन अगले चुनाव में सभी महिलाओं का नाम भी जुड़ गया था और सभी महिलाओं ने भी वोट दिया था।
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निष्कर्ष
आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया (भारत के प्रथम चुनाव आयुक्त कौन थे?) के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।
FAQ
भारत के प्रथम चुनाव आयुक्त कौन थे?
भारत के प्रथम चुनाव आयुक्त “सुकुमार सेन” थे।
सुकुमार सेन कौन थे?
सुकुमार सेन के बारे मे आर्टिकल मे संपूर्ण जानकारी दिया है।
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