छत्तीसगढ़ का गांधी किस कवि को कहा जाता है?

नमस्कार दोस्तों, महात्मा गांधी जी का नाम भारत के सबसे प्रमुख व्यक्तियों की सूची के अंतर्गत आता है, जिनका हमारे देश के इतिहास के अंतर्गत काफी महत्वपूर्ण योगदान है। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि छत्तीसगढ़ का गांधी किस कवि को कहा जाता है, यदि आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।

इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि छत्तीसगढ़ का गांधी किस कवि को कहा जाता है, हम आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी इस पोस्ट के अंतर्गत शेयर करने वाले हैं। तो ऐसे में आज का की यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है, तो इसको अंत जरूर पढ़िए।

छत्तीसगढ़ का गांधी किस कवि को कहा जाता है? (chhattisgarh ka gandhi kis kavi ko kaha jata hai)

दोस्तो अक्सर कई अलग-अलग कंपटीशन एग्जाम के अंतर्गत यह सवाल पूछा जाता है, कि छत्तीसगढ़ का गांधी किस कवि को कहा जाता है, और बहुत लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है। यदि आपको भी इसके बारे में जानकारी नहीं है तो आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं कि छत्तीसगढ़ का गांधी “पंडित सुंदरलाल शर्मा” जी को कहा जाता है। छत्तीसगढ़ की काफी प्रसिद्ध कवि थे जिन्होंने जन जागरण तथा सामाजिक क्रांति के अंतर्गत काफी सुर्खियां बटोरी थी।

पंडित सुंदरलाल शर्मा जी का सामाजिक सेवा के अंतर्गत काफी योगदान रहा है, तथा उनकी इस विषय के अंतर्गत काफी रूचि भी थी। उन्होंने अपना जीवन समाज सेवा के अंतर्गत काफी लगाया था।

पंडित सुंदरलाल शर्मा के जीवन के बारे में

chhattisgarh ka gandhi kis kavi ko kaha jata hai

दोस्तों छत्तीसगढ़ के महात्मा गांधी कहे जाने वाले पंडित सुंदरलाल शर्मा जी का जन्म 21 दिसंबर सन 18 81 को राजिम के निकट महानदी के बचे हुए तट पर हुआ था। उनके पिताजी का नाम जगलाल तिवारी था और उनकी माता का नाम देव मती था। उनकी स्कूली शिक्षा ज्यादा नहीं हुई थी उन्होंने सिर्फ प्राथमिक स्तर तक ही पढ़ाई की थी। लेकिन  उनके पास ज्ञान का भंडार था, तो ऐसे में स्वयं अध्याय काफी ज्यादा किया करते थे, और उन्होंने संस्कृत मराठी बंगाल उड़ीसा आदि भाषाओं के अंतर्गत काफी जानकारी प्राप्त की थी।

जैसा कि हमने आपको इस आर्टिकल के अंतर्गत भी बताया है कि पंडित सुंदरलाल शर्मा जी को समाज सेवा के अंतर्गत काफी रूचि थी, तथा उन्होंने अपने जीवन के अंतर्गत अनेक लोगों के जीवन में प्रभाव डाले हैं, तथा अनेक लोगों की जीवन में अलग-अलग तरीके से सहायता की है। इसके अलावा एक कवि थे जिन्होंने लगभग 18 ग्रंथों की भी रचना की है, इसके अलावा pandit sundarlal Sharma ने अपने रात्रि जागरण के प्रोग्राम की सहायता से पूरी दुनिया भर में काफी नाम कमाया था।

आज आपने क्या सीखा

तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको बताया कि छत्तीसगढ़ का गांधी किस कवि को कहा जाता है, हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत के विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। इसके अलावा हमने आपके साथ इस पोस्ट के अंतर्गत किसी भी pandit sundarlal Sharma से जुड़ी कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी शेयर की है, जैसे कि सुंदरलाल शर्मा जी कौन थे, उनका जन्म कहां पर हुआ था, उनके माता पिता का क्या नाम था, व उनकी जीवनी क्या थी।

आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह इंफॉर्मेशन पसंद आई है, तथा आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है। इस पोस्ट को सोशल मीडिया के माध्यम से आगे शेयर जरूर करें, तथा इस विषय के बारे में अपनी राय हमें नीचे कमेंट में जरूर बताएं।

FAQ

छत्तीसगढ़ का गांधी किसे कहा जाता है?

पंडित सुंदरलाल शर्मा छत्तीसगढ़ से स्वतंत्रता आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति थे। वे महात्मा गांधी के अनुयायी थे और सत्याग्रह और अहिंसा में विश्वास रखते थे, जिसके लिए उन्हें ‘छत्तीसगढ़ का गांधी’ उपनाम मिला।

छत्तीसगढ़ को छत्तीसगढ़ क्यों कहा जाता है?

छत्तीसगढ़ क्षेत्र का इतिहास लगभग चौथी शताब्दी ईस्वी पूर्व का है, जब इसे दक्षिण (या दक्षिण) कोसल के नाम से जाना जाता था। छत्तीसगढ़ नाम, जिसका अर्थ है “छत्तीस किले”, पूर्व में रतनपुर के हैहया राजवंश के क्षेत्र में लागू किया गया था, जिसकी स्थापना 750 के आसपास हुई थी।

छत्तीसगढ़ का पुराना नाम क्या है?

“छत्तीसगढ़” कोई प्राचीन नाम नहीं है, इस नाम की प्रथा 18वीं शताब्दी के दौरान मराठा काल में शुरू हुई थी। प्राचीन काल में छत्तीसगढ़ को “दक्षिण कोसल” के नाम से जाना जाता था।

छत्तीसगढ़ में कौन सी भाषा बोली जाती है?

छत्तीसगढ़ी भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में बोली जाने वाली एक भाषा है। यह हिंदी के बहुत करीब है और इसकी लिपि देवनागरी है। छत्तीसगढ़ी का अपना समृद्ध साहित्य और व्याकरण है। छत्तीसगढ़ी 2 करोड़ लोगों की मातृभाषा है।

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