नमस्कार दोस्तो, आज के समय अनेक लोग अपने घर को वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखते हुए बनाते हैं, जिसके अंतर्गत वह अनेक चीजों के मद्देनजर रखते हुए अपने घर का निर्माण करवाते हैं। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि पश्चिम मुखी घर की सीढ़ियां किस तरफ होनी चाहिए, यदि आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि पश्चिम मुखी घर की सीढ़ियां किस तरफ होनी चाहिए, हम आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी इस पोस्ट के अंतर्गत शेयर करने वाले हैं। तो ऐसे में आज का की यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है, तो इसको अंत जरूर पढ़िए।
पश्चिम मुखी घर की सीढ़ियां किस तरफ होनी चाहिए?
अगर दोस्तों आप अपने एक नए घर का निर्माण करवा रहे हैं, तथा आपके घर का मुंह पश्चिम दिशा की तरफ है, तथा आपके मन में यह सवाल यह कि वास्तु शास्त्र के हिसाब से इस घर के अंतर्गत सीढ़ियां किस तरफ होनी चाहिए, तो इसके बारे में अपने आपको नीचे बताया है, कि आप कहां-कहां अपने घर के अंतर्गत सीढ़ियां रख सकते हैं।
1. यदि दोस्तों आप एक पश्चिम मुखी घर का निर्माण करवा रहे हैं, तो इसके अंतर्गत आप पूरब से पश्चिम की ओर अपने घर के अंतर्गत सीढ़ियां रख सकते हैं, जिसके अंतर्गत आप अपने घर के एंट्रेस में अपना टेरिस बनवा सकते हैं।
2. इसके अलावा यदि आप पूर्व दिशा से पश्चिम दिशा की ओर अपने घर की सीढ़ियां नहीं रखना चाहते हैं, तो इस परिस्थिति के अंतर्गत आप उत्तर से दक्षिण की तरफ भी अपने घर की सीढ़ियां रख सकते हैं।
तो दोस्तों यदि आप एक पश्चिम मुखी घर का निर्माण करवा रहे हैं, तो वास्तु शास्त्र के हिसाब से आप इन दो तरीकों के माध्यम से अपने घर के अंतर्गत सीढ़ियों का निर्माण करवा सकते हैं।
पश्चिम मुखी मकान कैसे रहते हैं?
यदि दोस्तों आप एक पश्चिम मुखी मकान का निर्माण करवा रहे हैं, तथा आपके मन में यह सवाल यह कि इस तरह के मकान कैसे रहते हैं, तो आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं कि पश्चिम मुखी मकान के अंतर्गत ज्यादा समय तक धन में नहीं रुकता है, इसका मतलब है कि जैसे ही इस प्रकार के घरों के अंतर्गत धन आता है वह कहीं ना कहीं खर्च हो जाता है। इसके अलावा पश्चिम मुखी गैरों के अंतर्गत सूर्य की सुबह-सुबह रोशनी नहीं आती है, जो एक अच्छा संकेत नहीं माना जाता है।
आज आपने क्या सीखा
तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको बताया कि पश्चिम मुखी घरों के अंतर्गत सीढ़ियां किस तरफ होनी चाहिए, हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत के विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। इसके अलावा हमने आपके साथ इस पोस्ट के अंतर्गत पश्चिम मुखी घरों से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी शेयर की है, जैसे कि पश्चिम मुखी घरों के अंतर्गत किस किस तरफ सीढ़ियों का निर्माण करवाया जा सकता है, तथा यदि कोई भी व्यक्ति पश्चिम मुखी घर का निर्माण करवाना चाहता है, तो वह घर कैसा रहता है।
आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह इंफॉर्मेशन पसंद आई है, तथा आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है। इस पोस्ट को सोशल मीडिया के माध्यम से आगे शेयर जरूर करें, तथा इस विषय के बारे में अपनी राय हमें नीचे कमेंट में जरूर बताएं।
FAQ
पश्चिम मुखी मकान कैसे रहते हैं?
जिन लोगों का इस दिशा में मकान होता है, उनके घरों में पैसा कम रहता है। अगर इसके मुख्य कारण की बात करें तो इसे घर का ढलान कहा जा सकता है। इसका कारण यह है कि यदि ढलान पश्चिम दिशा में हो तो प्रातःकाल सूर्य देव की फलदायी ऊर्जा घर में नहीं रहती है। यह खराब क्रम और स्वास्थ्य की ओर जाता है।
पश्चिम मुखी घर में शौचालय कहाँ होना चाहिए?
वास्तु शास्त्र के अनुसार विसर्जन के लिए दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है। इसलिए वास्तु की दृष्टि से इस दिशा में शौचालय का निर्माण करना उचित है। घर की उत्तर दिशा में बना शौचालय रोजगार संबंधी परेशानी पैदा करता है।
क्या पश्चिम मुखी मकान शुभ होता है?
जो लोग शिक्षा, राजनीति, धार्मिक या कॉर्पोरेट व्यवसाय करना चाहते हैं, उनके लिए पश्चिममुखी इमारतें फायदेमंद होती हैं। पश्चिममुखी भवनों में मुख्य द्वार उत्तर-पश्चिम दिशा में हो तो शुभ होता है। हो सके तो बरामदे का द्वार भी उत्तर दिशा में ही बनवाना चाहिए।
सीढ़ी बनाने की सही दिशा क्या है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में सीढ़ियां हमेशा दक्षिण-पश्चिम यानी दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखें। इस दिशा में सीढ़ियां होना सबसे अच्छा माना जाता है। इससे घर में उन्नति होती है और सुख शांति बनी रहती है। वहीं सीढ़ियों के निर्माण के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा का चुनाव भी सही माना जाता है।
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