रूस में भारत विद्या का जनक किसे कहा जाता है?

दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं कि रूस और भारत के रिश्ते काफी लंबे समय से मजबूत है, और शीत युद्ध के दौरान से ही सोवियत यूनियन और भारत के रिश्ते मजबूत हो चुके थे। लेकिन रूस और भारत के जो मजबूत रिश्ते हैं उनमें रूस के अंतर्गत भारत के विद्या का भी हाथ है और इसीलिए कई लोग भी है जानना चाहते हैं कि रूस में भारत की विद्या का जनक किसे कहा जाता है (ruse mein bharat vidya ka janak kise kaha jata hai)।

यदि आप भी यह जानना चाहते हैं तो आजकल एक में हमारे साथ अंत तक बने रहिएगा, क्योंकि आजकल एक में हम आपको भारत और रूस के संबंधों के बारे में रूस में भारत की विद्या के बारे में और इसके जनक के संदर्भ में सारी जानकारी उपलब्ध कराएंगे।

भारत और रूस के संबंध चर्चा में क्यों है?

भारत और रूस ने पिछले कुछ समय पहले ही अपने राजनयिक संबंधों की 75 वीं वर्षगांठ मनाई है; और इसी कारण भारत और रूस के संबंध पिछले कई समय से चर्चा में रहे हैं भारत और रूस के संबंध में तो काफी पुराने हैं, लेकिन अक्टूबर 2000 में भारत रूस सामरिक साझेदारी घोषणा पर हस्ताक्षर करने के बाद से ही भारत और उसके संबंधों में राजनीतिक रक्षा रक्षा व्यापार अर्थव्यवस्था इन सब के संदर्भ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा संस्कृति साहित्य द्विपक्षीय संबंध इन सब के क्षेत्रों में बड़े हुए सहयोग के स्तर देखने को मिलते हैं। इन सभी मामलों के अंतर्गत रूस और भारत के मध्य संबंधों में गुणात्मक बढ़ोतरी देखी गई है।

रूस में भारत विद्या का जनक किसे कहा जाता है?

रूस में भारत विद्या का जनक जी “एस लिविडिव” को कहा जाता है। जी एस लिविडिव मूल रूप से एक व्याख्याता तथा शिक्षक थे जिन्होंने रूस में भारतीय विद्या का प्रसार किया, और इसी के कारण एक दर्शनशास्त्री के तौर पर जी एस लिविडिव का योगदान रूस में भारत विद्या के तौर पर देखा जाता है, और इसीलिए उन्हें रूस में भारत विद्या का जनक कहा जाता है।

भारत और उसके संबंधों के विभिन्न पहलू

शीत युद्ध के दौरान भारत और सोवियत संघ के मध्य एक मजबूत रणनीतिक रिश्तेदारी थी साथ ही सैन्य और आर्थिक राजनीति संबंध भी देखे गए थे, शीत युद्ध के समाप्ति के दौरान सोवियत संघ के विघटन के पश्चात रूस ने अपने संबंध भारत के साथ और भी अधिक गहरे किए तथा भारत को रूस के साथ घनिष्ठ संबंध विरासत में मिले थे।

इसी के कारण दोनों देशों ने एक विशेष सामरिक संबंध साझा किया था। हालांकि कुछ वर्षों से जब से कोविड-19 के सामने आए हैं। भारत और रूस के मध्य संबंधों में भी भारी गिरावट देखी गई है। जिसका कारण रूस के चीन और पाकिस्तान के साथ विशेष संबंध लेकर गए थे लेकिन वर्तमान समय में रूस और पाकिस्तान के मध्य संबंध काफी खराब होते हुए नजर आए हैं, साथ ही भारत और रूस ने अपने व्यापार को 300 गुना बढ़ा दिया है।

भारत और रूस के मध्य राजनीतिक और व्यापारिक संबंध भारत और रूस के मध्य दोनों के कार्यकारी अध्यक्षों के मध्य वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान एक रणनीतिक साझेदारी सर्वोच्च संस्थागत वार्ता तंत्र स्थापित किया गया है, साथ ही सन् 2019 में राष्ट्रपति पुतिन ने नरेंद्र मोदी जी जो कि भारत के प्रधानमंत्री हैं उन्हें रूस के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा था, जिसका नाम आर्डर ऑफ सेंट एंड यू द एपोस्टल था।

निष्कर्ष

आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया (रूस में भारत का विद्या का जनक किसे कहा जाता है? | Who is known as the father of Indology in Russia?) के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।

HomepageClick Hear
GeneralClick Hear
TechnologyClick Hear
Share MarketClick Hear
BiographyClick Hear