भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अंतर्गत अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालने के लिए अनेकों लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया। लेकिन वर्तमान समय में केवल कुछ लोगों को ही वह प्रसिद्धि और पहचान मिली है जो उन सभी स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों को भी मिलनी चाहिए थी (swatantrata sangram ke gumnam nayak ke bare mein bataiye), जो उन्हें नहीं मिली।
वर्तमान समय में यह सवाल पूछे जा रहे हैं कि स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों के नाम कौन-कौन से हैं ताकि उन्हें भी नहीं पहचान और प्रसिद्धि मिल सके जो उन्हें मिलनी चाहिए थी? यदि आप भी जानना चाहते हैं कि स्वतंत्र संग्राम के गुमनाम नायकों के नाम कौन से हैं, तो आज के लेख में हम आपको स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों के नाम बताएंगे।
तो चलिए शुरू करते हैं-
स्वतंत्रता सेनानियों के गुमनामी का कारण क्या है?
भारत में स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान की घटाएं कभी भी खत्म नहीं होंगी, क्योंकि कई ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्हें लोगों की नजरों में रहने के कारण पहचान मिल गई। लेकिन कोई स्वतंत्र सेनानियों को केवल उनके कार्यों की वजह से पहचाना गया।
हालांकि इनमें से कईयों को किसी भी प्रकार की पहचान कर प्रसिद्धि नहीं मिली, जबकि उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों को भी निछावर कर दिया। यह जानने में काफी दुखद बात है लेकिन आज के समय लोग यह जानना चाहते हैं कि वह स्वतंत्रता सेनानी कौन हैं जिन्हें प्रसिद्धि और पहचान मिलनी चाहिए थी लेकिन नहीं मिली, और उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के नाम हमने आपको नीचे बताए हैं।
स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों के नाम
- मातंगिनी हाजरा: मातंगिनी हजरा एक महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन और असहयोग आंदोलन में भाग लिया था तथा भारत का झंडा लेकर आगे बढ़ रही थी। उनके ऊपर पुलिसकर्मियों ने गोली चला दी थी। उन्हें तीन गोलियां लगी थी, और इसके बावजूद उन्होंने भारत का झंडा नहीं छोड़ा और वंदे मातरम के नारे जोर जोर से लगाती रही।
- बेगम हजरत महल: यह अवध के नवाब की पत्नी थी और 1857 के विद्रोह में एक सक्रिय नेता की भूमिका निभा रही थी। उनके पति को देश से बाहर निकाल दिया गया था, जिसके पश्चात होने अवध का शासन संभाला। विद्रोह के दौरान लखनऊ को अंग्रेजों ने उनके नियंत्रण से छीन लिया और विद्रोह कुछ ले जाने के बाद उनसे उनकी सारी रियासत ले ली गई थी। र उन्हें भारत छोड़कर नेपाल जाता देना पड़ा था। वही उनका देहांत हुआ।
- सेनापति बापट: सेनापति बापट सत्याग्रह के नेता थे इसलिए उन्हें सेनापति के नाम से जाना जाता है। स्वतंत्रता में उन्हें पहली बार पुणे में भारतीय ध्वज फहराने के लिए सम्मान मिला था। हालांकि उन्हें तोड़फोड़ और सरकार के खिलाफ भाषण देने के कारण गिरफ्तार भी किया गया था, क्योंकि वह सत्याग्रही थे इसलिए हिंसा का मार्ग नहीं सुन सकते थे।
- पोट्टी श्रीरामलू: पोट्टी श्रीरामलू महात्मा गांधी के कट्टर भक्त थे और उनके अंदर महात्मा गांधी के उद्देश्यों और उनके मानवीय दृष्टिकोण के प्रति सच्ची निष्ठादेखी जा सकती थी। गांधीजी ने श्रीराम उल्लू के बारे में एक बात कही थी कि “अगर मेरे पास पोट्टी श्रीरामलू जैसे अगर 11 और समर्थक आ जाए तो मैं 1 वर्ष में स्वतंत्रता हासिल कर लूंगा।”
- बीकाजी कामा: बीकाजी कामा के नाम से वर्तमान समय में देश में काफी सारी सड़कें और भवन है। लेकिन बहुत से कम लोगों को उनकी पहचान पता है और ना ही उनके कामों से कोई अवगत है। वह भारत में लैंगिक समानता के पक्ष में नेता थे, जिन्होंने लड़कियों के लिए अनाथालय बनाने के लिए कई मशक्कत की थी। सन 1960 इंटरनेशनल सोशल इस कांफ्रेंस जर्मनी में भारत का झंडा फहराया था।
यह सभी भारत के महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानी है जिनके नाम कोई नहीं जानता।
निष्कर्ष
आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया (भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायक | bhartiya swatantrata sangram ke gumnam nayak) के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।
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