दोस्तों, आजकल के खानपान की वजह से बीमारियां भी बढ़ती जा रही है। ऐसी ही एक बीमारी डायबिटीज के बारे में भी आपने जरूर सुना होगा, जो कि अत्यधिक मात्रा में मीठा खाने से हो जाती है। यह खतरनाक बीमारी है, परंतु इसके लिए insulin नाम की दवाई उपलब्ध है।
आज के इस लेख में हम जानेंगे कि insulin ki khoj kisne ki thi. साथ ही insulin से जुड़ी अन्य जानकारियों को भी पढ़ेंगे। तो चलिए लेख को शुरू करते हैं –
Insulin क्या है? | What is insulin?
इंसुलिन अग्नाशय के द्वारा बनाए जाने वाला हार्मोन होता है। यह हमारे शरीर को active रखने में अहम भूमिका निभाता है। यह हमारे शरीर के ग्लूकोस के level को control करता है। हमारे शरीर को energetic रहने के लिए शुगर की जरूरत होती है, लेकिन शुगर कभी भी सीधे रूप में हमारे शरीर के organs को नहीं मिलती। इसके लिए insulin हार्मोन की आवश्यकता होती है।
Insulin की कार्य प्रणाली और importance
जब हम खाना खाते हैं तो शरीर में उपस्थित बीटा सेल अग्नाशय को संकेत देते हैं। अग्नाशय में निर्मित insulin हमारे द्वारा खाए गए खाने में से शुगर को निकालकर शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंचाता है। जिससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।
जब यह बीटा सेल खराब हो जाते हैं तो अग्नाशय को signal नहीं मिल पाता और जिसकी वजह से इंसुलिन हमारे द्वारा खाए गए खाने में से sugar अलग नही कर पाता है। इसकी वजह से diabetes की बीमारी हो जाती है।
डायबिटीज को रोकने के लिए इंसुलिन के इंजेक्शन दिये जाते हैं जिससे खाने मे मौजूद sugar को इंसुलिन शरीर के सभी भाग तक पहुंचा पाए।
इंसुलिन की खोज किसने की थी? | Insulin ki khoj kisne ki thi
इंसुलिन की खोज सन 1921 में की गई थी। यह कनाडा में रहने वाले मेडिकल साइंटिस्ट Frederick Grant Banting और उनके साथी JJR Macleod के द्वारा की गई थी। इंसुलिन की खोज करने के लिए उन्हें सन 1923 में नोबेल पुरस्कार से भी नवाजा गया था।
Insulin की खोज कैसे हुई? | How was insulin discovered?
इंसुलिन की खोज होने से पहले जब डायबिटिक मरीज डॉक्टर के पास जाते थे, तो चिकित्सक इसका पता नहीं लगा पाते थे कि यह बीमारी किस वजह से हो रही है या कौन से अंग की वजह से हो रही है।
सन् 1975 मे,
सन 1775 में Matthew Dobson नाम के एक डॉक्टर ने पता लगाया कि डायबिटीज वाले मरीज के केवल मूत्र मे ही शुगर मौजूद नहीं है बल्कि उनके रक्त में भी पाई जाती है। इससे यह बात तय हो गई कि डायबिटीज किडनी का रोग नहीं है बल्कि शरीर के पाचन तंत्र और मेटाबॉलिज्म से संबंधित है।
सन 1889 में
सन 1889 में साइंटिस्ट यह शोध कर रहे थे कि क्या बिना अग्नाशय के कुत्ता जीवित रह सकता है? जिसके लिए उन्होंने एक कुत्ते का अग्नाशय निकाल दिया। कुत्ता जीवित तो रहा लेकिन वह प्रोटीन और वसा को नहीं पचा पा रहा था और उसमें डायबिटीज के बीमारी के लक्षण दिखने लगे। इससे पता लगा कि डायबिटीज की बीमारी अग्नाशय से संबंधित है और इसका इलाज भी इसी में छिपा है।
सन 1908 में
सन 1908 में डायबिटीज की वजह से शरीर में होने वाले बदलाव को देखते हुए Eugene Lindsay OP नाम की एक दवाई तैयार की गई और उसे 8 मरीजों पर आजमा कर देखा गया। पहले तो उनके डायबिटीज में कुछ सुधार हुआ, परंतु साथ ही दवाई की वजह से side effect भी हुए थे जिसकी वजह से इस दवाई को छोड़ना पड़ा।
सन् 1921 मे
सन् 1921 मे डायबिटीज बनाने की जिम्मेदारी Frederick Grant Banting और Herbert Best को दे दी गई। बहुत सारी दवाइयां बनाई गई, लेकिन उनके साइड इफेक्ट भी होते थे, जिसकी वजह से सभी सैंपल फेल हो गए।
काफी रिसर्च करने के बाद इंसुलिन बनाया गया इसे सन् 1922 में डायबिटीज के रोगियों पर आजमाया तो उसके बेहतरीन परिणाम सामने आए। यह दवाई बिना साइड इफेक्ट के मरीजों के डायबिटीज को धीरे धीरे ठीक करती रही और आज के समय मे भी डायबिटीज के मरीजों को डॉक्टरों के द्वारा इंसुलिन ही दी जाती है।
डायबिटीज रोगी के लिए insulin injection लेने का सही तरीका
हर दवाई को लेने का एक नियम होता है। डायबिटीज के मरीज को इंसुलिन का इंजेक्शन कब और किस तरह से लेना चाहिए, इसका तरीका हम आपको बताने वाले हैं, तो चलिए जानते हैं:-
इंसुलिन का इंजेक्शन खाना खाने से लगभग 10 से 15 मिनट पहले लेना चाहिए और इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि यदि आपने इंजेक्शन ले लिया है तो उसके बाद कुछ खाना बेहद जरूरी होता है, नहीं तो आपका शुगर लेवल कम हो सकता है।
Insulin की कमी से होने वाले रोग
यदि शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है तो मरीज की सांस तेज चलने लगती है, सांस से बदबू आने लगती है, मुंह और त्वचा सूखने लगता है, vomiting का अंदेशा रहता है और पेट में दर्द हो सकता है। यह situation जानलेवा भी हो सकती है।
निष्कर्ष
दोस्तों, आज के इस लेख में हमने insulin ki khoj kisne ki thi इसके बारे में जानकारी प्राप्त की है। यदि यह जानकारी आपको पसंद आई हो, तो इस लेख को अपने दोस्तों और फैमिली के साथ भी जरूर साझा करें। अगर इस लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न आपके मन में है तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।
FAQ
मानव निर्मित इन्सुलिन का नाम क्या है?
धूम्यूलिन एक मानव निर्मित इंसुलिन है।
इन्सुलिन कहाँ पाया जाता है?
इंसुलिन एक प्रकार का हार्मोन है जो अग्न्याशय में निर्मित होता है। हमारा पेट कार्बोहाइड्रेट को ब्लड शुगर में बदल देता है। यह रक्त शर्करा इंसुलिन के माध्यम से ऊर्जा में परिवर्तित होता है। यदि अग्न्याशय इंसुलिन बनाना बंद कर देता है, तो रक्त ग्लूकोज ऊर्जा में परिवर्तित नहीं होगा।
इंसुलिन कितने का आता है?
ऑल इंडिया केमिस्ट्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन के अध्यक्ष कैलाश गुप्ता ने कहा कि सबसे कम कीमत वाला इंसुलिन इंजेक्शन 110 रुपये और उच्चतम कीमत वाला इंजेक्शन 4840 रुपये है।
इंसुलिन का उत्पादन कौन करता है?
इंसुलिन अग्न्याशय द्वारा निर्मित एक आवश्यक हार्मोन है। इसकी मुख्य भूमिका हमारे शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित करना है।
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