आज का यह लेख हमारे आहार के एक जरूरी पोषक तत्व से जुड़ा है। आज के इस लेख का विषय है Iodine Ki Kami Se Kon Sa Rog Hota Hai. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आयोडीन की कमी से शरीर को कौन से रोग लग सकते हैं। आयोडीन शरीर के लिए क्यों जरूरी है? आयोडीन क्या होता है? शरीर में आयोडीन की कमी के क्या लक्षण है इत्यादि। तो आप हमारे साथ इस लेख में अंत तक बने रहे।
आयोडीन क्या होता है?
आयोडीन को अवकारक लवण भी कहा जाता है। यह एक रासायनिक तत्व होता है, जो हमारे शरीर में थायराइड नामक रसायन बनाने के लिए जरूरी होता है। थायराइड, शरीर के सही विकास के लिए responsible है।
आयोडीन एक पोषक तत्व है, जो कि अन्य पोषक तत्व यानी प्रोटीन, विटामिन, वसा आदि की तरह ही शरीर के लिए जरूरी होता है। Iodine हमारे भोजन में शामिल होने वाले जरूरी पोषक तत्वों में से एक है।
आयोडीन शरीर के लिए क्यों जरूरी है?
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए और शरीर के उचित विकास के लिए, हमारे द्वारा किए जाने वाले भोजन में सभी तरह के पोषक तत्वों का होना जरूरी होता है।
जिस तरह से प्रोटीन, विटामिन, वसा आदि शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व , उसी तरह से आयोडीन भी शरीर के लिए प्रमुख पोषक तत्व में से एक है।
आयोडीन शरीर में थायराइड नाम का रसायन बनाता है, जो शरीर के संतुलित विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। हार्ट रेट, मांसपेशियों का विकास, शरीर का वेट नियंत्रण में रहे और बेहतर काम करें, यह सब कार्य आयोडीन पर निर्भर होते हैं।
Iodine शरीर के लिए जरूरी है क्योंकि आयोडीन की कमी हो जाने के कारण नींद ज्यादा आने लगती है और पेशेंट ध्यान लगाकर काम नहीं कर पाता। आयोडीन की कमी से जोड़ों में और मांसपेशियों में दर्द भी होता है, यहां तक कि पेशेंट डिप्रेशन का शिकार भी हो सकता है।
व्यस्कों को आमतौर पर 1 दिन में 150 माइक्रोग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है जबकि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 1 दिन में लगभग 200 माइक्रोग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है। दोस्तों, बेशक प्रतिदिन ली जाने वाली आयोडीन की मात्रा बहुत कम हो, परंतु इसकी कमी शरीर को बहुत बड़े नुकसान पहुंचा सकती है।
शरीर में आयोडीन की कमी के लक्षण
आयोडीन एक पोषक तत्व है जो मानवके स्वस्थ शरीर के लिए अन्य पोषक तत्वों की तरह ही जरूरी होता है।
यदि शरीर में आयोडीन की कमी हो जाए तो शरीर को अनेक तरह के रोग घेर लेते हैं। यदि शरीर में आयोडीन की कमी के लक्षण का पता हो तो समय रहते ही इसका उपचार किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं कि आयोडीन की कमी के क्या लक्षण होते हैं:-
आयोडीन की कमी से वजन अचानक जाता है। गर्दन में सूजन आयोडीन की कमी का लक्षण होता है। कमजोरी या थकान महसूस होना, बालों का कम होना या बालों का झड़ना भी आयोडीन की कमी के लक्षण है। मासिक धर्म की अनियमितता या फिर गर्भावस्था से जुड़ी समस्याएं आयोडीन की कमी के सामान्य लक्षण है।
यदि सामान्य से अधिक ठंड , त्वचा सूखी और परतदार हो और हार्ट रेट असामान्य हो, तो यह भी आयोडीन की कमी के लक्षण होते हैं। यदि बच्चे के दांतों का विकास नहीं हो रहा हो, या फिर बच्चा मंदबुद्धि की तरह बर्ताव करें तो यह आयोडीन की कमी के लक्षण होते है।
आयोडीन की कमी से कौन सा रोग होता है?
Iodine की कमी से होने वाले विकार को आईडीडी यानी आयोडीन डिफिशिएंसी कहते हैं। जर्नल ऑफ़ फैमिली मेडिसिन एंड प्रायमरी केयर के सर्वे के अनुसार भारत की आबादी में से 20 करोड़ लोगों में आयोडीन की कमी यानी आईडीडी होने का खतरा है।
भारत में लगभग 7.1 करोड़ लोग गवाइटर से पीड़ित है। यदि दुनिया भर की बात की , तो दुनिया भर में लगभग 2 अरब लोग गाइटर से पीड़ित है। आयोडीन की कमी किसी भी age group को अपना शिकार बना सकती है। चलिए जानते हैं कि Iodine Ki Kami Se Kon Sa Rog Hota Hai.
आयोडीन की कमी से घेंघा रोग यानी गोइटर हो जाता है। इस रोग की वजह से गले के पास पाए जाने वाले थायराइड ग्लैंड में सूजन आ जाती है।
यदि गर्भवती महिलाएं अपनी गर्भावस्था के दौरान आयोडीन की मात्रा कम लेती हैं तो पैदा होने वाला बच्चा सीखने की कमजोर क्षमता के साथ पैदा होता है।
Iodine deficiency के कारण बच्चों का बौद्धिक स्तर 10 से 15% तक कम हो सकता है। आयोडीन की कमी से हार्ट का साइज बढ़ जाता है। आयोडीन की कमी हार्ट फेल का कारण भी बन सकती है।
आयोडीन की कमी से महिलाओं में अवसाद जैसी समस्याएं जाती है।
आयोडीन की कमी बांझपन का कारण भी बनता है। आयोडीन की कमी वाली महिलाओं में प्रेग्नेंट होने की संभावना 40% तक कम हो जाती है।
गर्भवती महिलाओं में आयोडीन की कमी के कारण मृत बच्चे का जन्म, गर्भपात या फिर नवजात जन्म से ही कमजोर होने का जोखिम बढ़ जाता है।
आयोडीन युक्त नमक
इंडिया आयोडीन ने 2018-19 में सर्वे किया है और इस सर्वे के अनुसार भारत में 85.6% लोगों को आयोडीन युक्त नमक के बारे में पता है और 74.6 प्रतिशत आबादी को इसकी कमी से होने वाले रोगों के बारे में पता है।
शरीर अपने आप आयोडीन का निर्माण नहीं करता अर्थात हमें आयोडीन की कमी को पूरा करने के लिए उसे आहार के रूप में लेना ही पड़ता है और खाने में आयोडीन युक्त नमक का use करना, एक best option है।
लेकिन आंध्र प्रदेश राजस्थान और तमिलनाडु जैसे रूम में आयोडीन के सेवन की मात्रा देश में सबसे कम है इसलिए हर वर्ष 21 अक्टूबर को आयोडीन डेफिशियेंसी डे के रूप में बनाते हैं ताकि लोगों को iodine की कमी के प्रति जागरूक बनाया जा सके।
आयोडीन की कमी चेक करने के लिए किए जाने वाले टेस्ट
Blood test या यूरिन टेस्ट से आयोडीन की कमी का पता लगाया जाता है। इसके अलावा आयोडीन की कमी पता करने के लिए आयोडीन पैच टेस्ट भी होता है।
आयोडीन की कमी को पूरा कैसे करें
आज के समय में आयोडीन की कमी को पूरा करने के लिए आयोडाइज्ड नमक का प्रयोग करना एक बेहतरीन option है। भारत में आयोडीन युक्त नमक easily available है।
अपने भोजन में साधारण नमक की जगह आयोडीन युक्त नमक प्रयोग करें। इसके अलावा अंडे, मछली, मीट, ब्रेड, डेयरी प्रोडक्ट्स, समुद्री शैवाल आदि कुछ ऐसे फूड हैं जिन में आयोडीन प्रचुर मात्रा में होता है। यदि आहार से आयोडीन की कमी पूरी नहीं हो रही है, तो डॉक्टर की सलाह से आप supplements ले सकते हैं।
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