जायसी के वियोग वर्णन की विशेषताएं क्या है?

नमस्कार दोस्तो, आपने अपने जीवन के अंतर्गत जायसी के वियोग वर्णन के बारे में तो जरूर सुना होगा, या फिर कहीं ना कहीं तो इसके बारे में जरूर पढ़ा होगा। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि जायसी के वियोग वर्णन की विशेषताएं क्या है, यदि आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।

इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि जायसी के वियोग वर्णन की विशेषताएं क्या है, हम आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी इस पोस्ट के अंतर्गत शेयर करने वाले हैं। तो ऐसे में आज का की यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है, तो इसको अंत जरूर पढ़िए।

जायसी के वियोग वर्णन की विशेषताएं क्या है?

दोस्तों यदि आपको इसके बारे में पता नहीं है कि जायसी के वियोग वर्णन की विशेषताएं क्या है, तो आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं कि जायसी के वियोग वर्णन के अंतर्गत हमें निम्न अलग-अलग विशेषताएं देखने को मिलती है:-

1. दोस्तों इस जायसी के वियोग वर्णन के अंतर्गत हमें वेदांत की प्रधानता काफी देखने को मिलती है, जायसी के विरह वर्णन में वेदांत की अत्यधिक प्रधानता देखने को मिली है, जिसमें अलग-अलग जगह पर यह इसके बारे में वर्णन किया गया है।

2. इन सभी के अलावा इसके अंतर्गत हमें फारसी का प्रभाव भी काफी देखने को मिलता है। इसके अंतर्गत पद्मावत के अंतर्गत एक नेक ऐसे स्थल मौजूद हैं, जहां पर हमें फारसी पद्धति देखने को मिलती है, तथा वह फारसी पद्धति पर अभिव्यक्त हैं।

3. इनके अंतर्गत रतन सेन तथा नागमती विषयक विरह पद्मावत के कई अलग-अलग स्थलों के अंतर्गत देखने को मिलता है, जिन की सूची निम्न है:-

आज आपने क्या सीखा

तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको बताया कि जायसी के वियोग वर्णन की विशेषताएं बताई है, हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत के विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। इसके अलावा हमने आपके साथ इस पोस्ट के अंतर्गत जायसी के वियोग वर्णन से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां शेयर की है, जैसे कि जायसी के वियोग वर्णन के अलग-अलग क्षेत्रों के अंतर्गत क्या-क्या अलग-अलग विशेषताएं देखने को मिलती है।

आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह इंफॉर्मेशन पसंद आई है, तथा आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है। इस पोस्ट को सोशल मीडिया के माध्यम से आगे शेयर जरूर करें, तथा इस विषय के बारे में अपनी राय हमें नीचे कमेंट में जरूर बताएं

FAQ

जायसी के विरह वर्णन की क्या विशेषता है?

न तो कोयल ने और न ही पपिहरा ने कुछ सुना। जॉयस के वियोग के वर्णन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें हृदय की पीड़ा को सामान्य रूप से अभिव्यक्त किया गया है। वियोग-विवरण में यदि वस्तु प्रधान हो जाय तो वह हृदय को स्पर्श नहीं कर सकती। जैसे – चिड़िया जहाँ गिरे, वहाँ बिछुड़ने की बात हो। सोइ पंखि जय दही तरिवर होई निपत।

जायसी कौन से संप्रदाय के थे?

मलिक मोहम्मद जायसी, हिंदी के प्रमुख सूफी कवि, इसी मेहदवी संप्रदाय के थे और शेख बुरहान के शिष्य थे।

जायसी का प्रमुख अलंकार कौन सा है?

जॉयस ने अलंकारों के प्रयोग में पूरी उदारता के साथ कार्य किया है। रूप-विवरण, युद्ध, प्रकृति-चित्रण तथा आध्यात्मिक तत्त्वों की रहस्य-योजना में अलंकारों की पूरी सहायता ली गई है। आपके प्रिय आभूषणों में उपमा, रूपक, रूपक, रूपक आदि का विशेष रूप से प्रयोग किया गया है। जायसी हिन्दी के प्रथम महाकाव्य के रचयिता हैं।

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