कोलकाता भारत का एक सबसे आकर्षक घूमने का स्थल है यहां पर दूर-दूर से पर्यटक आते हैं और यहां के आकर्षक जगहों पर घूमते हैं। कोलकाता शहर में बहुत बड़े-बड़े इतिहास ओं को ढूंढा गया है शहर की संस्कृति बहुत ही सुंदर और पवित्र है। कोलकाता शहर अपने भव्य कलाओं और संस्कृतियों के लिए जाना जाता है। यहां पर बहुत से प्राचीन पर्यटन स्थल भी मौजूद हैं जो बहुत ही भव्य एवं आकर्षक दिखाई पड़ते हैं।
कोलकाता एक सस्ता शहर है जहां पर अभी तक हाथ रिक्शा चलता है। और यहां पर बिना ज्यादा खर्च किए अधिक से अधिक जगहों पर घुमा जा सकता है। शहर के बारे में इतनी आकर्षक बातें जाने के बाद कभी-कभी लोगों का यह भी सवाल आता है, कि कोलकाता की राजधानी क्या है, और कोलकाता का पुराना नाम क्या था?
आज के इस लेख में हम आपको कोलकाता शहर से जुड़ी कई अनोखी चीजों के बारे में जानकारी देंगे। जिससे आपको पता चल पाएगा कि कोलकाता की राजधानी क्या है? और कोलकाता का पुराना नाम क्या था? कृपया इस लेख को पूरा पढ़ें।
कोलकाता की राजधानी क्या है?
हम आपको यह जानकारी देना चाहेंगे कि कोलकाता की कोई भी राजधानी नहीं है बल्कि कोलकाता स्वयं ही एक राजधानी है। कोलकाता पश्चिम बंगाल की राजधानी है। साथ ही यह पश्चिम बंगाल का एक राज्य भी है। जो कि पश्चिम बंगाल की सीमा से 80 किलोमीटर दूरी पर बसा हुआ है। कोलकाता शहर हुगली नदी के किनारे स्थित है, शायद आपको इस बात की जानकारी नहीं होगी कि सबसे पहले कोलकाता को ही भारत की राजधानी बनाया गया था। क्योंकि कोलकाता संस्कृति एवं शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही बड़ा शहर है।
कोलकाता को 1972 ईस्वी में भारत की राजधानी बनाई गई थी। क्योंकि उस समय इस शहर को सबसे अधिक आबादी वाला देश माना जाता था। कुछ समय तो कोलकाता एक प्रगतिशील देश रहा लेकिन कुछ समय बीतने के बाद यहां बहुत नक्सलवाद भी शुरू हो गए। और यहां की आबादी भी कम होने लगी। जिसको देखते हुए 11 फरवरी 1911 को दिल्ली को भारत की राजधानी बनाने का मत रखा गया। और 13 फरवरी 1931 को भारत की राजधानी दिल्ली को बना दिया गया।
हम आपको यह बता दें कि कोलकाता भारत का पांचवा सबसे बड़ा बंदरगाह है जहां से समुद्र के द्वारा बहुत से वस्तुओं का आयात और निर्यात किया जाता हैं। सबसे बड़ा बंदरगाह होने के साथ-साथ यह शहर भारत का सबसे बड़ा महानगर भी है। कोलकाता में भारत का दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। ऐसा भी कहा जाता है कि कोलकाता का हावड़ा स्टेशन भारत का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है। इस शहर में घूमने के लिए कई बड़े-बड़े पर्यटक स्थल भी हैं। इस शहर में भारत का सबसे सुंदर चिड़ियाघर भी है। जैसे- काली घाटी मंदिर, हावड़ा ब्रिज, इको टूरिज़्म पार्क, भारतीय संग्रहालय इत्यादि।
कोलकाता का पुराना नाम क्या था?
कोलकाता का पुराना नाम “कैलकटा” था। इसका नाम बदल कर कोलकाता रखा गया। कैलकटा नाम ब्रिटिश सरकार द्वारा रखा गया एक अंग्रेजी नाम है। लेकिन कोलकाता में बंगाली भाषा बोली जाती है। जिसके कारण कोलकाता शहर में रहने वाले निवासी इसे कैलकटा बोलने के बजाय कोलिकाता और कोलकाता बुलाते थे। साथ ही हिंदी बोलने वाले समुदाय के लोग इसे कैलकटा की बजाए कलकत्ता बुलाते थे। इसलिए इसका इस शहर का नाम कैलकटा से बदलकर 1 जनवरी 2001 को कोलकाता रख दिया गया।
कोलकाता का पुराना नाम अलीनगर भी था। बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला ने 1746 में कोलकाता पर आक्रमण किया और जीत हासिल की। और बंगाल के नवाब सिराजुद्दोला ने इस शहर का नाम अलीनगर रखा। लेकिन 1 साल के बाद सिराजुद्दौला अंग्रेजों से हार गया, जिसके बाद अंग्रजो ने इस शहर का नाम बदलकर कैलकटा रखा । कोलकाता शहर के नाम को लेकर कुछ कहानियां भी मशहूर हैं। सबसे मशहूर कहानी यह है कि कोलकाता नाम की उत्पत्ति हिंदुओं की देवी काली के नाम से हुई है। इस तरह से कोलकाता शहर का नामकरण हुआ।
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कोलकाता का तापमान
वार्षिक औसत तापमान 26.8 डिग्री सेल्सियस (80.2 डिग्री फारेनहाइट) है; मासिक औसत तापमान 19-30 डिग्री सेल्सियस (66-86 डिग्री फारेनहाइट) है। ग्रीष्मकाल (मार्च-जून) गर्म और आर्द्र होते हैं, जिनका तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से कम होता है; शुष्क अवधि के दौरान, मई और जून में अधिकतम तापमान कभी-कभी 40 डिग्री सेल्सियस (104 डिग्री फारेनहाइट) से अधिक हो जाता है। दिसंबर और जनवरी में मौसमी न्यूनतम तापमान 9-11 डिग्री सेल्सियस (48-52 डिग्री फारेनहाइट) तक गिरने के साथ सर्दी लगभग ढाई महीने तक चलती है।
मई 27-37 डिग्री सेल्सियस (81-99 डिग्री फारेनहाइट) के दैनिक तापमान के साथ सबसे गर्म महीना है; जनवरी, सबसे ठंडा महीना, तापमान 12-23 डिग्री सेल्सियस (54-73 डिग्री फारेनहाइट) से भिन्न होता है। उच्चतम दर्ज तापमान 43.9 डिग्री सेल्सियस (111.0 डिग्री फारेनहाइट) है, और सबसे कम 5 डिग्री सेल्सियस (41 डिग्री फारेनहाइट) है। सर्दियाँ हल्की होती हैं और शहर इस पूरे मौसम में बहुत आरामदायक मौसम का अनुभव करता है। अक्सर, अप्रैल-जून में, शहर में भारी बारिश या धूल भरी आंधी आती है, इसके बाद गरज या ओलावृष्टि होती है, जो प्रचलित आर्द्रता से ठंडी हो जाती है। ये गरज प्रकृति में संवहनीय हैं, और स्थानीय रूप से अंग्रेजी में काल बिशाखी (কালীশাখী), या “Nor’westers” के रूप में जाने जाते हैं।
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निष्कर्ष
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FAQ
कलकत्ता की स्थापना कब हुई?
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता की स्थापना अगस्त 1690 में जॉब चार्नॉक ने की थी।
कोलकाता से पहले भारत की राजधानी क्या थी?
ब्रिटिश राज के दौरान 1911 तक कलकत्ता भारत की राजधानी थी। 19वीं सदी के अंत तक शिमला ग्रीष्मकालीन राजधानी बन गया था। किंग जॉर्ज पंचम ने 1911 के शाही दरबार के चरमोत्कर्ष पर 12 दिसंबर 1911 को राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा की।
कोलकाता में कौन सी नदी है?
लंबे समय से हावड़ा ब्रिज कलकत्ता (अब कोलकाता), हावड़ा और हुगली नदियों की पहचान बना हुआ है। पुल की सुंदरता नदी में है और नदी की सुंदरता पुल में है। आप हुगली नदी, गंगा की धारा, कोलकाता और हावड़ा दोनों शहरों की जीवन रेखा कह सकते हैं।
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