मनोविज्ञान मन का विज्ञान है किसने कहा?

मनोविज्ञान एक ऐसी विद्या एवं स्थिति है जिसके द्वारा हम किसी भी प्राणी के मन की स्थिति को समझ सकते हैं। साथ ही उसके व्यवहार को भी समझ सकते हैं। मनोविज्ञान को मन का विज्ञान कहा जाता है। किसी विद्वान ने कहा है कि मनोविज्ञान मन का विज्ञान है। चलिए आज हम जानेंगे कि मनोविज्ञान मन का विज्ञान है किसने कहा?

आज के इस लेख द्वारा हम मनोविज्ञान से जुड़ी जानकारियां प्राप्त करेंगे। यदि आपको भी मनोविज्ञान में रुचि हो तो इसलिए को अवश्य पढ़ें।

मनोविज्ञान किसे कहते हैं? | manovigyan kise kahate hain in hindi

मनोविज्ञान का शाब्दिक अर्थ होता है मन का विज्ञान। इसलिए हम कह सकते हैं कि मन का विज्ञान है मनोविज्ञान कहलाता है। मनोविज्ञान मन के अलावा आत्मा तथा मानसिक क्रियाओं से संबंधित है। मनोविज्ञान अनुभव और व्यवहार का विज्ञान है जो हमें बताता है कि मन कैसे काम करता है और कैसे व्यवहार करता है? मनोविज्ञान किसी भी व्यक्ति के व्यवहार को पहले से बदला सकता है और एक निश्चित सीमा तक उसके व्यवहार को नियंत्रित भी कर सकता है।

मनोविज्ञान (Psychology) दो शब्दों से मिलकर बना है।  साइको जिसका अर्थ है आत्मा और लॉजी जिसका अर्थ है विचार। यह दोनों शब्द ग्रीक भाषा से लिए गए हैं। मनोविज्ञान का अर्थ है, आत्मा के बारे में सोचना।

प्राचीन समय में मनोविज्ञान को फिलॉसफी की एक शाखा के रूप में देखा जाता था परंतु सन 18 सो 79 ईस्वी में जब विल हेल्प वक्त ने मनोविज्ञान की पहली प्रयोगशाला खोले तो फिलॉसफी की एक शाखा के रूप में नहीं बल्कि स्वतंत्र विज्ञान का दर्जा दिया गया। तथा इसे साइकोलॉजी यानी मनोविज्ञान कहा गया।

मनोविज्ञान मन का विज्ञान है किसने कहा? | manovigyan man ka vigyan hai kisne kaha

manovigyan man ka vigyan hai kisne kaha

मनोविज्ञान से संबंधित कई विद्वानों ने अलग-अलग परिभाषाएं दी हैं जिसमें से विलियम जेम्स ने कहा कि मनोविज्ञान मन का विज्ञान है। सन 1879 में विलियम जेम्स ने मनोविज्ञान को मानसिक जीवन का विज्ञान बताया। सर्वप्रथम मनोविज्ञान को आत्मा का विज्ञान कहा गया था परंतु विलियम जेम्स ने इस परिभाषा को बदल दिया और कहा की मनोविज्ञान मन का विज्ञान है।

कई लोगों ने इस परिभाषा का समर्थन किया और दशकों तक ऐसे ही मनोविज्ञान की परिभाषा के रूप में माना। हालांकि इस अर्थ का विरोध भी किया गया जिसमें से जॉन बी वाटसन प्रमुख विद्वान थे। उन्होंने 1913 में कहा कि मनोविज्ञान नहीं बल्कि अनुशासन के द्वारा किसी भी व्यक्ति के व्यवहार की भविष्यवाणी की जा सकती है और उसे नियंत्रण किया जा सकता है।

हालांकि अधिकतर लोग विलियम जेम्स के द्वारा दी गई मनोविज्ञान की परिभाषा को अधिक मजबूत मानते हैं।

अन्य विद्वानों द्वारा दी गई मनोविज्ञान की परिभाषाएं (Phycology Definitions)

विलियम जेम्स के अलावा अन्य विद्वानों ने भी मनोविज्ञान के लिए कुछ बातें कहीं हैं।

प्लेटो के अनुसार,” मनुष्य में आत्मा पाई जाती है जिसमें भाव होते हैं और उन्हें भावों के कारण मनुष्य किसी परम सत्ता को ईश्वर मांगता है। प्लेटो के अनुसार आत्मा ही परमात्मा है।“

सारे व टेलफोर्ड के अनुसार, ” शिक्षा मनोविज्ञान का मुख्य संबंध सीखने से है। मनोविज्ञान का वह अंग है जो शिक्षा के मनोवैज्ञानिक पर्वों की वैज्ञानिक खोज से विशेष रूप से संबंधित है।”

जे. एम.स्टीफन के अनुसार, ” शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षिक विकास का क्रमिक अध्ययन है।”

विलियम जेम्स कौन थे? | william james kaun tha

विलियम जेम्स एक अमेरिकी दार्शनिक एवं मनोवैज्ञानिक थे जिनका जन्म 11 जनवरी सन 1842 में न्यूयॉर्क शहर में हुआ था। इन्होंने मनोविज्ञान को सायकोलॉजी से अलग किया था इसलिए इन्हें मनोविज्ञान का जनक माना जाता है। विलियम जेम्स ने मनोविज्ञान के ऊपर एक सुप्रसिद्ध किताब भी लिखी है जिसका नाम प्रिंसिपल्स ऑफ़ साइकोलॉजी है।

18 सो 90 में विलियम जेम्स ने यह किताब लिखी थी और इस किताब के प्रकाशित होने के बाद से ही मनोविज्ञान के क्षेत्र में खलबली मच गई थी। इस किताब को लिखने के बाद से ही विलियम जेम्स विख्यात हो गए थे। लोग इनकी लेखन शैली और अभिव्यक्ति से काफी प्रभावित भी हुए थे।

विलियम जेम्स को शुरू से ही विज्ञान में काफी रूचि थी पुलिस टॉप इन्होंने हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई की और उसके बाद शरीर विज्ञान मनोविज्ञान इत्यादि की भी पढ़ाई पूरी की।

ऐसे तो जेम्स के पहले भी कई विद्वानों ने मनोविज्ञान के ऊपर किताब लिखी परंतु विलियम जेम्स द्वारा लिखी गई पुस्तक में मनोविज्ञान से संबंधित कुछ ऐसे तथ्य थे जिससे लोग काफी प्रभावित हुए। इन्होंने कई अन्य पुस्तकें भी लिखे जो कि काफी प्रभावी थी। विलियम जेम्स की मृत्यु 26 अगस्त 1910 ईस्वी को हो गई थी।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के इस लेख में हमने आपको बताया कि मनोविज्ञान मन का विज्ञान है किसने कहा? मिलेगी इसकी के द्वारा आपको मनोविज्ञान से संबंधित अन्य जानकारियां भी मिल पाई होगी। यदि आपके मन में इस लेख से संबंधित कोई प्रश्न हो तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं।

FAQ

भारतीय मनोविज्ञान के जनक कौन है?

आधुनिक प्रायोगिक मनोविज्ञान की शुरुआत कलकत्ता विश्वविद्यालय में भारतीय मनोवैज्ञानिक डॉ. एन.एन. सेनगुप्ता द्वारा की गई थी, जो वुंड्ट की प्रयोगात्मक परंपरा में अमेरिका में प्रशिक्षित थे, बहुत प्रभावित थे।

मनोविज्ञान की खोज किसने की थी?

विल्हेम वुंड्ट मनोविज्ञान के पिता के रूप में सबसे अधिक पहचाने जाने वाले व्यक्ति हैं।

मनोविज्ञान की प्रथम पुस्तक कौन सी है?

मनोविज्ञान पर पहली पुस्तक “प्रिंसिपल साइकोलॉजी” एक अमेरिकी दार्शनिक और मनोवैज्ञानिक विलियम जेम्स द्वारा मनोविज्ञान के बारे में थी। यह वर्ष 1895 में प्रकाशित हुआ था। जेम्स को कार्यात्मकता में उनके योगदान के लिए भी जाना जाता था, जो मनोविज्ञान में विचार के शुरुआती स्कूलों में से एक था।

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