म्युचुअल फंड के फायदे और नुकसान – म्युचुअल फंड एक सुरक्षित निवेश माना जाता है क्योंकि इसे कम पैसों के साथ भी शुरू किया जा सकता है और इसमें risk भी कम होता है। गोल्ड में निवेश, रियल एस्टेट में निवेश इत्यादि महंगे निवेश होते हैं। इसलिए म्युचुअल फंड सब की पहली पसंद है, परंतु फिर भी म्युचुअल फंड के फायदे और नुकसान जानकर यह मुझे फंड में निवेश करना चाहिए।
दोस्तों, यदि आप म्युचुअल फंड मे निवेश करने का सोच रहे हैं तो म्युचुअल फंड के फायदे और नुकसान के बारे में इस लेख में जानकारी दी गई है। म्युचुअल फंड के लाभ और हानि जानने के बाद ही आप म्युचुअल फंड में निवेश करें ताकि आप अच्छा रिटर्न पा सकें। आइये म्युचुअल फंड के benefits और losses के बारे में जाने –
म्युचुअल फंड के फायदे और नुकसान (mutual fund benefits in Hindi)
म्युचुअल फंड के निम्न फायदे हैं
प्रोफेशनल मैनेजमेंट की सुविधा
म्युचुअल फंड को professional management ही manage करता है। इसलिए आपकी राशि का कुछ हिस्सा expense ratio के रूप में काट लिया जाता है। यह पोर्टफोलियो मैनेज करने वाले management को दिया जाता है।
जब फंड मैनेजर अपने अनुभव और ज्ञान के आधार पर आपके पोर्टफोलियो मे रिस्क कम करने का प्रयास करते हैं। यदि आप अपने आप म्युचुअल फंड को मैनेज करने की कोशिश करेंगे तो आप नुकसान भी उठा सकते हैं या फिर आप इतना अच्छा रिटर्न नहीं प्राप्त कर पाते हैं। इसीलिए प्रोफेशनल मैनेजमेंट की सुविधा लेना सही रहता है।
कम कैपिटल के साथ निवेश
यदि आप सीधे स्टॉक मार्केट में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपको अधिक capital की जरूरत होगी, परंतु बहुत कम पैसे से म्युचुअल फंड में निवेश करके आप स्टॉक मार्केट के return का आसानी से फायदा उठा सकते हैं। म्युचुअल फंड की सबसे बड़ी सुविधा यही है कि आप ₹500 से लेकर SIP की शुरुआत कर सकते हैं और यदि आप लम सम की शुरुआत करना चाहते हैं तो वह भी आप ₹1000 से कर सकते हैं।
अच्छा return और power of compounding
म्युचुअल फंड में निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आपको दूसरे निवेशों के मुकाबले आकर्षक और अधिक रिटर्न मिलता है। यहां पर आपको पावर आफ कंपाउंडिंग देखने को मिलती है। जितने ज्यादा लंबे समय के लिए आप इन्वेस्टमेंट को hold करेंगे आपका रिटर्न उतनी ही तेजी से बढ़ेगा।
Diversified investment
म्युचुअल फंड का एक बड़ा फायदा यह होता है कि यह आपके पैसों को एक ही जगह पर नहीं बल्कि अलग-अलग सेक्टर में निवेश करता है, जिससे आपके निवेश में एक विविधता बनी रहती है। इसीलिए यदि किसी सेक्टर में गिरावट भी आ जाए तो आपके पोर्टफोलियो पर इतना असर नहीं पड़ता।
Safe निवेश
म्युचुअल फंड का रेगुलेटर sebi है जो सभी प्रकार के broker पर नियंत्रण रखता है और उन्हें नियमों का पालन करने के लिए force करता है। जिस प्रकार से सभी बैंकों का रेगुलेटर RBI होता है उसी प्रकार से म्युचुअल फंड का रेगुलेटर sebi होता है। Sebi सभी म्युचुअल फंड हाउसों को अपने अधीन पर registered करता है इसीलिए आपका निवेश म्युचुअल फंड में बिल्कुल safe रहता है।
निवेश करने की कम लागत
म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपको केवल एक्सपेंस रेशों की fees चुकानी होती है और यह भी बहुत ही कम होती है। एक्सपेंस रेशों 1 – 2% के आसपास रहता है। इतनी कम लागत पर आपके account को एक प्रोफेशनल फंड मैनेजर मैनेज करता है।
निवेश करने में आसान
कुछ निवेश के विकल्प ऐसे होते हैं जिनमें निवेश करने का प्रक्रिया बहुत ही मुश्किल होती है, परंतु म्युचुअल फंड में निवेश करना बहुत ही आसान है। आप खुद asset मैनेजमेंट कंपनी की वेबसाइट पर visit करके आसानी से म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। आप घर बैठे अपने मोबाइल पर अपने पोर्टफोलियो को track भी कर सकते हैं।
अलग-अलग प्लान में निवेश करने की सुविधा
म्युचुअल फंड में बहुत सारी schemes है जिसमें आप अपने risk प्रोफाइल के अनुसार suitable स्कीम का चुनाव कर सकते हैं। म्युचुअल फंड में debt, हाइब्रिड, इक्विटी आदि स्कीम के विकल्प उपलब्ध होता है।
Goals पाने मे सहायक
म्युचुअल फंड में व्यवस्थित तरीके से निवेश किया जाता है जिससे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में आसानी होती है। इससे आर्थिक बोझ भी नहीं बढ़ता और हम अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए saving भी होती रहती है अर्थात म्युचुअल फंड में आप अपनी जरूरत या लक्ष्यों के अनुसार निवेश कर सकते हैं।
समय की बचत
यदि आप सीधे स्टॉक मार्केट में निवेश करेंगे तो आपको लगातार मार्केट के उतार-चढ़ाव को monitor करना पड़ेगा। Research और analysis करने के लिए समय निकालना पड़ेगा, परंतु म्युचुअल फंड में ऐसा नहीं है। म्युचुअल फंड में आप एक महीने में या साल में एक बार अपने पोर्टफोलियो का रिव्यू करेंगे तब भी काम चल जाएगा।
पैसा निकालने में आसानी
कई बार ऐसा होता है कि हम निवेश तो कर देते हैं परंतु किसी कारणवश हमें पैसों की जरूरत पड़ती है तो हम अपना किया हुआ निवेश निकाल नहीं सकते अर्थात निवेश विकल्पों में lock in period रहती है परंतु म्युचुअल फंड में ऐसा नहीं है।
यदि आपको कभी जरुरत पड़ जाती है तो आप withdrawal request डाल सकते हैं और उसके दो से तीन दिन के भीतर आपके अकाउंट में पैसा क्रेडिट कर दिया जाता है।
म्युचुअल फंड के नुकसान
म्युचुअल फंड के निम्नलिखित नुकसान है :-
रिटर्न की अनिश्चितता
म्युचुअल फंड का मुनाफा सीधा शेयर मार्केट से जुड़ा होता है और शेयर मार्केट में हमेशा उतार-चढ़ाव लगा रहता है। इसीलिए आपको कितना रिटर्न मिलेगा यह fix नहीं होता परंतु यदि आप लंबे समय के लिए निवेश करते हैं तो आप यकीनन अच्छा प्रॉफिट कमा पाएंगे।
Lock in period
म्युचुअल फंड के क्लोज एंडेड स्कीम और ELSS स्कीम में lock in period होता है। बाकी किसी भी स्कीम में lock in period नहीं होता। आप lock in period पीरियड वाली scheme में उन पैसों को इन्वेस्ट करें जिनकी आपको lock in period तक आवश्यकता नहीं पड़ने वाली है, अन्यथा आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
पोर्टफोलियो को रिव्यू करना
भले ही आपकी पोर्टफोलियो को प्रोफेशनल फंड मैनेजर के द्वारा मैनेज किया जा रहा है परंतु फिर भी आपको अपने पोर्टफोलियो को रिव्यू करते रहना चाहिए। यदि कोई स्कीम अंडर परफॉर्म कर रही है तो आप किसी दूसरी स्कीम से रिप्लेस कर सकते हैं।
म्युचुअल फंड रिटर्न पर टैक्स
म्युचुअल फंड के रिटर्न पर कुछ टैक्स लगता है जो आपके मुनाफे में से कटता है। यह 10% से 15% तक हो सकता है। यदि म्युचुअल फंड में निवेश करने के बाद आपको मैच्योरिटी राशि पर भारी टैक्स देना पड़ सकता है।
म्युचुअल फंड की लागत
म्युचुअल फंड को मैनेज करने के लिए आपके द्वारा निवेश किए गए पैसों में से कुछ हिस्सा एक्सपेंस रेशों के रूप में fund house को चला जाता है। छोटी अवधि के लिए तो यह निवेश कम लगता है परंतु लंबे समय के लिए यह बहुत अधिक हो जाता है। इसलिए जब भी आप किसी mutual fund की स्कीम में निवेश करने जाएं तो उससे पहले खर्चों की अच्छी तरह से जानकारी प्राप्त कर ले।
स्टॉक मार्केट से कम रिटर्न
म्युचुअल फंड स्टॉक मार्केट में निवेश करने का एक indirect तरीका है परंतु यदि आपको स्टॉक मार्केट की अच्छी नॉलेज है तो आप म्युचुअल फंड की बजाय स्टॉक मार्केट में निवेश करके अधिक रिटर्न कमा सकते हैं।
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FAQ’s
Q. 1 क्या म्यूचुअल फंड में नुकसान हो सकता है?
Ans. Expense ratio, exit load की वसूली, lock in period, return पर लगने वाला tax की बधायता इत्यादि म्युचुअल फंड के नुकसान के रूप में जाने जाते हैं।
Q. 2 म्युचुअल फंड कितने साल तक रखना चाहिए?
Ans. कम से कम 5 से लेकर 10 साल
Q. 3 म्युचुअल फंड कितना सेफ है?
Ans. म्युचुअल फंड हाउस sebi के under आता है इसलिए म्युचुअल फंड safe होता है।
Q. 4 म्युचुअल फंड में पैसा कब लगाए?
Ans. म्युचुअल फंड में निवेश करने का सबसे बेहतरीन मौका तब होता है जब शेयर मार्केट क्रैश होता है।
निष्कर्ष
दोस्तों अपने इस लेख के माध्यम से म्युचुअल फंड के फायदे और नुकसान के बारे में जाना है, हम उम्मीद करते हैं कि म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय अब आप जागरूक होंगे और उचित रूप से लाभ हानि जानने के बाद ही निवेश करेंगे।
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इस लेख से संबंधित यदि कोई भी प्रश्न आपके मन में है या आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।
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