नमस्कार दोस्तो, यदि दोस्तों आपका संबंध पत्रकारिता या कविता से है, या फिर आप पत्रकारिता के अंतर्गत अपनी रूचि रखते हैं, तो आपने निराला जी का नाम तो जरूर सुना होगा। दोस्तों क्या आप जानते हैं, कि निराला जी ने किस पत्रिका का संपादन किया था,(nirala ji ne kis patrika ka sampadan kiya tha), यदि आपको इस विषय के बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा इसके बारे में जानना चाहते हैं, तो इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताने वाले हैं, कि निराला जी ने किस पत्रिका का संपादन किया था,(nirala ji ki pratham kavita kaun si hai) इसके अलावा हम आपको इस विषय से जुड़ी हर एक जानकारी इस पोस्ट में देने वाले हैं।
निराला जी ने किस पत्रिका का संपादन किया था? (nirala ji ne kis patrika ka sampadan kiya tha)
दोस्तों यदि कोई भी पत्रकारिता की विषय के अंतर्गत रुचि रखता है तो उसके मन में अक्सर यह सवाल होता है कि निराला जी ने किस पत्रिका का संपादन किया था, और बहुत से लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है, यदि आपको भी इसके बारे में जानकारी नहीं है, तो आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं कि निराला जी ने सन 1923 के अंतर्गत मतवाला नामक एक पत्रिका का संपादन किया था।
मतवाला पत्रिका के बारे में सबसे खास बात यह मानी जाती है , कि यह पहला व्यंग्यात्मक पत्रिका था।
निराला जी कौन थे?
अगर दोस्तों निराला जी के जीवन पर प्रकाश डाला जाए तो इनका पूरा नाम सूर्यकांत त्रिपाठी निराला था, हिंदी साहित्य की एक महान छायावाद कवि थे, इसके अलावा यह एक निबंधकार उपन्यासकार तथा अग्रिम कवि थे।
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी के द्वारा अपने जीवन के अंतर्गत अनेक कविताओं को लिखा गया था, तथा इनकी कविताओं को भारत के अंदर करती नहीं, बल्कि पूरे विश्वभर के अंतर्गत काफी पसंद किया गया था, तथा पूरे विश्वभर से इनको काफी प्यार मिला था।
अगर दोस्तों बात की जाए कि, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी के द्वारा लिखी गई प्रमुख कविताओं के अंतर्गत किन किन का नाम आता है, तो इनकी प्रमुख कविताओं की सूची के अंतर्गत सबसे ऊपर अनामिका, परिमल, गीतिका, कुकुरमुत्ता जैसी महान कविताओं का नाम आता है।
सूर्यकांत त्रिपाठी जी का जन्म बंगाल के मेहंदीपुर जिला में 21 फरवरी 1899 को हुआ था तथा उस दिन बसंत पंचमी का दिन था तो उसके बाद 1930 से हर साल वसंत पंचमी के दिन पर सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी का जन्म दिवस मनाया जाता है।
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी के द्वारा लिखी गई प्रथम कविता का नाम अनामिका था, तथा इस कविता को सन 1923 के अंतर्गत पब्लिश किया गया था। इसके अलावा अगर बात की जाएगी सूर्यकांत त्रिपाठी जी की अंतिम कविता का नाम क्या था तो आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं कि के द्वारा लिखी गई अंतिम कविता या काव्य संग्रह का नाम संध्या काली था, और इस कविता को सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी के देहांत के बाद सन 1959 के अंतर्गत पब्लिश किया गया था।
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी की प्रमुख कविताएं और रचनाय
- अनामिका (1923)
- गीतिका (1936)
- अनामिका (द्वितीय)
- परिमल (1930)
- तुलसीदास (1939)
- अणिमा (1943)
- कुकुरमुत्ता (1942)
- बेला (1946)
- अर्चना(1950)
- नये पत्ते (1946)
- आराधना (1953)
- सांध्य काकली
- गीत कुंज (1954)
- अपरा (संचयन)
- अप्सरा (1931)
- अलका (1933)
- प्रभावती (1936)
- निरुपमा (1936)
- कुल्ली भाट (1938-39)
- बिल्लेसुर बकरिहा (1942)
- चोटी की पकड़ (1946)
- काले कारनामे (1950)
- इन्दुलेखा
- चमेली
- रवीन्द्र कविता कानन (1929)
- प्रबंध पद्म (1934)
- प्रबंध प्रतिमा (1940)
- चाबुक (1942)
- चयन (1957)
- संग्रह (1963)
- लिली (1934)
- सखी (1935)
- सुकुल की बीवी (1941)
- चतुरी चमार (1945)
- देवी (1948)
निष्कर्ष
तो इस पोस्ट के अंतर्गत हमने आपको बताया कि निराला जी ने किस पत्रिका का संपादन किया था,(nirala ji ka janm kis tithi ko hua tha), इसके अलावा इस विषय से जुड़ी अन्य जानकारी अभी हमने आपके साथ शेयर की है। हमें उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई है, फिर तो आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है।
FAQ
निराला का जन्म किस तिथि को हुआ था?
निराला का जन्म 21 February 1899 को हुआ था।
निराला का अंतिम गीत कौन सा है?
अपरा : 1956 ई. निराला के जीते जी प्रकाशित यह उनका अंतिम प्रकाशित काव्य संग्रह है।
निराला जी की पुत्री का नाम क्या था?
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ ने अपनी पुत्री सरोज, जिनकी मृत्यु 18 वर्ष की आयु में हो गई थी, को याद करते हुए ‘सरोज स्मृति’ लिखी।
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