भारत के संविधान मैं कौन सा अनुच्छेद अपने राज्यों को पंचायती राज के प्रारंभ करने का निर्देश देता है?

नमस्कार दोस्तों, सविधान किसी भी देश का एक काफी ऐसा होता है तथा उसके नियमों पर ही उस देश का संचालन किया जाता है। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि भारत के संविधान मैं कौन सा अनुच्छेद अपने राज्यों को पंचायती राज के प्रारंभ करने का निर्देश देता है, यदि आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।

इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि भारत के संविधान मैं कौन सा अनुच्छेद अपने राज्यों को पंचायती राज के प्रारंभ करने का निर्देश देता है, हम आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी इस पोस्ट के अंतर्गत शेयर करने वाले हैं। तो ऐसे में आज का की यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है, तो इसको अंत जरूर पढ़िए।

भारत के संविधान मैं कौन सा अनुच्छेद अपने राज्यों को पंचायती राज के प्रारंभ करने का निर्देश देता है?

दोस्तो अक्सर कई अलग-अलग कंपटीशन एग्जाम के अंतर्गत यह सवाल पूछा जाता है, कि भारत के संविधान मैं कौन सा अनुच्छेद अपने राज्यों को पंचायती राज के प्रारंभ करने का निर्देश देता है, और बहुत लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है। यदि आपको भी इसके बारे में जानकारी नहीं है तो आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं कि भारत के अंतर्गत संविधान का अनुच्छेद 40 सभी राज्यों के अंतर्गत पंचायती राज के प्रारंभ करने का निर्देश देता है। सन 1993 के अंतर्गत भारतीय संविधान का 73वां संविधान संशोधन किया गया था, जिसके अंतर्गत भारत के सभी राज्यों को पंचायती राज स्थापित करने का निर्देश दिया गया था।

पंचायती राज क्या है?

isme kanoon gyaan bhi rakhna zaroori hai

भारत के अंतर्गत 24 अप्रैल सन 1993 के अंतर्गत पंचायती राज की स्थापना की गई थी, जिसके अंतर्गत इसी दिन सविधान के अंदर 73 वा संशोधन करके अधिनियम 1992 के तहत सभी राज्यों को पंचायती राज स्थापित करने का निर्देश दिया गया था। जिसके अंतर्गत निम्न प्रावधान किए गए थे :-

  1. इसके लिए एक त्रिस्तरीय ढांचे की स्थापना की गई थी जिसके अंतर्गत ग्राम पंचायत, पंचायत समिति तथा जिला पंचायत शामिल है।

 

  1. सभी ग्राम स्तर पर ग्राम सभा की स्थापना की गई थी।

 

  1. सभी ग्राम पंचायतों के अंतर्गत यह नियम लागू किया गया था, कि वहां पर हर 5 साल के बाद चुनाव होंगे।

 

  1. अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए उनकी जनसंख्या की सीटों के अनुसार आरक्षण दिया गया था। इसके अलावा महिलाओं के लिए भी एक तिहाई सीटों का आरक्षण में रखा गया था।

 

  1. पंचायत समिति की नीतियों के अंतर्गत सुझाव करने के लिए अलग-अलग राज्यों के अंतर्गत राज्य वित्त आयोग का गठन किया गया था।

 

  1. प्रत्येक राज्य के अंतर्गत सुचारू रूप से चुनाव करवाने के लिए राज्य चुनाव आयोग का गठन किया गया था।

 

तो दोस्तों पंचायती राज के अंतर्गत अलग-अलग पंचायतों के अंतर्गत उपयुक्त बदलाव किए गए थे तथा उनको यह सभी सुविधाएं दी गई थी।

आज आपने क्या सीखा

तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको बताया कि भारत के संविधान मैं कौन सा अनुच्छेद अपने राज्यों को पंचायती राज के प्रारंभ करने का निर्देश देता है, हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत के विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। इसके अलावा हमने आपके साथ इस पोस्ट के अंतर्गत पंचायती राज से जुड़ी कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी शेर की है जैसे कि पंचायतीराज क्या होता है, इसके अंतर्गत क्या क्या बदलाव किए गए थे, तथा संविधान की कौन से संशोधन में इसकी जानकारी है।

आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह इंफॉर्मेशन पसंद आई है, तथा आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है। इस पोस्ट को सोशल मीडिया के माध्यम से आगे शेयर जरूर करें, तथा इस विषय के बारे में अपनी राय हमें नीचे कमेंट में जरूर बताएं।

FAQ

अनुच्छेद 243 डी में क्या है?

4.18 संविधान के अनुच्छेद 243 जेड डी  में प्रावधान है कि पंचायतों और नगरपालिका क्षेत्रों द्वारा तैयार की गई योजनाओं के समेकन के लिए जिला स्तर पर एक जिला योजना समिति का गठन किया जाएगा। मसौदा योजना तैयार करते समय, यह स्थानिक योजना, भौतिक और प्राकृतिक संसाधनों, संरचनात्मक और पर्यावरण संरक्षण को भी ध्यान में रखेगा।

पंचायती राज में कुल कितने अनुच्छेद है?

इस भाग में 16 नए लेख और एक नई अनुसूची जोड़ी गई है। इस भाग में गांवों में पंचायतों के गठन, उनकी चुनावी शक्तियों और जिम्मेदारियों के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं।

भारत में पंचायती राज की शुरुआत कब हुई?

यदि देश के किसी भी गांव की स्थिति खराब है तो ग्राम पंचायत उस गांव को मजबूत और विकसित बनाने के लिए उचित कदम उठाती है। बलवंत राय मेहता समिति के सुझावों के बाद, तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान के नागौर जिले में पंचायती राज व्यवस्था लागू की।

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