हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य किसे माना जाता है?

मित्रों हिंदी साहित्य में प्रबंध काव्य की महत्वता एक अलग शिखर पर ही रहती है। इसीलिए जो भी कवि या रचयिता किसी प्रबंध काव्य की रचना करता है, उसे महान रचनाकार के तौर पर माना जाता है। इसीलिए काफी लोग यह जानना चाहते हैं कि हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य किसने लिखा था, और हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य किसे माना जाता है? | Hindi ka pratham prabandh kavya kise mana jata hai. 

यदि आप भी यह जानना चाहते हैं कि हिंदी के प्रथम प्रबंध  काव्य के बारे में तो आज हम आपको विस्तार से जानकारी देते हुए बताएंगे कि Hindi ka pratham prabandh kavya kise mana jata hai इसी के साथ हम आपको आज इस लेख में प्रबंध काव्य के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। चलिए शुरू करते हैं:-

प्रबंध काव्य क्या होता है? | prabandh kavya kise kahate hain

Hindi ka pratham prabandh kavya kise mana jata hai
prabandh kavya ke antargat khali sthan aata hai

प्रबंध काव्य के बारे में जानने से पहले आपको काव्य के बारे में थोड़ी जानकारी लेनी होगी।

किसी भी काव्य को मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया जा सकता है, जैसे कि:-

  1. स्वरूप के अनुसार काव्य
  2. शैली के अनुसार काव्य

इसके अंतर्गत जो स्वरूप के आधार पर काव्य का निर्धारण किया जाता है उसे भी दो भागों में विभाजित किया जा सकता है –

  • श्रव्य काव्य
  • दृष्य काव्य

श्रव्य काव्य वे काव्य होते है जिनका रसास्वादन किसी भी दूसरे व्यक्ति के द्वारा सुनकर या स्वयं से पढ़कर किया जाता है, जैसे कि रामायण, महाभारत इत्यादि।

श्रव्य काव्य भी दो प्रकार होते हैं:-

  • प्रबंध काव्य
  • मुक्तक काव्य

अब हम आपको बताते हैं कि प्रबंध काव्य किसे कहते हैं। मित्रों, प्रबंध काव्य एक प्रकार से एक ऐसा काव्य होता है जिसमें कोई कथा या कहानी क्रमबद्ध रूप से शुरू से लेकर अंत तक चलती रहती है, और बीच में कहीं भी नहीं टूटती है। हालांकि इसमें कोई दूसरी गौण कथाएं या कहानियां बीच-बीच में सहायक बन कर उभरा सकती है जैसे की रामचरितमानस।

जब किसी काव्य में मूल रूप से कथा का सूत्र अलग-अलग प्रकार के छंदों के माध्यम से जुड़ा हुआ होता है, तो उसे प्रबंध काव्य कहा जा सकता है। प्रबंध काव्य में कोई भी कथा या कहानी बिना टूटे जुड़ी हुई होती है। उदाहरण के लिए रामचरितमानस, पंचवटी, यशोधरा, कामायनी, सुदामाचरित यह सभी प्रबंध काव्य है।

प्रबंध काव्य भी दो प्रकार के होते हैं जिनके नाम:-

  1. महाकाव्य
  2. खंडकाव्य

महाकाव्य, काव्य की वह रचना रचना होती है जिसमें किसी भी ऐतिहासिक या पौराणिक महापुरुष या महान व्यक्तित्व के संपूर्ण जीवन की कथा का वर्णन होता है।

खंडकाव्य, वह काव्य के होता है जिसमें किसी एक महापुरुष या महान व्यक्ति के पूरे जीवन का वर्णन ना होकर केवल जीवन के किसी एक भाग का ही वर्णन होता है।

हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य किसे माना जाता है? (Hindi ka pratham prabandh kavya kise mana jata hai)

hindi ki pratham diary hai
प्रबंध काव्य के उदाहरण | hindi ki pratham diary hai

मित्रों, मूल रूप से हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य रामचरितमानस को माना जाता है, लेकिन कुछ विद्वानों का यह कहना है कि रामचरितमानस अवधी भाषा में लिखा गया गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा प्रसिद्ध ग्रंथ है, जिसे हिंदी साहित्य की एक महान कृति के तौर पर माना जा सकता है लेकिन इसे हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य नहीं माना जा सकता।

ऐसे ही लोग पृथ्वीराज रासो को हिंदी का प्रबंध काव्य मानते हैं। इसलिए विद्वानों में यह मतैक्य नहीं है कि हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य रामचरितमानस को माना जाए या पृथ्वीराज रासो को माना जाए।

कई विद्वान् महाभारत को हिंदी का प्रथम प्रबध काव्य मानते है। इस लिए यह अभी तक पूरी तरह से निर्धारित नहीं किया गया है कि Hindi ka pratham prabandh kavya kise mana jata hai।

हिंदी साहित्य के महानतम कवि कौनसे है?

हिंदी साहित्य के अंतर्गत काफी सारे महान कवि पैदा हुए है जिन्होंने अनगिनत कवितायें लिखी है लेकिन उनमे से कुछ ऐसे कवी भी है जिन्होंने अपनी कविता से हिंदी साहित्य का नाम रोशन किया है। उनके नाम कुछ इस प्रकार है-

  • जयशंकर प्रसाद, जगन्नाथदास रत्नाकर, तुलसीदास
  • अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना, अमीर ख़ुसरो, अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
  • अशोक चक्रधर, अटल बिहारी वाजपेयी, उदय प्रकाश
  • कबीर, काका हाथरसी, केदारनाथ अगरवाल
  • केदारनाथ सिंह, कुमार विश्वास, कुँवर बेचैन
  • कुँवर नारायण, गोपाल सिंह नेपाली, गोपालदास नीरज
  • चंदबरदाई, धर्मवीर भारती, नरेश मेहता
  • नरोत्तम दास, नागार्जुन, प्रसून जोशी
  • बालकृष्ण राव, बालस्वरूप राही, बिहारी लाल हरित
  • भवानी प्रसाद मिश्र, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, भारत भूषण
  • महादेवी वर्मा, मैथिलीशरण गुप्त, माखनलाल चतुर्वेदी
  • मानवेन्द्र सिंह, मीरा बाई, मोहन राणा
  • वीरेंद्र आस्तिक, रवीन्द्र प्रभात, रामभद्राचार्य
  • रामधारी सिंह ‘दिनकर’, राम रतन भटनागर, लछिराम
  • लक्ष्मी शंकर बाजपाई, वीरेन्द्र खरे ‘अकेला’, वृन्द
  • शंकरलाल द्विवेदी, शिवदीन राम जोशी, शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
  • शैल चतुर्वेदी, श्याम नारायण पाण्डेय,सच्चिदानंद वात्स्यायन
  • सावित्रि नौटियाल काला ‘सवि’, सियारामशरण गुप्त, सुभद्रा कुमारी चौहान
  • सुमित्रानंदन पंत, सूरदास, सूर्यकुमार पाण्डेय
  • सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’, सोम ठाकुर, सोहन लाल द्विवेदी, हरिवंशराय बच्चन

निष्कर्ष

आज के लेख में हमने जाना कि प्रबंध काव्य क्या होते हैं, इसके प्रकार के होते हैं, और काव्य की संरचना क्या होती है। इसी के साथ साथ हमने आपको यह भी बताया कि Hindi ka pratham prabandh kavya kise mana jata hai aur prabandh kavya ki paribhasha।  हम आशा करते हैं कि आपको आपके प्रश्नों के उत्तर मिल पाए होंगे। यदि आप कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के पूछ सकते हैं।

FAQ

हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य कौन सा है?

पृथ्वीराज रासो हिंदी भाषा में लिखा गया पहला प्रामाणिक और बड़ा महाकाव्य है जिसमें पृथ्वीराज चौहान के जीवन और चरित्र का वर्णन किया गया है। इसके लेखक “चंदबरदाई” पृथ्वीराज और उनके शाही कवि के बचपन के दोस्त थे और उन्होंने अपनी युद्ध यात्राओं के दौरान वीर रास की कविताओं से सेना को प्रोत्साहित भी किया।

हिंदी की पहली कविता कौन सी है?

हिंदी में पहली कविता (खादी बोली) प्रख्यात कवि ‘अमीर खुसरो’ द्वारा लिखी गई थी। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि ‘हिंदी’ भारत की राजभाषा होगी।

हिंदी का प्रथम लेखक कौन था?

‘हिन्दी साहित्य का इतिहास’ लिखने वाले प्रथम लेखक ‘गरसा दे तोसी’ हैं। उन्होंने हिंदी साहित्य का पहला ऐतिहासिक ग्रंथ फ्रेंच भाषा में लिखा था ‘इतवार दे ला साहित्यकार अंडुई ए अंदुस्तानी’। यह पुस्तक वर्ष 1839 में प्रकाशित हुई थी।

हिंदी की प्रथम महाकाव्य कौन सी है?

हिंदी का प्रथम महाकाव्य पृथ्वीराज रासो को माना जाता है इसके रचनाकार चंदबरदाई हैं। हिंदी की आदि कवियत्री -मीराबाई।

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