पूजा कब नहीं करनी चाहिए | Puja kab nahi karni chahiye

नमस्कार दोस्तो, जो भी व्यक्ति हिंदू धर्म के अंतर्गत विश्वास रखता है, वह अपने अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा करता है। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि पूजा कब नहीं करनी चाहिए, या फिर पूजा करने का सही समय कौन सा नहीं है, यदि आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।

इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि पूजा कब नहीं करनी चाहिए, हम आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी इस पोस्ट के अंतर्गत शेयर करने वाले हैं। तो ऐसे में आज का की यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है, तो इसको अंत जरूर पढ़िए।

पूजा कब नहीं करनी चाहिए

दोस्तों हिंदू धर्म के अंतर्गत पूजा का काफी बड़ा महत्व होता है, जो भी व्यक्ति अपने अपने भगवानों के अंतर्गत विश्वास रखता है, वह उनकी पूजा करता है। यह प्रथा हिंदू धर्म के अंतर्गत प्राचीन काल से ही चली आ रही है, जिसमें महाभारत तथा रामायण काल के अंतर्गत की पूजा की जाती थी।

बहुत से लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है, कि पूजा करने का सही समय कौन सा नहीं होता है, या फिर कौन सा ऐसा समय है, जिसमें आपको पूजा नहीं करनी चाहिए, तो आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं कि आपको दोपहर के अंतर्गत 12:00 बजे से लेकर 4:00 बजे के बीच कभी भी पूजा नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा आपको रात्रि समय के अंतर्गत 12:00 से लेकर 1:00 बजे के बीच कभी भी पूजा नहीं करनी चाहिए। इन सभी के अलावा यदि कभी भी सूतक लगा हुआ होता है या फिर सूतक का समय होता है, तो उस समय आपको कभी भी भूलकर भी पूजा नहीं करनी चाहिए।

इसके अलावा यदि सूर्य ग्रहण तथा चंद्र ग्रहण का समय होता है, तो उस समय भी आपको पूजा नहीं करनी चाहिए।

हिंदू समाज के अंतर्गत यह मान्यता है, कि यदि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, या फिर किसी भी व्यक्ति का देहांत हो जाता है, तो 12 दिन तक सूतक का समय रहता है, पता उस समय काल के अंतर्गत कभी भी पूजा नहीं करनी चाहिए।

क्या बिना नहाए पूजा की जा सकती है?

puja kab nahi karni chahiye

यदि दोस्तों आपके मन में भी यह सवाल है, कि क्या आप बिना नहाए पूजा कर सकते हैं, तो इसके अंतर्गत आप को रोकने वाला तो कोई नहीं होता है, लेकिन आपको ऐसा कभी भी नहीं करना चाहिए, आप किसी भी भगवान के अंतर्गत मान्यता रखते हैं, या फिर आप किसी भी भगवान की पूजा करते हैं, तो आपको सदैव उस भगवान की पूजा स्नान करके ही करनी चाहिए। यदि कोई भी व्यक्ति बिना स्नान किए पूजा करता है, तो यह शुभ माना जाता है, तथा ऐसा आपको अपने जीवन में कभी भी नहीं करना चाहिए।

रात को 12 बजे से 1 बजे के बिच पूजा नही करनी चाहिए

अगर आप हनुमान जी की पूजा करते हैं। इसलिए मान्यता है कि रात के 12 बजे से 1 बजे के बीच हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए। मान्यता है कि इस समय हनुमान जी लंका में हैं।

सुबह कितने बजे उठकर पूजा करनी चाहिए

भगवान की पूजा के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा माना जाता है। वैसे सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद 6 से 8 बजे के बीच पूजा करना अधिक शुभ माना जाता है। वैसे तो पूजा 8 बजे के बाद भी की जाती है, लेकिन 6 से 8 का समय अधिक शुभ होता है।

सुबह पूजा करने से हमारे शरीर में दिन भर एनर्जी बनी रहती है। सुबह का समय सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है। इसलिए हम दिन भर ध्यान केंद्रित करते हैं और ऊर्जा के साथ काम करते हैं।

पूजा करने के फायदे क्या होते हैं?

1. जब भी आप पूजा करते हैं तो आपको मानसिक रूप से काफी शांति मिलती है, तथा हमारा मन काफी प्रसन्न हो जाता है।

2. यदि किसी भी घर के अंतर्गत पूजा की जाती है, या फिर किसी भी स्थान के अंतर्गत पूजा की जाती है, तो वहां का वातावरण काफी स्वच्छ तथा काफी अच्छा रहता है।

3. आप जिस भी भगवान के अंतर्गत विश्वास रखते हैं, यदि आप उनकी पूजा करते हैं, तो आपका उनके अंतर्गत विश्वास काफी ज्यादा बढ़ जाता है, तथा आपका मन उनके साथ काफी ज्यादा मिल जाता है।

आज आपने क्या सीखा

तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको बताया कि पूजा कब नहीं करनी चाहिए, हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत के विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। इसके अलावा हमने आपके साथ इस पोस्ट के अंतर्गत पूजा से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी शेयर की है, जैसे कि पूजा कब नहीं करनी चाहिए, पूजा को करने से क्या-क्या फायदे होते हैं, तथा क्या कोई भी व्यक्ति बिना स्नान किए पूजा कर सकता है।

आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह इंफॉर्मेशन पसंद आई है, तथा आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है। इस पोस्ट को सोशल मीडिया के माध्यम से आगे शेयर जरूर करें, तथा इस विषय के बारे में अपनी राय हमें नीचे कमेंट में जरूर बताएं।

FAQ

बिना नहाए पूजा कैसे करें?

हाँ, बिना स्नान किये पूजा की जा सकती है और भगवान को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमने स्नान किया है या नहीं और कोई भी चीज हमें बाहर से इस तरह से अशुद्ध नहीं कर सकती है कि हम उस स्थिति में भगवान की पूजा या प्रार्थना नहीं करते हैं। हो या ईश्वर हमारी प्रार्थना स्वीकार न करे, तब भी वह हमारी प्रार्थना सुनता है और हमें भी स्वीकार करता है।

पूजा करते समय क्या नहीं करना चाहिए?

श्रीमद्भागवत गीता में बताया गया है कि पूजा करते समय कभी भी एक हाथ से झुकना नहीं चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के सभी गुण नष्ट हो जाते हैं। प्रणाम हमेशा दोनों हाथ जोड़कर किया जाता है। साथ ही अपने पिता और बड़े भाई को प्रणाम करके माता के सामने प्रणाम करना चाहिए।

नहाने का शुभ मुहूर्त क्या है?

जो लोग प्रतिदिन भगवान की तपस्या और पूजा करते हैं, उन्हें सुबह 4:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक स्नान करना चाहिए। इसे मोनी ऋषि स्नान कहा जाता है। उनके लिए उन्हें 4:00 से 6:00 बजे तक स्नान करना चाहिए। ऐसे स्नान को शुभ माना जाता है, इसलिए इनकी शारीरिक स्थिति बहुत अच्छी होती है।

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