राजस्थान में गाय की प्रमुख नस्लें कौन कौन सी है?

दोस्तों, राजस्थान में गायों की विभिन्न प्रकार की नस्लें पाई जाती है, क्योंकि राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से पूरे भारत में सबसे बड़ा राज्य है। और  यह का कुल क्षेत्रफल भारत के कुल क्षेत्रफल का तकरीबन 10% है। जी हां, राजस्थान का कुल क्षेत्रफल 3,42,000 स्क्वायर किलोमीटर है।

राजस्थान गोवंश के मामले में पांचवा सबसे बड़ा राज्य है लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान में कौन-कौन सी गाय पाई जाती है?  यदि आप नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं क्योंकि आज के लेख में हम आपको विस्तार से जानकारी देने वाले हैं, कि राजस्थान में कौन सी गायें पाई जाती है। वह गाय किस प्रकार की होती है, तथा उन गायों  की खासियत क्या होती है तो चलिए शुरू करते हैं, और जानते हैं कि राजस्थान में गाय की नस्ल कौनसी है-

राजस्थान में गोवंश का विवरण

राजस्थान राज्य में “राज्य गौ सेवा आयोग” 23 मार्च 1995 को गठित किया गया था, और भारत में जितने भी गाय रहती है उनका 6।58 प्रतिशत भाग केवल और केवल राजस्थान में ही पाया जाता है। जो कि तकरीबन 500 स्थान पर आता है। 2012 के गणना के अनुसार भारत में तकरीबन 1,33,24,000 गायें हैं, और यह हर वर्ष बढ़ती जा रही है जो कि एक अच्छा संकेत है। भारत में जितनी गाय रहती है वह कुल पशुधन का 23% भाग  केंद्रित करती है, और राजस्थान के उदयपुर जिले में सर्वाधिक गाय और गोवंश रहते हैं जबकि धौलपुर जिले में सबसे कम गाय और गोवंश रहते हैं।

राजस्थान में गाय की नस्ल | rajasthan mein gaye ke nasal

राजस्थान में गायों की विभिन्न प्रकार की नस्लें पाई जा सकती है, जिन के अंतर्गत थारपारकर, राठी, हरियाणवी, नागौरी, मेवाती,  कांकरेज, अजमेरा, गिर, रेंडा, मालवीय, सांचौरी यह सभी राजस्थान में पाई जाने वाली प्रमुख गायों की नस्लें है।

rajasthan mein sarvadhik govansh kis jile mein paya jata hai

1. थारपारकर गाय

थारपारकर गाय की नस्ल मूल रूप से मालाणी गांव जोकि बाड़मेर के पास में है, उसके नजदीक है। और जैसलमेर बाड़मेर जोधपुर बीकानेर के कुछ भागों में यह गाय पाई जाती है। यह गाय बहुत अच्छा दूध देती है, और बैल की तरह काम कर सकती है, एक ही पूछ काफी लंबी होती है। पूछ के अंत में बहुत ही कम बाल पाए जाते हैं। यह सर्वाधिक दूध देने के लिए सबसे प्रसिद्ध गाय हैं।

2. राठी गाय

दोस्तों, राठी गाय गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, और चुरू जिले में आमतौर पर पाई जाती है। लाल सिंधी गाय तथा साहिवाल गाय  के प्रजनन के द्वारा  राठी नस्ल की गाय की उत्पत्ति हुई है। यह उत्तर-पश्चिम राजस्थान में पाई जाती है, और इस गाय को कामधेनु गाय भी कहा जाता है, क्योंकि दूध देने के लिए इसे की सर्वोत्तम गाय के तौर पर पहचाना जाता है।

3. हरियाणवी गाय

हरियाणवी राजस्थान में हनुमानगढ़ से जयपुर अलवर बहरोड में पाई जाती है। इसके कान छोटे होते हैं और माथे पर एक छोटी सी हड्डी होती है,  इसके पूरे शरीर का पिछला भाग इसके अगले भाग से ज्यादा ऊपर उठा हुआ होता है। यह दिखने में बहुत सुंदर गाय होती है।

4. नागौरी गाय

नागौरी गाय मूल रूप से नागौर जिले में तथा सुहालक प्रदेश के 12 गांव में पाई जाती है  जो कि नागौर जिले के 12 गांव भी माने जा सकते हैं। यह बेल के रूप में  काम में ली जाती है, और यह मूल रूप से कृषि कार्यों में सर्वोत्तम गाय होती है। इसका रंग अत्यंत सफेद होता है और इसका चारा मूल रूप से ज्वार होता है जिसके कारण यह अत्याधिक ताकतवर होती है।

5. मेवाती गाय

मेवाती गाय मूल रूप से राजस्थान के अलवर, भरतपुर, धौलपुर, और करौली जिले में पाई जाती है। यह शांत स्वभाव की गाय होती है, और इसकी गर्दन झालर दार होती है। इसे मूल रूप से गायों के रथक्षेत्र के नाम से जाना जाता है।

6. कांकरेज गाय

कांकरेज गाय जालौर, पाली, और सिरोही क्षेत्र में पाई जाती है। जालौर के नेहड़ क्षेत्र में कांकरेज गाय सबसे ज्यादा पाई जाती है।  यह गाय 2 कामों के लिए सबसे अधिक प्रसिद्ध है, जिनमें भारी बोझ का दोहन तथा दूध का उत्पादन इसके मुख्य काम है। यह काफी अधिक दूध उत्पादन करती है और  पालतू गाय के तौर पर यह एक अच्छी गाय है।

7. अजमेरा, गिर, रेडा, गाय

यह गाय मूल रूप से गुजरात  से सटे हुए गिर क्षेत्र में इसके अलावा अजमेर, किशनगढ़, भीलवाड़ा, राजसमंद इन सभी क्षेत्र में पाई जाती है। यह गाय बहुत अधिक दूध देने के लिए प्रसिद्ध होती है और यह चकत्तेदार गाय होती है।

8. छोटी-बड़ी मालवी गाय

छोटी बड़ी मालवी गाय झालावाड़ के आसपास पाई जाती है,  इन गायों की टांगे छोटी होती है और बैल के तौर पर अधिक अच्छा काम करती है।

9. सांचौरी गाय

राजस्थान में सांचौरी  गाय काफी कम पाई जाती है, क्योंकि यह जालोर के सांचौर तहसील में ही मिलती है।  यह मूल रूप से विदेशी नस्लों के तौर पर पहचानी जाती है, और यह अमेरिका, नीदरलैंड, डेनमार्क इन सभी स्थानों पर भी पाई जाती है।

यह सभी गाय राजस्थान में मुख्य तौर पर पाई जाती हैं। और इनका काम इनके शरीर के अनुसार निश्चित किया जाता है।

निष्कर्ष

आज के लेख में हमने जाना कि राजस्थान में गाय की नस्ल कौन सी है, और राजस्थान में कौन-कौन सी नस्लें पाई जा सकती है। इसके अलावा हमने उनके नाम तथा उनके बारे में संपूर्ण जानकारी आपको दी है। हम आशा करते हैं कि आज का यह लेख आपके लिए काफी मददगार रहा होगा। यदि आप कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।

FAQ

राजस्थान में सर्वाधिक गाय कौन से जिले में पाई जाती है?

राजस्थान में सर्वाधिक गाय उदयपुर में तथा सबसे कम गाय धौलपुर में पाई जाती है।

सबसे ज्यादा गाय कौन से जिले में है?

नागौरी नस्ल की गाय ज्यादातर राजस्थान के नागौर जिले में पाई जाती है। यहां से यह गाय अब दूसरे राज्यों में भी पहुंच चुकी है। नागौरी गाय पैदा होने के बाद 600-1000 लीटर दूध देती है। यह गाय प्रतिदिन 5 से 7 लीटर दूध देती है।

राजस्थान की नवीनतम पशु गणना कौन सी है?

राजस्थान में कुल पशुधन 56.8 मिलियन है। जो 2012 में 57.7 मिलियन थी। 2019 में कुल पशुधन आबादी में 1.66% की कमी आई है। राजस्थान में कुल मवेशी (गोजातीय) 13.9 मिलियन है।

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