नमस्कार दोस्तो, आपने अपने जीवन के अंतर्गत अक्सर राष्ट्रीय ज्ञान और राष्ट्रीय गीत के बारे में तो जरूर सुना होगा। दोस्तों क्या आप जानते है, कि राष्ट्रीय ज्ञान और राष्ट्रीय गीत में अंतर क्या होता है, (rashtriya gaan aur rashtriya geet mein kya antar hai) यदि आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में अंतर क्या होता है राजभाषा और राष्ट्रभाषा में अंतर क्या होता है, हम आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी इस पोस्ट के अंतर्गत शेयर करने वाले हैं। तो ऐसे में आज का की यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है, तो इसको अंत जरूर पढ़िए।
राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में क्या अंतर होता है? (rashtriya gaan aur rashtriya geet mein kya antar hai)
अगर दोस्तों बात की जाए कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के अंतर्गत क्या अंतर होता है, तो दोस्तों इन दोनों के बीच प्रमुख अंतर यह होता है, कि राष्ट्रीय ज्ञान किसी भी देश का वह गीत होता है, जो उस देश के सभी राष्ट्रीय महत्व के अवसरों पर अनिवार्य रूप से गाया जाता है, जबकि राष्ट्रगीत वह गीत होता है, जो किसी भी राष्ट्रीय महत्व अवसर पर गाना अनिवार्य नहीं होता है। लेकिन दोस्तों राष्ट्रीय गीत तथा राष्ट्रीय गान दोनों ही देश भक्ति तथा देश के लिए गाए जाते है। राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के बीच बाकी प्रमुख अंतर निम्न है :-
- हमारे देश का राष्ट्रीय गान जन गण मन है, जबकि हमारे देश का राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम है।
- भारत देश के राष्ट्रीय गान के रचयिता गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर हैं, जबकि भारत के राष्ट्रीय गीत के रचयिता विक्रम चंद्र जी हैं।
- भारत के राष्ट्रीय गान को रविंद्र नाथ टैगोर जी के द्वारा मूल रूप से बंगाली भाषा के अंतर्गत लिखा गया है, उसके बाद इसका उच्चारण हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा के अंतर्गत किया गया है, जबकि भारत के राष्ट्रीय गीत की रचना बंगाली तथा संस्कृत भाषा के अंतर्गत कि गई है।
भारत का राष्ट्रीय गान
दोस्तों भारत देश के राष्ट्रीय गान के रचयिता रविंद्र नाथ टैगोर जी के द्वारा की गई है, इस राष्ट्रीय गान को कुल 52 सेकंड के अंतर्गत गाया जाता है, हमारे देश का राष्ट्रीय गान निम्न प्रकार से है:-
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जन-गण-मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता।
पंजाब-सिंधु-गुजरात-मराठा
द्राविड़-उत्कल-बंग
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशीष मांगे
गाहे तव जय-गाथा।
जन-गण-मंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता।
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे।
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भारत का राष्ट्रीय गीत
भारत का राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम है जिसकी रचयिता विक्रम चंद्र जी के द्वारा की गई थी, हमारे देश का राष्ट्रीय गीत निम्न प्रकार से हैं:-
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वंदे मातरम्, वंदे मातरम्!
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
शस्यश्यामलाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्!
शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्,
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्,
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्,
सुखदाम् वरदाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्॥
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आज आपने क्या सीखा
तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको बताया कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में अंतर क्या होता है, हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत के विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। इसके अलावा हमने आपके साथ इस पोस्ट के अंतर्गत राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी शेयर की है, जैसे कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत क्या होता है, भारत का राष्ट्रीय गान क्या है, तथा भारत का राष्ट्रीय गीत कौन सा है।
आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह इंफॉर्मेशन पसंद आई है, तथा आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है। इस पोस्ट को सोशल मीडिया के माध्यम से आगे शेयर जरूर करें, तथा इस विषय के बारे में अपनी राय हमें नीचे कमेंट में जरूर बताएं।
FAQ
राष्ट्र गान का अर्थ क्या है?
भारत के भाग्य के निर्माता जन गण के मन के नेता की जय। उनका नाम सुनते ही पंजाब, सिंधु, गुजरात और मराठों, द्रविड़ उत्कल और बंगाल और विंध्य, हिमाचल और यमुना और गंगा के लोगों के दिल और दिमाग में जागरण की लहरें भर जाती हैं।
भारत का राष्ट्रीय गीत कौन सा है?
भारत का राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ उनकी अपनी रचना है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना। रवींद्रनाथ टैगोर के पूर्ववर्ती, बंगाली साहित्यकारों में उनका एक और स्थान है। – बंकिम चंद्रा की शिक्षा हुगली कॉलेज और प्रेसीडेंसी कॉलेज, कोलकाता से हुई।
राष्ट्रगान कहाँ से लिया गया है?
राष्ट्रगान 1911 में रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखी गई एक कविता से लिया गया है, यह कविता 5 छंदों में लिखी गई है, जिसके पहले छंद को राष्ट्रगान के रूप में लिया गया था।
राष्ट्रगान की भाषा क्या है?
भारत के राष्ट्रगान की पंक्तियाँ रवींद्रनाथ टैगोर के गीत ‘भारतो भाग्य बिधाता’ से ली गई हैं। मूल बांग्ला में लिखा गया था और पूरे गीत में 5 छंद हैं। यह पाठ पहली बार 1905 में तत्वबोधिनी पत्रिका के एक अंक में प्रकाशित हुआ था।
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