नमस्कार दोस्तों, यदि आप रामायण के अंतर्गत रूचि रखते हैं, तो आपने सरवन कुमार के बारे में तो जरूर सुना हुआ होगा। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि सरवन कुमार के माता पिता का नाम क्या है, यदि आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि सरवन कुमार के माता पिता का नाम क्या है, हम आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी इस पोस्ट के अंतर्गत शेयर करने वाले हैं। तो ऐसे में आज का की यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है, तो इसको अंत जरूर पढ़िए।
श्रवण कुमार के माता-पिता का क्या नाम है?
दोस्तो अक्सर कई अलग-अलग कंपटीशन एग्जाम के अंतर्गत यह सवाल पूछा जाता है, कि सरवन कुमार के माता पिता का क्या नाम है, और बहुत लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है। यदि आपको भी इसके बारे में जानकारी नहीं है तो आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं कि “श्रवण कुमार के माता जी का नाम ज्ञानती देवी था, और उनके पिताजी का नाम शांतनु था जो एक महान तपस्वी थे।”
सरवन कुमार कौन है?
यदि दोस्तों आपने रामायण देखी है, तो आपने उसके अंतर्गत श्रवण कुमार के पात्र को तो जरूर देखा होगा, जो कि रामायण का एक काफी महत्वपूर्ण पात्र है। सरवन कुमार का इस संसार के अंतर्गत कोई नहीं था, उनके माता-पिता अंधे थे, जो कि अपनी भक्ति के लिए जाने जाते थे। ऐसा मानना था कि सरवन कुमार के माता पिता हर भक्त भगवान की भक्ति में ही लीन रहते थे, और सरवन कुमार अंधे माता पिता की सेवा में ही लगा रहता था।
दोस्तों यह रामायण का काफी महत्वपूर्ण पात्र है, यदि आपने रामायण देखी है या फिर आपने रामायण कहीं पर पड़ी है, तो उसके अंतर्गत सरवन कुमार का जिक्र किया गया है।
श्रवण कुमार की कहानी | Shravan Kumar Story in Hindi
श्रवण कुमार का नाम एक बच्चा था और उनके माता-पिता अंधे थे, उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं देता था, इसलिए श्रवण कुमार अपने माता-पिता की बहुत सेवा करते थे, उनके लिए खाना बनाते थे, शरण कुमार उनका सारा काम करते थे, इसलिए श्रवण कुमार सबसे बड़ी माँ थीं भक्त और उन्हें पितृ भक्त कहा गया है।
श्रवण कुमार ने बचपन से ही अपने माता-पिता को काम में मदद की थी, सुबह उठकर वह घर के लिए नदी से पानी लाते थे और जलाने के लिए लकड़ी भी लाते थे। श्रवण कुमार के माता-पिता श्रवण कुमार को बहुत प्यार करते थे। श्रवण कुमार के माता-पिता भगवान की पूजा करते थे, वह भगवान के बहुत बड़े भक्त थे, इसलिए एक दिन उन्होंने श्रवण कुमार को तीर्थ यात्रा पर जाने के लिए कहा। श्रवण कुमार के माता-पिता अंधे थे, इसलिए श्रवण कुमार उन्हें तीर्थ यात्रा पर ले जाने के लिए तैयार हो गए।
दोनों ने अपनी तीर्थयात्रा शुरू की और वे काशी, प्रयाग, गया गए। बेटा, मुझे प्यास लग रही है, क्या तुम मेरे लिए पानी ला सकते हो और फिर श्रवण कुमार ने उस पर कहा कि ठीक है, माँ।
आज आपने क्या सीखा
तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको बताया कि सरवन कुमार के माता पिता का क्या नाम है, हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत के विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। इसके अलावा हमने आपके साथ इस पोस्ट के अंतर्गत अलग-अलग सरवन कुमार से जुड़ी कुछ अन्य जानकारियां भी शेयर की है। जैसे कि सरवन कुमार कौन था, उसके माता पिता का क्या नाम था, तथा रामायण के अंतर्गत श्रवण कुमार का क्या किरदार था।
आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह इंफॉर्मेशन पसंद आई है, तथा आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है। इस पोस्ट को सोशल मीडिया के माध्यम से आगे शेयर जरूर करें, तथा इस विषय के बारे में अपनी राय हमें नीचे कमेंट में जरूर बताएं।
FAQ
श्रवण कुमार के भाई का क्या नाम था?
त्रेतायुग में जिस प्रकार श्रवण कुमार ने अपने नेत्रहीन माता-पिता को कंवर में बिठाकर तीर्थयात्रा कराई थी, उसी प्रकार पलवल के गांव फूलवाड़ी के चार भाई बंशीलाल, राजू, महेंद्र और जगपाल अपने माता (रूपवती) पिता (चंद्रपाल) को कंवर ले गए। बैठकर उन्हें हरिद्वार से ले आए।
श्रवण कुमार और दशरथ का क्या रिश्ता था?
श्रवण कुमार को राजा दशरथ ने गलती से मार दिया था, जिसके कारण उनके माता-पिता ने राजा दशरथ को पुत्र के अलग होने का श्राप दिया था, जिसके परिणामस्वरूप राम को वनवास दिया गया था और राजा दशरथ ने पुत्र वियोग में राम को याद करते हुए अपने प्राण त्याग दिए थे। श्रवण कुमार संस्कृत कविता रामायण के एक पात्र का नाम है।
श्रवण कुमार का जन्म कैसे हुआ?
श्रवण कुमार का जन्म त्रेता युग में हुआ था, उनके जन्म की कोई निश्चित तिथि ज्ञात नहीं है। कुछ लोग यह भ्रम फैला रहे हैं कि श्रवण कुमार अपने माता-पिता को चार धाम यात्रा पर ले जा रहे थे, इसलिए त्रेता युग में चार धाम नहीं थे, इसलिए श्रवण कुमार और रामायण की कहानी झूठी है।
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