साइलो किसे कहते हैं बताइए

आपने कई बार गरीब देशों के अंतर्गत बांटे जाने वाले अनाज या फिर अमीर देशों के अंतर्गत स्टोरेज किए जाने वाले अनाज के संबंध में साइलो का नाम जरूर सुना होगा। साइलो कई बार हमारे चर्चाओं का विषय रहता है लेकिन हममें से ज्यादातर लोग यह नहीं जानते हैं कि Silo क्या होता है या Silo kise kahate hain?

यदि आप भी यह नहीं जानते हैं कि Silo kise kahate hain तो यह कोई शर्म की बात नहीं है। क्योंकि आज के लेख में हम आपको साइलो के बारे में सारी जानकारी उपलब्ध करवाने वाले हैं। जिसके पश्चात आप यह समझ पाएंगे कि साइलो क्या है।

सिलो किसे कहते है? (Silo kise kahate hain)

अमीर देशों में या फिर वह देश जहां पर अनाज की उत्पत्ति सर्वाधिक होती हैं, वे लोग एक लंबे समय तक अपने अनाज को एकीकृत रूप से इकट्ठा करने के लिए साइलो तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। साइलो मूल रूप से अनाज इकट्ठा करने या भंडारण करने की अत्याधिक नवीन और आधुनिक तकलीफ होती है। इसके द्वारा एक टैंक के अंतर्गत तकरीबन 50,000 टन तक का अनाज भंडार गृह में रखा जा सकता है। और इसे लंबे समय के लिए भंडारित किया जा सकता है।

साइलो तकनीक का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?

कई बार जब अनाज को तीन से चार वर्षो के लिए सुरक्षित रखना होता है, तो साइलो तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। किसी भी अनाज भंडारण करने के पारंपरिक तरीके के तुलना में साइलो की तकनीक काफी उत्तम है। इसमें एक स्टील का ढांचा देखा जाता है जो कि एक मूल ढांचे के तौर पर अपने अंदर चार बड़े बेलनाकार टैंक को समाहित किए हुए होता है।

यहां पर हर टैंक की भंडारण क्षमता तकरीबन 12,500 टन की होती है 1 अंकों के अंतर्गत बिना बोरी के अनाज को लंबे समय के लिए सुरक्षित रूप से भंडारित किया जा सकता है। अति आधुनिक तकनीक के कारण अनाज की लोडिंग और अनलोडिंग में भी काफी अच्छा लाभ होता है।

यहां पर रेलवे साइडिंग के द्वारा अनाज की अनलोडिंग की जा सकती है, साथ ही लोडिंग भी की जा सकती है। इसके लोडिंग और अनलोडिंग के दौरान किए जाने वाले खर्चे में काफी फायदा मिलता है। आमतौर पर ऐसे देश जहां पर लंबे समय के लिए अकाल पड़ा है तथा भूखे लोगों की जनसंख्या ज्यादा है, वहां पर इस तकनीक का इस्तेमाल करके अनाज को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है, और भूखे लोगों को खाना उपलब्ध करवाया जा सकता है।

साइलो संरचनाएं

मूल रूप से अनाज भंडारण करने की एक वैज्ञानिक विधि का पालन कर रही होती है, जो कि बहुत लंबे समय तक बहुत बड़ी मात्रा में अनाज की उपज को सुरक्षित और संरक्षित करने का काम करती है। इसके संरचना के अंतर्गत जहाँ बीच में अनाज का भंडारण किया जाता है वहां इसमें वातावरण को एक शुष्क स्तर पर रखा जाता है, और बहरी हवा के घुसपैठ को पूरी तरह से सील कर दिया जाता है।

साइलो के उपयोग से क्या फायदे होते हैं?

साइलो के उपयोग से कई फायदे देखने को मिलते हैं इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि एक स्थान पर बहुत बड़ी मात्रा में अनाज का भंडारण किया जा सकता है जो कि तकरीबन 50,000 टन से भी अधिक मात्रा में हो सकता है, और साइलो अनाज को लंबे समय तक जो कि अधिकतम 6 वर्षों के समय तक अनाज को सुरक्षित और संरक्षित रख सकता है। यह 2 सबसे बड़े फायदे साइलो तकनीकी के उपयोग से मिलते हैं।

निष्कर्ष

आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया साइलो किसे कहते हैं परिभाषा (silo kise kahate hain) के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।

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