भारत में सबसे पहले सोने के सिक्के किसने जारी किए थे?

जैसा कि आप जानते हैं भारत को पहले सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था क्योंकि यहां पर सोने की बहुत ही अधिकता पाई जाती थी। लगभग सभी लोग जानते होंगे कि प्राचीन समय में भारत में सोने के सिक्कों का प्रचलन था,

लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि भारत में पहले किसने सोने के सिक्के जारी किए? यदि नहीं तो आज का यह लेख आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि आज के इस लेख में हम आपको सोने के सिक्कों को जारी करने वाले शासकों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

सोने का सिक्का कैसा होता है? | sone ka sikka kaisa hota hai?

सोने का सिक्का पूरी तरह से सोने का बना होता है। यदि हम बात करें प्राचीन समय की तो उस समय सोने के सिक्के गोल हुआ करते थे और शुद्ध रूप से केवल सोने के बने होते थे।

यदि हम बात करें मध्यकालीन समय की तो उस समय भी सोने के सिक्के गोल होते थे परंतु वह पूर्ण रूप से सोने के नहीं बने होते थे। Q के सिक्कों में थोड़े से चांदी और तांबे भी मिलाए जाते थे। हम यह कह सकते हैं कि मध्यकालीन के समय जो सोने के सिक्के आते थे वह 99% सोने के होते थे और 1% उसमें चांदी एवं तांबे मिलाए जाते थे।

आधुनिक समय में सोने के सिक्कों का प्रचलन बंद हो गया है परंतु सोने के बिस्किट बनाए जाते हैं जो कि पूर्ण रूप से सोने के ही होते हैं।

भारत में पहले किसने सोने के सिक्के जारी किए? | Sabse pahle sone ke sikke Kisne Chalaye

bharat mein pahle kisne sone ke sikke jari kiye

भारत में सबसे पहले सोने के सिक्के कुषाण राज्य के सम्राट कनिष्क ने जारी किए थे। यह सिक्के 127 शताब्दी में जारी किए गए थे। कुषाण का राजा ने कई सारे सोने के सिक्कों के साथ साथ तांबे के भी सिक्के जारी किए थे।

कनिष्क सम्राट को सबसे ज्यादा सोने के सिक्के  जारी करने वाले राजा के रूप में जाना जाता है। कनिष्क महान, पांचवें कुषाण राजा के पूर्ववर्ती थे, जिन्होंने लगभग पूरे उत्तर भारत पर शासन किया था।

कुषाण साम्राज्य दक्षिणी उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान से लेकर वर्तमान अफगानिस्तान और पाकिस्तान तक, कश्मीर सहित उत्तरी भारत के अधिकांश हिस्सों से होते हुए पाटलिपुत्र तक फैला हुआ था, जिसे अब बिहार की राजधानी पटना के नाम से जाना जाता है।

पहले जारी किए गए सिक्के कैसे थे?

यह सिक्के सर्वप्रथम ग्रीक भाषा में जारी किए थे और बाद में इसे बैक्ट्रियन भाषा में जारी किया गया था। यह भाषायें इरानी भाषा थी। कुषाण काल के सोने के सिक्कों में आमतौर पर कई भारतीय पौराणिक कथाओं की प्रतिमाओं को दर्शाया गया है। इन सिक्कों में शिव, बुद्ध और कार्तिकेय भगवान के चित्रों को चित्रित किया गया है।

इन सोने के सिक्कों पर राजा के भी चित्र बनाए गए थे। इन सिक्कों में राजा लंबे कोट में और दाढ़ी में दिखाई देते है और उसके कंधों से आग की लपटों के साथ टखने पर पतलून इकट्ठी होती है।  वह बड़े गोल जूते पहनता है, और एक कैंची के साथ-साथ एक लांस के समान एक लंबी तलवार से लैस है।  उन्हें अक्सर एक छोटी वेदी पर बलि देते हुए देखा जाता है।  कुषाण सोने के सिक्कों ने बाद के राजवंशों, जैसे गुप्तवंश, को प्रभावित किया।

कुषाण सभ्यता के अन्य सोने के सिक्कों की जानकारी

कुषाण साम्राज्य में कनिष्क के अलावा और भी कई राजाओं ने सोने के सिक्के जारी किए थे। जो कि इस प्रकार हैं -:

1. हुविन्श्क स्वर्ण सिक्का:-

कनिष्का के बाद उनके पुत्र हुविन्श्क ने कई सोने के सिक्के और मुद्राएं जारी की। हुविन्श्क द्वारा जो स्वर्ण सिक्के जारी किए गए थे वह भी बैक्ट्रियन भाषा में थे इन्होंने 155 से 190 के युग में सिक्के जारी किए थे।

2. वसुदेव स्वर्ण सिक्का:-

हुविन्श्क के पुत्र वसुदेव ने यह स्वर्ण सिक्के जारी किए थे। जैसा कि नाम से ज्ञात होता है यह एक हिंदू राजा था इसलिए इनके द्वारा जारी किए गए सिक्कों पर भगवान शिव एवं नंदी को चित्रित किया गया है।

3. कनिष्क-2 स्वर्ण सिक्का:-

कनिष्क 2 ने भी कोषाण सभ्यता में सोने के सिक्के जारी किए थे। इन्होंने कोषाण साम्राज्य में लगभग 20 वर्षों तक शासन किया था। कनिष्क 2 के द्वारा जारी किए गए सिक्कों में भी भगवान शिव एवं नंदी को दर्शाया गया है। इनके सिक्कों में केवल लेखन कला में विभिन्नता दिखाई देती है।

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निष्कर्ष

आज के इस लेख में हमने आपको बताया कि भारत में पहले किसने सोने के सिक्के जारी किए? उम्मीद है कि आपको इसलिए के द्वारा सोने के सिक्कों से संबंधित जानकारियां मिल पाई होंगी। यदि आपको यह लेख पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ अवश्य साझा करें और कोई प्रश्न पूछने के लिए कमेंट बॉक्स में कमेंट करें।

FAQ

भारत में सोने के सिक्के जारी करने वाले पहले राजा कौन थे?

सही उत्तर कुषाण है। कुषाण भारत में सोने के सिक्कों का सबसे बड़ा भंडार जारी करने वाले पहले राजा थे।

सर्वप्रथम सिक्कों का चलन कब आरंभ हुआ?

भारत दुनिया की उन पहली सभ्यताओं में से एक है जहां ईसा पूर्व छठी शताब्दी के आसपास सिक्कों का प्रचलन शुरू हुआ था।

सबसे प्राचीन सिक्के का नाम क्या था?

वैदिक ग्रंथों में आने वाले ‘निष्का’ और ‘शतमन’ का प्रयोग वैदिक काल में सिक्कों के रूप में भी किया जाता था। भारत में सबसे पहले धातु के सिक्के गौतम बुद्ध के समय प्रचलन में आए, जिनका समय लगभग 500 ईसा पूर्व माना जाता है।

भारत का सबसे पुराना सिक्का कौन सा है?

दोस्तों हमारे भारत का सबसे पुराना सिक्का पंच मार्क वाला सिक्का है, इसे पुराण कर्षपण या पान भी कहते हैं ! यह सिक्का छठी शताब्दी में बनाया गया था।

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