नमस्कार दोस्तों आज के विषय में हम धातु के बारे में पढ़ने वाले है। हम धातु से बनी हुई बहुत सारी चीजों का प्रयोग किसी ना किसी रूप में, अपने रोजमर्रा की लाइफ में करते हैं। रसायनिक विज्ञान में धातु सबसे महत्वपूर्ण चीज है। अगर धातु की खोज नहीं हुई होती तो शायद रासायनिक विज्ञान ही अस्तित्व मे ना होता। आज हम जानेंगे की धातु किसे कहते हैं, धातु कितने प्रकार के होते हैं, और इसके गुणों पर भी चर्चा करेंगे।
तो चलिए आज का हमारा लेख शुरू करते हैं –
धातु किसे कहते हैं? | Dhatu Kise kahate Hain
धातु वह तत्व होता है जो चमकदार होता है, जिनमें आघातवर्धनीय गुण होता है और tensile property अधिक होती है। धातु ऊष्मा और विद्युत की सुचालक होता है और ठोस अवस्था में पाए जाते हैं।
यह खनिज पदार्थों से बने होते हैं। जैसे:- सोना, चांदी, लोहा, पोटेशियम, पीतल, तांबा, सोडियम आदि। दूसरे शब्दो में, ऐसे तत्व जो बहुत आसानी से इलेक्ट्रॉन को त्याग कर धनायन बनाने की प्रवृत्ति रखते हैं उन्हें धातु कहते हैं।
धातु कितने प्रकार के होते हैं?
आवर्त सारणी के मुताबिक अभी तक 119 तत्वों की खोज की गई है। जिसमे से धातुओं की संख्या अधिक है अर्थात 91 स्थान में तत्व धातु है और बाकी अधातु है। धातु को दो भागों में बांटा गया है:-
- लोह धातु
- अलोह धातु
आईए इन दोनों प्रकार को परिभाषा से समझते हैं:-
लोह धातु:- ऐसी धातु जिनमें लोहे की मात्रा अधिक पाई जाती है और कार्बन की कम मात्रा होती है, उन्हें लोहा धातु कहते हैं।
अलोह धातु:- ऐसी धातु है जिनमें लोहे के कण बिल्कुल भी नहीं पाए जाते, अलोह धातु कहलाते हैं।
आइए आपको कुछ धातुओं के नाम तथा उनके संकेत चिन्ह से अवगत करवाते हैं:-
कैल्शियम | Ca |
टाइटेनियम | Ti |
क्रोमियम | Cr |
मैकेनिक | Mn |
आयरन | Fe |
कॉपर | cu |
सिल्वर | Ag |
प्लैटिनम | Pt |
गोल्ड | Au |
धातु और अधातु में अंतर
धातुएं |
अधातुएं |
धातु में धात्विक चमक उपस्थित होती है |
अधातु में कोई भी चमक का गुण नहीं होती |
अक्सर धातु तन्य होती है |
अधातु तन्य नहीं होती है |
धातु में आघातवर्धनीयता का गुण होती है |
अधातु में कोई भी आघातवर्धनीयता का गुण नहीं होती |
धातु कठोर होती है |
अधातु भंगुर होती है अर्थात चूर्ण की अवस्था में होती है. |
प्रत्येक धातु इलेक्ट्रॉनिक त्यागती है |
अधातु इलेक्ट्रॉन ग्रहण करती है |
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धातु के गुण
धातु मे निम्नलिखित गुण पाए जाते हैं:-
धात्विक चमक:-
धातु में अपनी चमक होती है जिसे धात्विक चमक कहते हैं। सोना, चांदी इसके अच्छे उदाहरण है।
कठोरता:-
अधिकतर धातुएं कठोर होती है। किसी धातु मे कठोरता कम तो किसी में ज्यादा होती है। जैसे:- लोहा और तांबा इनमे कठोरता अधिक होती है। पारा और सोडियम इसके अपवाद है।
आघातवर्धनीय:-
धातुओं में आघातवर्धनीय गुण होता है। जिसके कारण किसी भी धातु को पीटकर पतली चादर के रूप में बदला जा सकता है, जैसे लोहे को पीट कर उसकी पतली चादर बनाई जाती है, जिसका प्रयोग गाड़ियों की बॉडी बनाने और अन्य कामों में किया जाता है। सोना और चांदी सबसे ज्यादा आघातवर्धनीय धातु है। सोना और चांदी को पीट कर बहुत ही पतली चादर बनाई जाती है, जिससे जेवर बनते हैं।
लचीलापन:-
धातु में लचीलापन होता है। इसके कारण किसी भी धातु को पतले तार के रूप में बदला जा सकता है। सोना सबसे ज्यादा लचीला होता है। तांबा, अलुमिनीयम आदि का प्रयोग बिजली के तार बनाने में किया जाता है। लोहे का प्रयोग मोटी तार जैसे क्रैंन, पुल आदि बनाने में किया जाता है।
Toughness :-
toughness धातु का वह गुण है जिसके कारण धातु को तोड़ मरोड़ करने पर भी वह टूटता नहीं है, जैसे:- ड्रिल।
भंगुरता:-
भंगुरता धातु का वह गुण होता है जिसके कारण उसके टुकड़े-टुकड़े किए जाते हैं या फिर उसे पाउडर के रूप में परिवर्तित कर दिया जाता है, जैसे:- आयरन, कास्ट।
Tenacity:-
यह किसी धातु को बल लगाने पर भी ना टूटे, यानी की लगने वाले बल को सहन करने की क्षमता tenacity कहलाती है।
सुचालक:-
धातु उष्पा और बिजली का सुचालक होता है। बिजली के सुचालक होने के गुण के कारण ही एलुमिनियम और कॉपर का प्रयोग बिजली के तार बनाने में किया जाता है और उष्मा का सुचालक होने के कारण ही एलुमिनियम और तांबे का प्रयोग खाना पकाने वाले बर्तन बनाने में किया जाता है।
धातु की खोज
ऐसा माना जाता है कि पाषाण काल में सबसे पहले तांबा अथवा ताम्र धातु की खोज की गई थी और लोहे की पहचान वैदिक काल में हुई थी। पहले आदिमानव शिकार करने के लिए पथरों का प्रयोग करते थे। पाषाण काल में धातु की खोज हो जाने के बाद उन्होंने शिकार के लिए और खेती के लिए धातु के हथियार बनाना शुरू कर दिया था जिसके अवशेष आज भी मौजूद है।
धातु से जुड़े तथ्य
- सबसे हल्की धातु लिथियम होती है।
- सबसे भारी धातु ऑस्मियम होती है।
- टंगस्टन का गलनांक सबसे अधिक 3500 डिग्री सेल्सियस होता है।
- भारत में टंगस्टन का उत्पादन राजस्थान की खानो से होता है।
- जिक्रोनियम ऐसा धातु है जो ऑक्सीजन और नाइट्रोजन दोनों में जलता है।
- बेरियम धातु के कारण ही आतिशबाजी में हरा रंग नजर आता है।
- आतिशबाजी में उत्पन्न लाल रंग stanshiym सट्रांशिएम के कारण नजर आता है।
- सोना, चांदी, पारा और प्लैटिनम उत्कृष्ट धातुए मानी जाती है।
- बिजली का सबसे अधिक सुचालक धातु चांदी और तांबा है।
- सोना और चांदी में सबसे ज्यादा आघातवर्ध का गुण होता है।
- पोटेशियम की उपस्थिति के कारण ही प्याज व लहसुन में गंध आती है।
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निष्कर्ष
दोस्तों, आज के इस लेख में हमने जाना कि धातु कितने प्रकार की होती है। आशा करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई है जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि इस लेख से संबंधित कोई प्रश्न आपके मन में है तो आप हमें कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताएं।
FAQ
Q1. धातु की परिभाषा क्या है?
Ans. सीधे शब्दों में कहें तो जो तत्व चमकदार होते हैं, जिनमें निंदनीय गुण होते हैं, जिनमें उच्च तन्यता क्षमता होती है और जो गर्मी और बिजली के अच्छे संवाहक होने के साथ-साथ ठोस अवस्था में भी पाए जाते हैं, उन्हें धातु कहा जाता है, जैसे लोहा, पोटेशियम, सोडियम, तांबा, आदि।
Q2. धातु की पहचान कैसे करें?
Ans. कुछ मामलों में, धातुओं के लिए अधातु खनिजों की गलती करना आसान हो सकता है। ध्यान रखें कि धातुएं आमतौर पर मजबूत, घनी और निंदनीय होती हैं, और इनमें अक्सर कुछ हद तक चमक या चमक होती है। इसके विपरीत, अधात्विक खनिज हल्के और भंगुर होते हैं, जिनमें मलिनकिरण या खत्म होता है। अपने नमूने को हथौड़े से कई बार टैप करने का प्रयास करें।
Q3. शुद्ध धातु कौन सी है?
Ans. विद्वानों के अनुसार तांबे को सभी धातुओं में सबसे शुद्ध माना गया है।
Q4. उपधातु की संख्या कितनी है?
Ans. आधुनिक आवर्त सारणी में 7 उपधातु होते हैं।
Q5. पांच धातु कौन सी है?
पंचधातु में सोना, चांदी, तांबा, जस्ता और शीशाा शामिल होता है।
Q6. सबसे उपयोगी धातु कौन सी है?
लोहा और एल्युमिनियम दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली औद्योगिक धातुएँ हैं। फिर आता है तांबा। इसका मुख्य उपयोग वायरिंग में होता है, जो मांग का लगभग 60% होता है। पाइपिंग और छत बनाने में 20%, मशीनरी लगभग 10%, और “अन्य” अंतिम 10% बनाते हैं।
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