पंचतंत्र की रचना किसने की थी? | panchtantra ki rachna kisne ki thi

नमस्कार दोस्तों, आज के समय पंचतंत्र का अनेक लोगों के जीवन में एक अहम योगदान है, तथा अनेक लोग पंचतंत्र का काफी सम्मान भी करते हैं। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि पंचतंत्र की रचना किसने की, (panchtantra ki rachna kisne ki) यदि आपको इस विषय के बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए इच्छुक हैं तो हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।

इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि पंचतंत्र की रचना किसने की, (panchtantra ki rachna kisne ki) इसके अलावा हम आपको पंच तंत्र से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी इस पोस्ट के अंतर्गत देने वाले हैं। तो ऐसी में आज का यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है, तो इसको अंत तक जरूर पढ़िए।

पंचतंत्र की रचना किसने की थी? (panchtantra ki rachna kisne ki thi)

दोस्तों अनेक कंपटीशन एग्जाम के अंतर्गत यह सवाल पूछा जाता है, कि पंचतंत्र की रचना किसने की, और बहुत लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है, दोस्तों अगर आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है, तो आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि पंचतंत्र की रचना “विष्णु शर्मा” (Vishnu Sharma) द्वारा किया गया था।

पंचतंत्र क्या है? (panchtantra kya hai)

पंचतंत्र की रचना किसने की थी? (panchtantra ki rachna kisne ki thi)

दोस्तों यह एक प्रकार की कहानियां है। इनके अंतर्गत आपको मनोविज्ञान, व्यवहारिकता तथा राजकाज के सिद्धांतों के बारे में जानकारी मिलती है, यहां पर अलग-अलग प्रकार की कहानियों कथा उनके रोचक तथ्यों के माध्यम से आपको इन सभी टॉपिक्स के बारे में अच्छे से जानकारी देने तथा सीख देने की कोशिश की गई है।

पंचतंत्र की इन कहानियों के अंतर्गत आपको मनुष्य पात्र के अलावा अनेक वाद पशु पक्षियों के पात्र की कहानियों के बारे में भी जानकारी देखने को मिलती है, जो आपको पशु पक्षियों के जीवन को सीखने के लिए काफी मदद करती है।

पंचतंत्र की लगभग प्रत्येक कहानियां एक व्यक्ति के जीवन से जुड़ी हुई होती है, तथा इन सभी कहानियों से आपको अपने जीवन में अनेक चीजें सीखने को मिलती है, कि आपको किस तरह का व्यवहार रखना चाहिए, किस तरह से आप अच्छा जीवन व्यतीत कर सकते हैं, तथा किस तरह का आप का लोक व्यवहार होना चाहिए, यह सभी चीजें आपको इन पंचतंत्र की कहानियों में बहुत ही सरल भाषा में देखने को मिलती है।

पंचतंत्र को कुल 5 भागों के अंतर्गत बांटा गया है:-

  1. मित्रभेद (मित्रों में मनमुटाव एवं अलगाव)
  2. मित्रलाभ या मित्रसम्प्राप्ति (मित्र प्राप्ति एवं उसके लाभ)
  3. काकोलुकीयम् (कौवे एवं उल्लुओं की कथा)
  4. लब्धप्रणाश (हाथ लगी चीज (लब्ध) का हाथ से निकल जाना (हानि))
  5. अपरीक्षित कारक (जिसको परखा नहीं गया हो उसे करने से पहले सावधान रहें; हड़बड़ी में क़दम न उठायें)

यदि आप भी अपने जीवन के अंतर्गत कुछ बड़े बदलाव लाना चाहते हैं, तथा आप एक व्यवहारिक जीवन जीना चाहते हैं, तो आपको इन पंचतंत्र की कहानियों को जरूर पढ़ना चाहिए। आज के समय इसकी अनेक किताबें देखने को मिल जाती है, इसके अलावा इंटरनेट पर भी आपको इनके बारे में जानकारी मिल जाती है तो आप वहां से इसके बारे में पढ़ सकते हैं।

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आज आपने क्या सीखा

तो आज के इस आर्टिकल के अंतर्गत आपने जाना की पंचतंत्र की रचना किसने की, (panchtantra ki rachna kisne ki)  हमने आपको इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी दी है। इसके अलावा पंचतंत्र से जुड़ी का कोई हर एक जानकारी हमने आपको इस पोस्ट के माध्यम से दी है, कि पंचतंत्र क्या है, इसकी रचना किसके द्वारा की गई थी, इन के अंतर्गत आपको क्या क्या देखने को मिलता है, तथा आप इंच के माध्यम से अपने जीवन में क्या-क्या बदलाव ला सकते हैं।

दोस्तों हमने आपको इस पोस्ट के माध्यम से इस विषय से जुड़ी संपूर्ण जानकारी को देने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी पसंद आई है, तथा आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया सीखने को मिला है। अगर यह जानकारी आपको पसंद आए तो इसे सोशल मीडिया के माध्यम से आगे शेयर जरूर करें, तथा आप इस विषय के बारे में अपनी राय हमें कमेंट में बता सकते हैं।

FAQ

पंचतंत्र से आप क्या समझते हैं?

पंचतन्त्र एक नीति शास्त्र या नीति ग्रन्थ है- नीति का अर्थ जीवन में बुद्धि पूर्वक व्यवहार करना है।

पंचतंत्र बच्चों के विकास में क्या करता है?

पंचतंत्र के विभिन्न हिस्सों की कहानियों से बच्चे सीखते हैं कि दोस्तों के साथ कैसा व्यवहार करना है, जीवन में परिवार का क्या स्थान है, मेहनत और ईमानदारी का क्या महत्व है और संकट के समय अपनी बुद्धि से समस्याओं का समाधान कैसे करना है। इससे एक अच्छे समाज का निर्माण होता है।

पंचतंत्र में क्या क्या आता है?

पंचतंत्र एक विश्व प्रसिद्ध कहानी पुस्तक है, जिसके लेखक आचार्य विष्णु शर्मा हैं। इस पुस्तक में राजनीति के पाँच तंत्र (भाग) प्रतिपादित हैं। पंचतंत्र को संस्कृत भाषा में ‘पांच निबंध’ या ‘अध्याय’ भी कहा जाता है। शिक्षाप्रद भारतीय पशु कहानियों का एक संग्रह, जो उनके मूल देश और दुनिया भर में व्यापक रूप से प्रसारित किया गया था।

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