दोस्तों, आज के समय राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग संपूर्ण भारतवर्ष में रहने वाले किसी भी व्यक्ति कि मानवाधिकार को सुरक्षित और संरक्षित करने का काम करता है। लेकिन मानवाधिकार के और भी बहुत सारे काम होते हैं, जिनके बारे में हमारा जानना जरूरी है।
यदि आप भी यही जानने के लिए यहां पर आए हैं तो आप बिल्कुल सही जगह हैं। क्योंकि आज हम आपको बताने वाले हैं कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के कार्य क्या है, और भारत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की भूमिका क्या है। तो चलिए शुरू करते हैं और जाते हैं कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के कार्य क्या है-
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग क्या है? (What is National Human Rights Commission)
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक सांविधिक आयोग है जिसे हम “स्टैचुअरी बॉडी” के नाम से जानते हैं। यह आयोग राष्ट्रपति के अध्यादेश के द्वारा मानव अधिकार संरक्षण अध्यादेश 1993 के अंतर्गत गठित किया गया था और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के अंतर्गत वैज्ञानिक आधार दिया गया था। आज के समय राष्ट्रीय मानवाधिकार का एक मुख्य काम यह है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के मानव अधिकार को सुरक्षित और संरक्षित रखने के लिए उत्तरदाई है। जिसे यह अपनी पूरी शक्ति से पूरा करने में जुटी हुई है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन कब हुआ? (When was the National Human Rights Commission formed?)
“राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग” के लिए “गठन” शब्द एक प्रकार से 2 तरीके से परिभाषित किया जा सकता है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के “स्टैचुअरी बॉडी” का निर्माण करने के लिए राष्ट्रपति द्वारा अध्यादेश 28 सितंबर 1993 को जारी किया गया था, और इसका गठन 12 अक्टूबर 1993 को किया गया था। यानी कि तकरीबन आज से 28 साल पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन हुआ था।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के कार्य क्या है? (What is the function of National Human Rights Commission?)
हमने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के बारे में आपको ऊपर संक्षेप में जानकारी दी है, जो कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के संदर्भ में बिल्कुल सही है। अब हम आपको बताते हैं कि भारत में सभी लोगों के मानवाधिकारों की सुरक्षा करने के लिए उत्तरदाई “राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग” के कार्य क्या क्या है-
1. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग मूल रूप से भारत मेंशक्तिशाली वर्ग के द्वारा शक्ति विहीन वर्ग पर किए जाने वाले अत्याचारों के विरोध में प्रतिक्रियात्मक रूप से जांच करता है।
2. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भारत सरकार के द्वारा किए गए मानव अधिकारों का उल्लंघन और भारत के नौकरशाहों के द्वारा, या लोक सेवकों के द्वारा मानव अधिकार को हानि पहुंचाने के संदर्भ में किए गए किसी भी प्रकार के कार्य, या लापरवाही के विरोध में सक्रिय रूप से जांच करता है, और न्यायालय के द्वारा अपराधियों को दंडित करवाता है।
3. आतंकवाद, कुकृत्य, या अन्य जघन्य कार्य जहां मानव अधिकार का धड़ल्ले से उल्लंघन होता है, उन सभी कार्यों की समीक्षा करना तथा मानव अधिकार का उपयोग करने से रोकने के संदर्भ में जो भी कारण होते हैं, उनके उचित उपचारात्मक उपायों के बारे में यह आयोग भारत सरकार को तथा न्यायालय को सिफारिश करता है।
4. मानव अधिकार पर की जाने वाली किसी भी संधि के बारे में अंतरराष्ट्रीय उपकरणों का ध्यान रखते हुए उनका अध्ययन करता है।
5. मानव अधिकारों को भारत में रहने वाले सभी लोगों तक उपलब्ध करवाने के लिए प्रभावी क्रियान्वयन का कार्य करता है।
6. मानवाधिकारों के क्षेत्र को बढ़ावा देते हैं, और इसमें नए नए अनुसंधान करने का काम भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा किया जाता है।
7. जेलों में रहने वाले अपराधियों की भी मानवाधिकारों के संदर्भ में उचित जांच की जाती है, ताकि जेल में रहने वाले अपराधियों को भी मानवाधिकारों से वंचित ना किया जा सके।
8. मानव अधिकारों से सम्बंधित वह सुविधाएं जो आम जनता से पहुंची चाहिए, वह सुविधाएं हर उस क्षेत्र में भी पहुंचाने का काम मानवाधिकार आयोग के द्वारा किया जाता है जहां शक्तिशाली वर्गों द्वारा लोगों तक पहुंचाई जाने वाली सुविधाओं को या मदद को रोक लिया जाता है।
9. मानव अधिकार के लिए काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों और गैर-लाभार्थी संगठनों को प्रोत्साहित करना और उनके प्रयासों को जनता तक पहुंचाने का काम भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के द्वारा किया जाता है।
10. हर क्षेत्र में मानवाधिकारों के संरक्षण और उनकी आवश्यकता को ध्यान में रखने का काम इस आयोग के द्वारा किया जाता है।
11. मानव अधिकार के संबंध में भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले किसी भी कार्यालय सार्वजनिक रिकॉर्ड या फिर न्यायालय के द्वारा किसी भी रिकॉर्ड की प्राप्ति राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग कर सकता है।
यह सारे काम राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के हैं जो इस “स्टैचुअरी बॉडी” के द्वारा पूरे भारत में किए जाते हैं। आज के समय श्री अरुण कुमार मिश्रा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के वर्तमान अध्यक्ष हैं और इस आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली के कॉपरनिकस मार्ग पर उपस्थित फरीदकोट हाउस में संचालित है।
Also read:
- अंतरराष्ट्रीय न्यायालय कहां स्थित है?
- औद्योगिक क्रांति से क्या आशय है?
- भारत के संविधान मैं कौन सा अनुच्छेद अपने राज्यों को पंचायती राज के प्रारंभ करने का निर्देश देता है?
निष्कर्ष
आज के लेख में हमने जाना कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग क्या है, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन कब हुआ, और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के कार्य क्या है। हम आशा करते हैं कि आज का यह लेख आपके लिए काफी ज्ञानप्रद रहा होगा। यदि आप कोई सवाल पूछना चाहते है तो कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।
FAQ
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का क्या कार्य है?
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत 12 अक्टूबर 1993 को अपनी स्थापना के बाद से मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण के कार्य से अपने 24 वर्ष पूरे कर लिए हैं।
मानवाधिकार का कार्य क्या है?
मानवाधिकारों में मुख्य रूप से जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार, गुलामी और यातना से मुक्ति का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार और काम और शिक्षा का अधिकार आदि शामिल हैं। कोई भी व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के इन अधिकारों का आनंद लेने का हकदार है।
मानव अधिकार कब मनाया जाता है?
मानवाधिकार दिवस हर साल 10 दिसंबर को मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (यूडीएचआर) के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसे 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाया और घोषित किया गया था।
Homepage | Click Hear |
General | Click Hear |
Technology | Click Hear |
Share Market | Click Hear |
Biography | Click Hear |