SIP के फायदे और नुकसान SIP के नुकसान जानकर ही निवेश करें

SIP Ke Fayde– SIP यानि systematic investment plan  निवेश करने का एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है। इसमें आप एक fix amount को हर महीने निवेश करके बचा सकते हैं। लॉन्ग टर्म में कंपाउंडिंग से आपको बढ़िया लाभ प्राप्त होता है। पर क्या आप sip के फायदे और नुकसान जानते हैं। SIP के कुछ नुकसान भी है इसलिए आप सिर्फ SIP के नुकसान जानकर ही निवेश करें।

दोस्तों, यदि आप SIP में निवेश करने का सोच रहे हैं तो SIP में निवेश करने से पहले SIP के नुकसान जानकर ही निवेश करें। SIP के फायदे और नुकसान जानने के लिए आप इस लेख में दी गई जानकारी को आखिर तक जरूर पढ़ें। तो चलिए लेख को शुरू करते हैं –

SIP के फायदे

SIP करने के कई सारे फायदे हैं आई विस्तार से जानते हैं SIP के क्या किया फायदे हैं

High return और compounding का फायदा

यदि आप SIP मे निवेश करेंगे तो यह स्कीम आपको किसी भी सरकारी स्कीम की तुलना में बढ़िया रिटर्न देती है। यह रिटर्न long term में और भी अच्छे हो सकते हैं। आमतौर पर आपको SIP मे 12 से 15% के रिटर्न मिल जाता है जो दूसरी किसी भी स्कीम से बहुत अधिक होता है। SIP मे निवेश करने से आपको कंपाउंडिंग का बहुत अधिक लाभ मिलता है। आप जितने लंबे समय के लिए SIP मे निवेश करेंगे आप उतना ही फायदा उठा पाएंगे।

उदाहरण के तौर पर, यदि आप हर महीने 5000 की SIP शुरू करते हैं तो यदि आपको sip पर 12% का रिटर्न मिलेगा। 25 साल के बाद आपको उसकी वैल्यू 95 लाख प्राप्त होगी। कंपाउंडिंग के कारण ही सिर्फ लोकप्रिय इन्वेस्टमेंट है।

प्रोफेशनल मैनेजर की सुविधा

म्युचुअल फंड को एक प्रोफेशनल fund manager के द्वारा manage किया जाता है। वह अपने अनुभव और ज्ञान के आधार पर पोर्टफोलियो को manage करता है। फंड मैनेजर कम से कम जोखिम पर अधिक से अधिक return बनाने का प्रयास करता है। SIP मे आपको कम expense ratio पर प्रोफेशनल मैनेजर की सुविधा मिल जाती है।

SIP के लिए ज्यादा राशि की आवश्यकता नहीं होती

SIP का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप इसमें कम से कम राशि से भी निवेश कर सकते हैं। दूसरी और यदि आप स्टॉक मार्केट में किसी स्टॉक में निवेश करते है तो उस मे अधिक राशि की जरूरत पड़ती है और SIP मे आप ₹500 से भी शुरू कर सकते हैं। कम पूंजी की जरूरत होने के कारण किसी भी वर्ग का व्यक्ति SIP में आसानी से निवेश कर सकता है।

Long term goal को प्राप्त करने में सहायक

SIP म्युचुअल फंड में व्यवस्थित तरीके से निवेश करने का एक बहुत ही बढ़िया विकल्प है। इसकी मदद से आप लंबे समय के लिए निर्धारित करके लक्ष्य को आराम से हासिल कर सकते हैं। जैसे यदि आने वाले समय में आप ने घर खरीदना है या वेल्थ बनानी है तो आप उसी के अनुसार अपने पोर्टफोलियो का निर्माण कर सकते हैं।

बहुत ही कम लागत पर निवेश की सुविधा

SIP मे निवेश करने से आपको expense रेशों का भुगतान करना होता है और यह expense ratio भी बहुत ही काम होता है, जिसके बदले में आपको प्रोफेशनल फंड मैनेजर की सुविधा मिल जाती है। इसीलिए SIP मे निवेश करना आपके लिए फायदेमंद भी होता है और सस्ता भी पड़ता है।

निवेश को विविधता प्राप्त होती है

जब भी आप SIP के द्वारा म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करते हैं तो आपको निवेश की विविधता प्राप्त होती है। इससे आपके निवेश में अलग-अलग sector के stock और asset क्लास में निवेश होता है। आपके risk काफी कम होती है।

जैसे यदि किसी सेक्टर में किसी भी कारण वश मंदी आ जाए तो आपके पूरे पोर्टफोलियो पर प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि जिस सेक्टर में मंदी आई है उसमें आपका थोड़ा ही पैसा निवेश हुआ है। इसीलिए आप के निवेश को विविधता प्राप्त हो जाने से आपको नुकसान नहीं उठाना पड़ता।

अलग-अलग कैटेगरी में निवेश की सुविधा

वर्तमान समय में मार्केट में म्युचुअल फंड के बहुत सारी category उपलब्ध है। इनमें से आप अपनी रिस्क प्रोफाइल के अनुसार ही SIP का चुनाव कर सकते हैं।

निवेश करने में आसानी

SIP का बड़ा फायदा यह है कि आप इसमें आसानी से निवेश कर सकते हैं। आप किसी फंड हाउस की वेबसाइट, किसी एजेंट के माध्यम से या फिर किसी मोबाइल ऐप से निवेश कर सकते हैं। आज के समय में तो बहुत सारे platform लॉन्च हो चुके हैं जिनके द्वारा आप घर बैठे म्युचुअल फंड की स्कीम खरीद सकते हैं।

आज के समय में my caps, grow, upstock, coin इत्यादि ऐप्स प्रचलित है। आप apps मे sip की growth, return इत्यादि आसानी से track कर सकते हैं। ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट ने sip को आसान बना दिया है।

SIP एक सुरक्षित निवेश

भारत में mutual fund का रेगुलेटर sebi है। Sebi फंड हाउसों पर कड़ा नियंत्रण रखता है और उन्हें नियमों का पालन करने के लिए बाध्य करता है, जैसे बैंकों का रेगुलेटर rbi होता है वैसे ही म्युचुअल फंड का रेगुलेटर sebi होता है जो म्युचुअल फंड हाउसों को अपने अधीन register करता है। इसीलिए SIP मे निवेश करना सुरक्षित माना जाता है।

SIP से पैसा निकालना आसान

कई बार ऐसा हो जाता है कि आप निवेश करते हैं परंतु किसी कारण की वजह से आपको पैसों की जरूरत पड़ जाती है और आप अपना निवेश किया हुआ पैसा निकलवाना चाहते हैं। मार्केट में कई निवेशों में lock in period रहता है। जब तक वह पीरियड्स पुरा नहीं हो जाता तब तक आप पैसे नहीं निकाल सकते, परंतु SIP मे ऐसा नहीं है।

आप जब चाहे अपने द्वारा निवेश किए हुए पैसे को widraw कर सकते हैं। आपके द्वारा widrawal रिक्वेस्ट की तारीख से लगभग 2 से 3 दिन के भीतर पैसा आपके बैंक अकाउंट में क्रेडिट हो जाता है।

SIP के नुकसान (SIP के नुकसान जानकर ही निवेश करें)

SIP के फायदे के साथ साथ कुछ नुकसान भी है जिसको ध्यान में रख कर ही निवेश करें।

SIP मे रिटर्न की अनिश्चित का नुकसान

SIP म्युचुअल फंड में निवेश करने का एक जरिया है। म्युचुअल फंड अपना अधिकतर पैसा स्टॉक मार्केट में निवेश करता है। लेकिन शेयर मार्केट के द्वारा दिए जाने वाले रिटर्न बहुत ज्यादा अनिश्चित होते हैं और इसी वजह से SIP के रिटर्न में भी भारी अनिश्चितता पाई जाती है।

बाजार में ऐसे बहुत सारे विकल्प मौजूद है जो एक निश्चित रिटर्न ऑफर करते हैं, परंतु SIP मे कोई निश्चित ब्याज नहीं मिलता। SIP के द्वारा मिलने वाला रिटर्न सीधा शेयर मार्केट से जुड़ा होता है जहां पर हमेशा उतार चढ़ाव लगा रहता है।

Expense ratio का नुकसान

SIP मे expense ratio का एक बड़ा नुकसान माना जाता है। म्युचुअल फंड में expense ratio  आपके निवेश की लागत होती है। फंड हाउस म्युचुअल फंड को मैनेज करने के लिए आपके निवेश में से कुछ पैसा expense ratio के रूप में काट लेता है और यह प्रत्येक दिन के हिसाब से काटा जाता है।

यह एक्सपेंस रेशों 1 से 2% के आसपास रहता है। यदि आप SIP के direct plan में निवेश करते हैं तो आपको थोड़ा कम expense ratio देना होगा, परंतु यदि आप रेगुलर प्लान में निवेश करते हैं तो आपको ज्यादा expense ratio रेशों देना होगा। जब भी आप किसी SIP में निवेश करने के लिए जाए तो आपको उससे जुड़े सभी खर्चों के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए।

Lock – In – Period के नुकसान

Close ended mutual fund और ELSS मे lock in period मौजूद होता है तो यदि आप इनमें से किसी भी स्कीम में निवेश करने का सोच रहे हैं तो इसमें एक fix आवधि के बाद ही आप पैसे को निकाल पाएंगे।

इसीलिए आपको इस प्रकार की SIP मे निवेश करना थोड़ा असुविधाजनक हो सकता है। इक्विटी म्युचुअल फंड में किसी भी प्रकार का lock in period नहीं होता है इसमें आप कभी भी exit कर सकते है।

एक्जिट लोड से SIP में नुकसान

अधिकतर म्युचुअल फंड में निवेश के एक साल के भीतर ही यदि आप exit कर लेते हैं तो आपसे एग्जिट लोड चार्ज किया जाता है। इसमें आपको लगभग एक प्रतिशत का exit load देना पड़ता है। 1 साल की अवधि प्रत्येक SIP इंस्टॉलमेंट के लिए अलग-अलग कैलकुलेट की जाती है।

अगर आसान भाषा में समझे तो जिस भी SIP इंस्टॉलमेंट का भुगतान आपने 1 साल से पहले किया था। आप उसे बिना एग्जिट लोड के redeem करवा सकते हैं। अधिकतर म्युचुअल फंड में 1 साल के बाद कोई भी exit load नहीं होता। इसीलिए म्युचुअल फंड SIP हमेशा लंबे समय के लिए ही advice की जाती है।

शेयर मार्केट से कम रिटर्न

SIP आपको शेयर मार्केट से कम रिटर्न देती है। म्युचुअल फंड शेयर मार्केट में निवेश करने का indirect तरीका होता है। Indirect होने के कारण इसमें एजेंट के फीस, फंड हाउस इत्यादि शामिल होते हैं।

यदि कोई निवेशक सही से रिसर्च और एनालिसिस करके शेयर बाजार में निवेश करता है तो वह डायरेक्ट स्टॉक मार्केट में SIP से अधिक रिटर्न बना सकता है। यदि आप लंबे समय में बढ़िया कंपनी में निवेश करते हैं तो आपके return SIP की तुलना में अधिक रहते हैं।

अधिक डायवर्सिफिकेशन के नुकसान

म्युचुअल फंड अपना पैसा अलग-अलग asset class में लगता है जिसमें बहुत सारे stock भी मौजूद होते हैं। वैसे तो diversification अच्छा माना जाता है लेकिन कई बार यह नुकसान का कारण भी बन सकता है। उदाहरण के लिए जब किसी म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो के share का दाम double हो जाता है तब भी आपको म्युचुअल फंड में निवेश की कीमत double नहीं होती। इसका कारण यही है कि आप के फंड को अलग-अलग स्टॉक में निवेश किया गया है।

SIP portfolio को review करना

नियमित रूप से अपने portfolio को रिव्यू करना भी SIP का एक नुकसान है। बेशक आपके पोर्टफोलियो को प्रोफेशनल फंड मैनेजर manage कर रहा हो, परंतु फिर भी आपको समय-समय पर अपने portfolio को रिव्यू करना पड़ता है। इसका रिव्यु करना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि कई बार आपकी स्कीम underperform कर रही होती है जिसे आपको किसी बढ़िया स्कीम से replace करना होता है। कोई गलत स्कीम continue ना हो इसलिए आपको समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो को रिव्यू करना पड़ता है।

गलत sip scheme मे निवेश करने का नुकसान

यदि आपने किसी ऐसी स्कीम में निवेश कर दिया है जो आपके लक्ष्य और आवश्यकता के अनुसार नही है, तो वह sip व्यर्थ हो सकती है। कुछ निवेशक पिछले कुछ सालों की परफॉर्मेंस या रिटर्न को देखकर निवेश कर देते हैं जो कि गलत तरीका माना जाता है।

SIP लंबी अवधि के लिए अच्छी

SIP में लंबी अवधि में ही अच्छा रिटर्न हासिल किया जा सकता है। इसे कम से कम 5 से 10 साल के लिए रखना पड़ता है। जो निवेशक कम समय में बढ़िया रिटर्न पाना चाहते हैं उनके हाथ केवल निराशा लग सकती है।

SIP return पर tax का नुकसान

SIP में आप जो भी प्रॉफिट कमाते हैं उस पर आपको कुछ टैक्स pay करना होता है जो कि आप के प्रॉफिट के हिस्से में से कट जाता है। SIP मे निवेश करने से आपको अपने maturity राशि पर भी  tax देना पड़ सकता है।

FAQ’s

Q. 1 SIP के नुकसान क्या है?

Ans. SIP के रिटर्न स्टॉक मार्केट पर आधारित होते हैं। इसलिए इसके रिटर्न में काफी ज्यादा अनिश्चितता देखी जा सकती है। SIP के अधिक नुकसान जानने के लिए ऊपर दिए गए blog को पढ़ें।

Q. 2 क्या मैं SIP मे हर महीने 500 का निवेश कर सकता हूं?

Ans. हाँ, बहुत सारे म्युचुअल फंड स्कीम केवल ₹500 प्रति माह से SIP की सुविधा ऑफर करते हैं।

Q. 3 अगर मैं 20 साल के लिए SIP मैं ₹1000 का निवेश करूं तो क्या होगा?

Ans. यदि आप ₹1000 का हर महीने 20 सालों तक SIP में निवेश करते हैं तो आपका कुल निवेश 240000 रुपए का होगा और 12% रिटर्न के अनुसार आपको कल 7,69,158 रुपए प्राप्त होंगे जो कि आपके द्वारा निवेश की गई राशि के दोगुनी से भी ज्यादा है।

निष्कर्ष

दोस्तों, आपने इस लेख के माध्यम से SIP के फायदे और नुकसान के बारे में जाना है। हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। इस लेख को शेयर करें और अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं ताकि वह भी SIP में निवेश करने से पहले इसके फायदे और नुकसान के बारे में जान सके।

यदि आप किसी अन्य विषय पर जानकारी चाहते हैं या फिर ऊपर दिए के लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न आपके मन में है या आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।

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