SIP Meaning in Hindi (SIP के फायदे और संपूर्ण जानकारी)

आपने बहुत सारे निवेश के विकल्प के बारे में सुना होगा जैसे fixed deposit, stock market में इन्वेस्टमेंट, गोल्ड मे इन्वेस्टमेंट, real estate मे इन्वेस्टमेंट इत्यादि। इसी तरह से निवेश का एक विकल्प SIP भी है। इस लेख के माध्यम से आप SIP meaning in Hindi के साथ साथ SIP के फायदे और संपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।

दोस्तों, यदि आप भी म्युचुअल फंड में निवेश करने का सोच रहे हैं तो SIP आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। इस लेख के माध्यम से हम आपको SIP meaning in Hindi SIP के फायदे और संपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं। अत: इस लेख में दी गई जानकारी को आखिर तक जरूर पढ़ें।

SIP को हिंदी मे क्या कहते हैं? (SIP meaning in Hindi)

SIP का full form systematic investment plan होता है। SIP को बहुत से लोग सिप कहते हैं। इसका हिंदी अर्थ होता है व्यवस्थित रूप से निरंतर निवेश करना।

S – systematic

I – investment

P – Plan

जैसा कि इसके नाम से भी स्पष्ट हो जाता है कि यह निवेश करने का एक व्यवस्थित तरीका है। SIP अधिकतर म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए उपयोग किया जाता है। इस में निवेशक पूरा पैसा एक साथ निवेश नहीं करता बल्कि एक निश्चित समय अंतराल में निश्चित राशि invest करता रहता है।

जैसे किसी इन्वेस्टर ने 1000 रुपए हर महीने की SIP शुरू करवाई है तो वह हजार रुपए हर महीने म्युचुअल फंड में निवेश करता रहेगा। इससे निवेशक पर आर्थिक बोझ नहीं बढ़ता। इससे कम आय वाला व्यक्ति भी शुरू कर सकता हैं।

SIP कैसे काम करता है?

SIP mutual fund के NAV के अनुसार निवेश करता है। NAV का अर्थ Net asset value होता है। NAV म्युचुअल फंड की एक यूनिट का दाम होता है। जैसे स्टॉक मार्केट में एक share के अनुसार निवेश किया जाता है वैसे ही म्युचुअल फंड में एक यूनिट के अनुसार निवेश किया जाता है।

म्युचुअल फंड में NAV हर दिन बदलती रहती है। इस वजह से हर महीने निवेशक के द्वारा खरीदे जाने वाला NAV अलग-अलग रहता है। जब बाजार में तेजी का दौर रहेगा तब म्युचुअल फंड की NAV ज्यादा होगी, इसलिए हजार रुपए में कम यूनिट आएगी।

जब बाजार में मंदी चल रही होगी तो NAV कम होगी, तो यूनिट अधिक आएगी। बाजार की स्थिति चाहे कैसी भी हो investor ₹1000 पर ही निवेश करता रहेगा। जैसे-जैसे यूनिट खरीदना रहेगा उसकी कीमत average होती जाएगी। लंबे समय में अक्सर यह देखा गया है कि सही जगह और सही तरह से निवेश किया जाए तो म्युचुअल फंड बहुत अच्छा रिटर्न देते हैं।

SIP ही क्यों चुने?

अधिकतर लोग एक साथ बड़ा निवेश करने में सक्षम नहीं होते। SIP मे कम निवेश के साथ भी इन्वेस्टमेंट की शुरुआत की जा सकती है।

म्युचुअल फंड अपना अधिकांश हिस्सा share market में निवेश करता है। अब मान लीजिए आपको शेयर मार्केट में निवेश करना है तो इसके लिए आपके पास तीन विकल्प मौजूद है। जिसमें –

पहला यह है कि आप खुद research करें और स्टॉक का चुनाव करके उसमें निवेश करें। अगर आपको अच्छी जानकारी है तो आप पैसा कमा भी सकते हैं नहीं तो investment advisor की मदद से स्टॉक मार्केट में निवेश करें। इसमें आपको समय निकालना होगा। इसमें आपको बार-बार खरीदने या बेचने की सलाह मिलती रहती है, परंतु इसमें इन्वेस्टमेंट एडवाइजर होने की बावजूद भी आपको loss उठाना पड़ सकता है।

दूसरा यह है कि आप म्युचुअल फंड के माध्यम से स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकते हैं जिस के लिए ना ही आपको समय निकालना होता है और ना ही advisor hire करना होता है।

SIP मे कम से कम कितना पैसा लगा सकते हैं?

SIP मे आप केवल ₹500 से भी अपना निवेश शुरू कर सकते हैं। कुछ फंड हाउस तो केवल ₹100 से भी निवेश की सुविधा का offer देते हैं। आपको SIP अपनी कम से कम उम्र से ही निवेश प्रारंभ कर देना चाहिए। आप जितना जल्दी निवेश करेंगे आप उतना अधिक फायदे में रहेंगे।

उदाहरण के लिए अगर आपने 25 साल की उम्र में ₹500 की SIP को शुरू की है तो 12% रिटर्न के अनुसार आपकी 60 साल की उम्र में आपके पास 32 लाख 50 हजार जमा हो जाएंगे।

SIP मे निवेश क्यों करना चाहिए?

हम सभी का कोई ना कोई लक्ष्य रहता है चाहे वह घर बनाने का हो या फिर अपना बुढ़ापा सही रूप से आनंदित जीने का। यदि हम अभी से निवेश शुरू करेंगे तो हमें आने वाले समय में पैसों के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

SIP के जरिए जब आप अनुशासित रूप से निवेश करते हैं तो आपको एक बढ़िया मुनाफा मिलने के अवसर बढ़ जाता है। आप चाहे कितनी भी बुरी SIP स्कीम का चुनाव कर ले, पर लंबे समय में वह आपको रिटर्न अच्छा ही दे जाती है।

SIP में पैसे लगाने का दूसरा कारण यह है कि इसमें आर्थिक बोझ कम होता है। मध्यम वर्ग के लोगों के लिए या फिर नौकरी पेशा लोगों के लिए SIP निवेश करने का एक सबसे अच्छा विकल्प है। बाकी दूसरे निवेश जैसे gold या FD में आपके पास थोड़ी ज्यादा राशि होने की जरूरत होती है।

SIP कैसे शुरू करे?

अब आपके मन में यह प्रश्न आ रहा होगा कि सिर्फ आखिर सिर्फ शुरू कैसे करें आप डायरेक्ट म्युचुअल फंड हाउस या किसी मोबाइल ऐप के माध्यम से घर बैठे आसानी से सिर्फ शुरू कर सकते हैं यह बहुत आसान होता है।

उदाहरण के लिए मान लो आपको HDFC small cap fund में अपनी SIP की शुरुआत करनी है, तो इसके लिए आप एचडीएफसी फंड हाउस की ऑफिशल वेबसाइट पर जाएं। इसके बाद आप account बनाकर hdfc fund house के किसी भी फंड में निवेश कर सकते हैं।

SIP के लिए आपको फंड हाउस की तरफ से एक यूनिक नंबर प्रदान किया जाएगा। उस नंबर की मदद से आप अपने internet banking के biller section में अपनी SIP को biller की तरह भी जोड़ सकते हैं जिससे हर महीने आपकी SIP आपके अकाउंट से auto debit हो जाएगी।

Mutual fund में SIP कैसे काम करता है?

  • SIP में निवेश करने के लिए सबसे पहले निवेशक को अपनी KYC करवानी होती है।
  • इसके लिए निवेशक को zerodha, upstock या angel one पर अकाउंट open कर सकता है।
  • जिस भी mutual fund स्कीम को आपने चुना है उसमें आपको SIP करनी है।
  • साथ ही SIP का अंतराल अवधि और SIP की राशि का भी चुनाव करना होता है।
  • Bank mandate करना पड़ता है ताकि निश्चित तारीख पर पैसा आपके बैंक से auto debit हो जाए।
  • आपको NAV के आधार पर म्युचुअल फंड units आवंटित होती है जो कि आपके portfolio में दिखाई देती है।

SIP करने के फायदे

SIP करने के कई फायदे हैं नीचे हमने विस्तारपूर्वक SIP के बारे में जानकारी प्राप्त की है –

  • कम investment के कारण आर्थिक बोझ की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।
  • इसमें पैसों को professional fund manager के द्वारा मैनेज किया जाता है।

जिससे कि risk भी कम हो जाता है।

  • आप SIP के dividend प्लान का चुनाव करके समय-समय पर dividend की राशि को सीधे अपने बैंक अकाउंट में प्राप्त कर सकते हैं।
  • SIP मे आप जब चाहे अपने पैसों को निकाल सकते हैं।
  • सेबी के नियमों के कारण SIP सुरक्षित निवेश माना जाता है।
  • SIP मे अच्छे रिटर्न प्राप्त होते हैं जिससे मुद्रास्फीति से बचा जा सकता है।
  • आप जब चाहे अपनी investment की राशि को घटा बढ़ा सकते हैं।
  • इसमें आप एक बार केवाईसी करवाने के बाद बार-बार केवाईसी करवाने की जरूरत नहीं होती।
  • SIP मे कागजी कार्रवाई का झंझट नहीं रहता।
  • इसके लिए आपको special समय नहीं निकालना पड़ता।

SIP शुरू करने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?

  1. निवेश की योजना तैयार करें

सबसे पहले आपको अपने उद्देश्य के अनुसार निवेश की अवधि और निवेश की राशि का निर्णय लेना होगा।

  1. नियमित निवेश की आदत डालें

SIP का मुख्य लक्ष्य नियमित निवेश की आदत डालना होता है। आपको अपने SIP का नियमित भुगतान करना चाहिए।

  1. रिस्क और पुराने प्रदर्शन की जांच करें

आप जिस भी म्युचुअल फंड का चुनाव कर रहे हैं उससे पहले उसके रिस्क को समझना जरूरी होता है और साथ ही उसे फंड के पुराने प्रदर्शन को भी जांच लेना चाहिए।

  1. धैर्य रखें

SIP मे कंपाउंडिंग के जरिए लंबे समय की अवधि में एक बढ़िया wealth का निर्माण हो सकता है। बस आपको धैर्य रखने की आवश्यकता है।

FAQ

Q. 1 SIP क्या है और कहाँ मिलती है?

Ans. Sip एक व्यवस्थित निवेश योजना होती है। SIP आप किसी भी fund house, broker या mobile app की मदद से शुरू कर सकते हैं।

Q. 2 सबसे बेस्ट SIP कौन सा है?

Ans. Axis bluechip fund, axis focused 25 fund इत्यादि।

Q. 3 SIP के फायदे क्या क्या है?

Ans. SIP के फायदे जानने के लिए आप ऊपर दिए गए लेख को पढ़ें।

निष्कर्ष

दोस्तों, आपने इस लेख के माध्यम से SIP meaning in Hindi. SIP के फायदे और संपूर्ण जानकारी के बारे में जानकारी हासिल की है। हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा।

इस लेख को आप अधिक से अधिक शेयर करें ताकि अन्य लोग भी SIP के फायदो से awareness हो सके और वह भी अपने लक्ष्य को पाने के लिए SIP मे निवेश करना शुरू कर सकें।

ऊपर दिए गए लेख से संबंधित यदि कोई भी प्रश्न आपके मन में है या फिर आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो हमें कमेंट करके बताएं।

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