सूर्य से चंद्रमा की दूरी कितनी है? | Surya se Chandrama

सूर्य से चंद्रमा की दूरी कितनी है? | Surya se Chandrama

जैसा कि आप जानते होंगे कि पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है। और साथ ही चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता रहता है। लेकिन केवल ऐसा नहीं है कि चंद्रमा केवल पृथ्वी का चक्कर लगाता है। बल्कि पृथ्वी के साथ-साथ वह सूर्य का भी चक्कर लगाता रहता है। पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाता है और चंद्रमा पृथ्वी का इसके कारण ही चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण भी होता है। चंद्रमा के कारण ही पृथ्वी एक जीवंत ग्रह कहलाती है, क्योंकि चंद्रमा जब रात को चमकता है तो वह किसी सुंदर दृश्य से कम नहीं लगता। चंद्रमा रात के अंधेरे में एक चमकता हुआ एक गोल पिंड है। जो अंधेरे में उजाले को प्रदर्शित करता है।

चंद्रमा पूरे सौरमंडल में पृथ्वी के सबसे करीब है। चंद्रमा के कारण ही पृथ्वी एक अलग ग्रह के रूप में दिखाई पड़ता है। चंद्रमा पूरे सौरमंडल का पांचवां सबसे बड़ा चंद्रमा है जो कि पृथ्वी का चक्कर लगाता है। इन सभी चीजों में कभी-कभी यह सवाल भी आता है कि सूर्य से चंद्रमा की दूरी कितनी है? इसके अलावा ये सवाल भी आते है कि क्या चांद पर पहुंचा जा सकता है? यदि हां, तो चांद पर पहुंचने में कितना समय लगेगा? आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से से चंद्रमा से संबंधित कुछ जानकारी देने का प्रयास करेंगे। कृपया इस लेख को पूरा पढ़ें।

सूर्य से चंद्रमा की दूरी कितनी है?

सूर्य की चंद्रमा से लगभग उतना ही दूर है जितना पृथ्वी की चंद्रमा से, सूर्य से चंद्रमा की दूरी लगभग 150 मिलियन किलोमीटर की है। चंद्रमा सूर्य के सबसे करीब 14.7 मिलियन किलोमीटर पर होता है। लेकिन यह दूरी हमेशा बरकरार नहीं रहती सूर्य से चंद्रमा की दूरी घटती तथा बढ़ती रहती है। जैसे कि आप जानते ही हैं कि कभी-कभी चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में होता है। और कभी-कभी पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में होती है। तो इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि चंद्रमा पृथ्वी का बिल्कुल गोलाई में चक्कर नहीं लगाता।

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पृथ्वी सूर्य का चक्कर अंडाकार रूप में लगाती है और चंद्रमा भी पृथ्वी का चक्कर अंडाकार गोलाई में लगाता है। जिससे कि कभी चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में होता है तो कभी पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच होती है। कभी-कभी सूर्य से चंद्रमा और पृथ्वी की दूरी समान होती है तो कभी अलग भी होती है। सूर्य से चंद्रमा की दूरी लगभग 146692378 किलोमीटर से लेकर 152503397 किलोमीटर हो सकती है।

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चांद पर पहुंचने में कितना समय लगता है? 

चांद पर पहुंचने में लगभग कुल 3 दिन का समय लगता है लेकिन चांद पर पहुंचने का यह समय तय नहीं है। क्योंकि कुछ देशों द्वारा चांद पर कम दिनों में भी पहुंचा गया है। और कुछ देशों को 3 दिन से भी अधिक समय लगा है। जब चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी 386243 किलोमीटर की होती है, और अंतरिक्ष यात्री 5364 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यदि जाएं तो चंद्रमा पर 3 दिनों में पहुंचा जा सकता है।

chaand par pahunchane mein kitana samay lagata hai?
चांद पर पहुंचने में कितना समय लगता है?

चंद्रमा पर सबसे पहले 1959 में लूना-1नामक एक प्रथम रॉकेट भेजा गया था जिसे चांद पर पहुंचने में कुल 36 घंटे का समय लगा था। लूना-1 नामक रॉकेट चांद पर 6300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पहुंचा था। दूसरी बार 2006 में न्यू होराइजंस नामक रॉकेट ने 35,630 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से प्लूटो के रास्ते से चांद पर पहुंचा था। इन दोनों रॉकेट के द्वारा किसी भी मनुष्य ने चांद पर कदम नहीं रखा था सन 1968 में नासा के अपोलो मिशन के द्वारा नील आर्मस्ट्रांग ने चंद्रमा पर अपना कदम रखकर चांद पर पहुंचने की उपलब्धि हासिल की थी

चांद पर पहुंचने का समय चांद और पृथ्वी के बीच की दूरी पर निर्भर करता है। जैसा कि हमने आपको बताया सूर्य और चंद्रमा के बीच की दूरी हमेशा समान नहीं होती उसी तरह पृथ्वी और चंद्रमा की दूरी भी समान नहीं होती क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर अंडाकार गोलाई में लगाता है। जब चंद्रमा पृथ्वी के समीप होता है, तब चंद्रमा पर कम दिनों में पहुंचा जा सकता है यदि चंद्रमा पृथ्वी के दूर होता है। तब अधिक दिन का समय लग सकता है।

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निष्कर्ष

आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया (सूर्य से चंद्रमा की दूरी कितनी है, चांद पर पहुंचने में कितना समय लगता है) के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।