दिल्ली का अंतिम हिंदू राजा कौन था? | Last King of Delhi

दोस्तों, आपको याद होगा कि जब भी दिल्ली के बारे में आप कुछ चीजें ढूंढने का प्रयास करते हैं, या दिल्ली के इतिहास के बारे में जानने का प्रयास करते हैं तो आपको केवल यह बताया जाता है कि वह कौन सा मुस्लिम शासक था, जिसने दिल्ली पर राज किया था। आपको आधुनिक भारत में आमतौर पर दिल्ली के हिंदू राजाओं के बारे में बताया नहीं जाता है।

लेकिन यदि आप यह जानना चाहते हैं कि दिल्ली में हिंदू राज कब खत्म हुआ, हिंदू राजाओं का राज कब खत्म हुआ, और दिल्ली का अंतिम हिंदू राजा कौन था (delhi saltanat ka antim shasak kaun tha), तो इसके बारे में आज हम आपको सारी जानकारी देते हुए बताएंगे कि दिल्ली का अंतिम राजा कौन था। तो चलिए शुरू करते हैं-

दिल्ली का अंतिम हिंदू राजा कौन था?

दोस्तों, यदि हम आपको बताएं कि दिल्ली में अंतिम हिंदू राजा कौन था, और दिल्ली में हिंदू राज कब खत्म हुआ तो हम आपको यह बताना चाहते हैं कि पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु के साथ ही दिल्ली पर अंतिम हिंदू राज्य का राज खत्म हुआ यानि कि अंतिम हिंदू राजा का राज खत्म हुआ था।

पृथ्वीराज चौहान जिन्हें पृथ्वीराज तृतीय,  राय पिथोरा के नाम से भी जाना जाता था, जो कि भारत के इतिहास में एक महानतम राजा माने जाते हैं, उन पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी को 20 बार युद्ध में हराया था, लेकिन 21वीं बार तराइन के युद्ध में उन्हें शिकस्त प्राप्त हुई। जिसकी वजह से मोहम्मद गौरी ने उन्हें बंदी बना लिया और इसके पश्चात उन्हें बुरी तरह से टॉर्चर किया गया।

लेकिन पृथ्वीराज चौहान ने अपने अंत समय से पहले ही मोहम्मद गोरी का सर्वनाश कर दिया था। अंतोतगत्वा पृथ्वीराज चौहान को दिल्ली का अंतिम हिंदू राजा माना जाता है, और यदि पृथ्वीराजचौहान के देहांत के समय की बात करें तो पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु सन 1192 में हुई थी, और सन 1192 दिल्ली से अंतिम हिंदू राज अर्थात अंतिम हिंदू राजा का राज खत्म हुआ था।

दिल्ली का अंतिम राजा कौन था?

बहादुर शाह जफर को दिल्ली का अंतिम राजा माना जाता है, बहादुर शाह जफर के पिता का नाम अकबर शाह द्वितीय और माता का नाम लालबाई था। यह एक सुन्नी मुसलमान थे और दिल्ली की गद्दी पर मुगल वंश को आगे बढ़ाने के लिए अंतिम राजा के रूप में इन्होंने कार्य किया था।

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अंग्रेजों ने बहादुर शाह जफर के पिता को कैद कर लिया था, और अकबर शाह की रानियों ने अकबर शाह पर यह दबाव बनाया था कि वह अपने बेटे मिर्जा जहांगीर को अपना उत्तराधिकारी घोषित करें।

लेकिन इससे पहले ही ईस्ट इंडिया कंपनी ने लाल किले पर अपना अधिकार घोषित कर कर जहांगीर को बाहर निकाल दिया, और बहादुर शाह जफर को सिंहासन ग्रहण करने के लिए उस का मार्ग प्रशस्त किया था।

पृथ्वीराज चौहान कौन थे?

दिल्ली सल्तनत का अंतिम शासक कौन था | delhi saltanat ka antim sultan kaun tha

पृथ्वीराज चौहान को पृथ्वीराज तृतीय पृथ्वीराज या राय पिथोरा के नाम से भी जाना जाता था। यह चौहान वंश के राजा थे, जिन्होंने अजमेर में अपनी राजधानी के साथ बाल्यकाल में शासन किया था।

सन 1170 में पृथ्वीराज चौहान एक नाबालिग के रूप में सिंहासन पर विराजमान हुए लेकिन अपनी वीरता और अपने जज्बे से इन्होंने अपने राज्य का विस्तार काफी अधिक कर लिया था।

पृथ्वीराज चौहान को राज्य विरासत में मिला था वह राज्य उत्तर में थानेसर से लेकर के दक्षिण में जहाजपुर यानि कि मेवाड़ तक फैला हुआ था। लेकिन पृथ्वीराज चौहान ने चंदेलों को हराकर भी उनका राज्य अपने राज्य में मिला लिया।

इसके साथ मोहम्मद गौरी को उन्होंने 20 बार हराया लेकिन निहत्थे को नहीं मारने की रीति के कारण पृथ्वीराज चौहान ने हर बार मोहम्मद गोरी को जीवन दान देकर उसे भाग ने दिया।

लेकिन तराइन के युद्ध में जो कि मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु किस युद्ध था उसमें मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को बंदी बना लिया, और अत्यंत ही बुरी दशा में पृथ्वीराज चौहान को टॉर्चर किया।

लेकिन में पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी को मार दिया और पृथ्वीराज चौहान के परम मित्र चंद्रवरदाई ने पृथ्वीराज चौहान को और पृथ्वीराज चौहान ने अपने मित्र को खंजर घोंप कर मार दिया। यह जानकारी पृथ्वीराज रासो में दी गई है।

Also read:

दिल्ली की राजधानी क्या है? दिल्ली में कुल कितने जिले हैं?
दिल्ली में कितने एयरपोर्ट है? दिल्ली में कुल कितनी तहसील है?
दिल्ली का पुराना नाम क्या है? दिल्ली कितना पुराना शहर है?

निष्कर्ष

आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया (delhi saltanat ka akhri shasak kaun tha) के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।

FAQ

दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाला प्रथम हिंदू शासक कौन था?

हेमू उर्फ हेमचंद्र, हेमू विक्रमादित्य या हेमचंद्र विक्रमादित्य (मृत्यु: 5 नवंबर 1556) एक हिंदू सेनापति थे, जिन्होंने पहली बार मुगलों और अफगानों के आक्रमण के दौरान भारतीय इतिहास के सूरी राजवंश में आदिल शाह सूरी के मुख्य मंत्री के रूप में सेवा की थी। संपूर्ण उत्तर भारत। वे सत्ता के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे थे।

भारत का आखिरी राजा कौन था?

निस्संदेह हेमू या सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य दिल्ली के सिंहासन पर बैठने वाले अंतिम हिंदू सम्राट थे। एक बेहद साधारण परिवार में जन्म लेकर उन्होंने भारत की आजादी के लिए बहुत बड़ा काम किया।

इस धरती पर पहला राजा कौन था?

पृथु राजा वेन के पुत्र थे। विश्व पर सर्वप्रथम सर्वांगीण राजतंत्र स्थापित करने के कारण इन्हें पृथ्वी का प्रथम राजा माना गया है।

भारत का अंतिम राजा कौन है?

फरवरी 1856 में कंपनी द्वारा अवध पर कब्जा किए जाने पर भारत के अंतिम राजा वाजिद अली शाह को इतिहास की किताबों से हटा दिया गया था।

HomepageClick Hear
GeneralClick Hear
TechnologyClick Hear
Share MarketClick Hear
BiographyClick Hear