दोस्तो आपने अक्सर enterprises शब्द को व्यापारिक संस्थानों के नाम के पीछे लगा देखा होगा। जैसे कि बत्रा इंटरप्राइजेज, रॉयल इंटरप्राइजेज, मिलन इंटरप्राइजेज इत्यादि। लेकिन आपने कभी यह सोचा हैं की आखिर ये एंटरप्राइज क्या होता है या Enterprise Meaning in Hindi क्या होता हैं?
अगर आप जानना चाहते हैं कि Enterprises meaning in Hindi क्या होता है तो इस लेख को आखिर तक जरूर पढ़े। यदि आप भी अपना कोई start up शुरू करना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। तो चलिए इस लेख को शुरू करते हैं –
एंटरप्राइज का हिंदी अर्थ होता है? (Enterprise meaning in Hindi)
Enterprise को हिंदी में “उद्यम” कहा जाता हैं।
Enterprise का अर्थ उस कंपनी, संस्था या organisation या business से होता है जो वित्तीय रूप से काम करने के लिए स्वतंत्र होती है।
सरल शब्दो में कहे तो किसी भी बड़े व्यापार, कॉरपोरेशन, उद्योग या संगठन को ही एंटरप्राइज (Enterprises) कहा जाता हैं।
अन्य शब्दों में समझा जाए तो कोई भी ऐसा संगठन या संस्था जिसका एक उद्देश्य होता हैं और जो profit कमाने के लिए भी शुरू की गयी हैं, एंटरप्राइज मानी जाती हैं।
Enterprise क्या होता है?
एंटरप्राइज Enterprises, एक ऐसी company या business होता हैं जिनका मुख्य उद्देश्य customers को service या product बेचकर रेवेन्यू कमाना होता हैं। इसमें यह अपने संसाधनों का इस्तेमाल करके जोखिम उठाते हैं और benefit कमाते है। कोई कॉरपोरेशन, गवर्नमेंट कंपनी या एक प्राइवेट कंपनी भी एंटरप्राइज हो सकती हैं।
एंटरप्राइज में risk भी मौजूद होता है। जहां पर business होगा वहां risk अपने-आप आ ही जाती हैं। एक Enterprise समाज और अर्थव्यवस्था में progress लाता हैं और देश की अर्थव्यवस्था मे मददगार बनता हैं। साथ ही Enterprises नए रोजगार के अवसर प्रदान करते है।
Enterprise की श्रेणी
Enterprise की निम्न श्रेणि होती है :-
- Co-Operative Venture
- नॉन प्रॉफिट आर्गेनाईजेशन (NGO)
- पार्टनरशिप फर्म
एंटरप्राइज का उदाहरण (Example of Enterprise in Hindi)
Microsoft भी एंटरप्राइज का ही एक उदाहरण है। Microsoft के नाम से हर कोई वाक़िफ़ है। यह एक वैश्विक स्तर की दिग्गज IT कंपनी हैं।
Indigo एयरलाइन्स भी एक एंटरप्राइज का एक उदाहरण हैं। इस में बहुत से लोग शामिल हैं। संसाधनों की जरुरत पड़ती हैं। साथ ही इसमें investment भी बड़ा चाहिए। किराना shop, फैंसी स्टोर , mobile shop जैसे बिज़नेस एंटरप्राइज हो सकते हैं।
Enterprises के प्रकार
Enterprises के निम्न प्रकार होते हैं-
- Sole Proprietorship – एकल स्वामित्व
- Partnership – पार्टनरशिप
- Limited Liability Company (LLC) – लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी
- Public Limited Companies (PLC) – पब्लिक लिमिटेड कंपनी
- Corporation – कॉरपोरेशन
- Cooperative – सहकारिता
- Franchise – फ्रेंचाइजी
- Social Enterprise – सोशल एंटरप्राइज
- State-Owned Enterprise – राज्य के स्वामित्व वाला उद्यम
- Multinational Corporation (MNC) – मल्टीनेशनल कॉर्पोरेशन
- Small and Medium Enterprises (SMEs) – छोटे और मध्यम इंटरप्राइजेज
एकल स्वामित्व (Sole Proprietorship)
इस प्रकार का बिज़नेस सिर्फ एक व्यक्ति के द्वारा चलाया जाता हैं, जैसे – किराना store इत्यादि।
पार्टनरशिप (Partnership)
इस प्रकार का enterprise दो या दो से अधिक partners के द्वारा मिलकर चलाया जाता हैं, जैसे – CA firm इत्यादि।
लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी (LLC)
इसमें मालिक स्वयं व्यक्तिगत रूप से कंपनी के loan या देनदारियों के लिए responsible नहीं होते। इन मे एकल स्वामित्व और partnership का संयोजन होता हैं, जैसे Phoenix LLC, Mentor LLC इत्यादि।
पब्लिक लिमिटेड कंपनी (PLC)
पब्लिक लिमिटेड कंपनियां corporate unit होती हैं जो भारतीय कंपनी अधिनियम के तहत registered होती हैं। साथ ही PLC को इसके मालिकों से अलग माना जाता हैं जैसे कि HDFC बैंक, इंफोसिस।
कॉरपोरेशन (Corporation)
एक corporation बिज़नेस का एक कानूनी रूप है जो अपने मालिकों से अलग होता हैं। दूसरे शब्दों में समझे तो, यह एक ऐसा business होता है जो अपने shareholder से अलग legal entity होता है, जैसे ABC कॉर्पोरेशन।
सहकारिता (Co-operative)
co-operative लोगों का एक ऐसा संघ होता है जो अपने पारस्परिक लाभ के लिए अपनी इच्छा से business में सहयोग करते हैं, जैसे हिम्मतनगर को-ऑपरेटिव सोसाइटी, फार्मर्स को-ऑपरेटिव इत्यादि।
फ्रेंचाइजी (Franchise)
इस प्रकार के एंटरप्राइज में पहले से स्थापित किसी ब्रांड या company की franchise लेकर उसके नाम से business चलाया जाता हैं, जैसे – पेप्सिको फ्रैंचाइज़ी, टेलीकॉम फ्रैंचाइज़ी, डोमिनोस फ्रैंचाइज़ी इत्यादि।
सोशल एंटरप्राइज (Social Enterprise)
इस प्रकार का एंटरप्राइज लाभ के साथ-साथ सोशल और environmental लक्ष्य भी प्राप्त करने के लिए बनाया गया होता हैं जैसे हाइड्रोजन सॉल्यूशंस, ABC रिन्यूएबल एनर्जी इत्यादि।
राज्य के स्वामित्व वाला उद्यम (State-Owned Enterprise)
इसमें बिज़नेस के owner सरकार होती हैं। इनका उद्देश्य सरकार के लिए profit बनाना होता हैं। जैसे राजस्थान सरकार इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड, इंडियन रेलवे इत्यादि।
मल्टीनेशनल कॉर्पोरेशन (MNC)
इस प्रकार के enterprisses का आकार काफी बड़ा होता हैं। इसकी उपस्थिति देश व विदेश में होती हैं। इसीलिए यह MNC कहलाते हैं, जैसे – एप्पल, अमेज़न, मैक डी, पेप्सिको इत्यादि।
छोटे और मध्यम इंटरप्राइजेज (SMEs)
इस प्रकार के एंटरप्राइज में छोटे और मध्यम आकार के business आते हैं। इसे आगे micro, small, medium में विभाजित किया जा सकता हैं। SME इंटरप्राइजेज local रूप से चलाये जाते हैं, जैसे – हेयर एंड ब्यूटी सैलून, मेडिकल सेंटर, जिम इत्यादि।
एंटरप्राइज बनाने के क्या उद्देश्य होते हैं?
एक enterprise उत्पादों का production करके या service प्रदान करके लाभ कमाने के लिए काम करते हैं। बाद में वे इसे customers की जरूरतों और इच्छाओं को पूरा करने के लिए sale करते हैं।
Customer सामान या service लेने के लिए एंटरप्राइज से संपर्क कर सकते हैं।
एंटरप्राइज किन क्षेत्रों में लागू हो सकता हैं?
कोई भी एंटरप्राइज एक व्यापारिक संगठन हो सकता है जो फाइनेंस, उत्पादन, बिज़नेस, विक्रय, रिसोर्स मैनेजमेंट, उद्योग, विपणन जैसे कई क्षेत्रों में लागू हो सकता है।
Enterprises निम्न क्षेत्रों में लागू होता हैं –
सरकारी उद्योग – इसमें सरकार द्वारा चलाये जाने PSU शामिल होते हैं।
उत्पादन उद्योग – इसमें खनिज, कृषि, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग, वाणिज्यिक उत्पादों, आधुनिक प्रौद्योगिकी को शामिल किया जा सकता है।
सेवा उद्योग – service sector में भी विभिन्न सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं, जैसे वित्तीय सेवाएं, बीमा, बैंकिंग, वित्तीय सलाह आदि।
रिटेल बिज़नस – खुदरा व्यापार में वस्त्र, खाद्य गृह सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक्स, व्हीकल, उत्पाद, आभूषण आदि शामिल होते हैं।
वित्तीय उद्योग – इसमें बीमा कंपनियां, पेंशन निधियां, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, म्यूचुअल फंड हाउस आदि शामिल होते हैं।
स्टार्ट अप – इसमें नए idea के साथ बिज़नेस शुरू किया जाता हैं।
सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी – यह IT समाधानों से संबंधित है।
शैक्षिक संस्थान – शैक्षिक संस्थान भी एक प्रकार के enterprise ही होते हैं जो शिक्षा से संबधित होते हैं।
एंटरप्राइज की विशेषताएं
एंटरप्राइज की कुछ महत्वपूर्ण और सामान्य पायी जाने वाली विशेषताएं निम्न प्रकार से हैं:
- किसी भी enterprise की स्थापना के पीछे एक विशेष prospective होता है।
- एक enterprise को अलग अलग वित्तीय व बाजार की चुनौतियों तथा तकनीकी का सामना करना पड़ता है।
- एक Enterprise में बहुत सारे लोग जुड़े हो सकते हैं।
- एक एंटरप्राइज social और finicacial उपयोगिता प्रदान करता है। इसकी वजह से नौकरियों के अवसर मिलते हैं और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलता है।
- Enterprises लोगों की lifestyle को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान देता हैं।
Social Enterprise Meaning in Hindi
Social enterprise एक विशेष प्रकार का व्यापारिक संगठन होता है जो social और environment मुद्दों के समाधान के साथ-साथ profit बनाने पर भी काम करता है। इन Enterprises का प्रमुख उद्देश्य लाभ कमाने के अलावा समाज और पर्यावरण के लिए positive परिवर्तन लाने का होता है।
यह एंटरप्राइज social problem के समाधान के लिए नए product का विकास करते हैं जिससे की समाज में positive परिवर्तन हो सके। Social enterprise की अपनी विषेयताये होती है।
Enterprises और trader में क्या अंतर है?
Enterprises और trader में निम्न अंतर होते हैं :-
Points | Enterprise | Trader |
उद्देश्य | Product या services का निर्माण और बेचना | सामान खरीदना और फिर उसे sale करना |
समय सीमा | इंटरप्राइजेज स्थायी रूप से स्थापित होते हैं और लंबे समय के लिए सक्रिय रहते हैं। | Trader छोटे समय के लिए business करते हैं और बाजार की direction के अनुसार बदलते रहते हैं। |
Growth का मूल्यांकन | सामाजिक, पर्यावरणीय और लाभ के आधार पर | Financial लाभ के base पर |
Product और services का स्रोत | उद्योग, तकनीक, विज्ञान और नवाचार | विभिन्न financial market से खरीदते है या import करते हैं |
संसाधन और main power | अधिक मात्रा में sources और main power की आवश्यकता होती है | कम मात्रा में sources और main power की आवश्यकता |
उद्योगीकरण | हां, बड़े business के साथ उद्योगीकृत हो सकते हैं | नहीं, आमतौर पर छोटे level पर काम करते हैं |
कंपनी और एंटरप्राइज में अंतर
Company और enterprise मे निम्न अंतर है :-
Points | Company | Enterprise |
परिभाषा | एक कंपनी एक विशेष कानून से नियंत्रित एक business संगठन होता है, जिसका उद्देश्य profit कमाना होता है। | यह एक कंपनी की तुलना में small business बिज़नेस हो सकता हैं |
उद्देश्य | लाभ कमाना | एंटरप्राइज भले ही profit कमाने का उद्देश्य रखता है लेकिन इसकी social responsibility भी होती है। |
समय सीमा | Long term तक काम करती हैं | बदलते समय के साथ stable नहीं रहती |
संरचना और संसाधन | सामान्य रूप से एक joint संरचना में काम करती हैं, जो technice, प्रक्रिया और sources का उपयोग करती है। | Enterprises अलग-अलग संरचनाओं में हो सकती है। |
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FAQ’s
Q. 1 MSME का मतलब क्या होता है?
Ans. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग
Q. 2 इंटरप्राइजेज की स्पेलिंग क्या है?
Ans. Enterprise
Q. 3 ट्रेंड और एंटरप्राइजेज में क्या अंतर होता है?
Ans. अंतर जानने के लिए ऊपर का लेख पढ़े।
Q. 4 इंटरप्राइजेज में कौन-कौन से बिजनेस आते हैं?
Ans- इसमें लगभग सभी प्रकार के commercial बिज़नेस आते हैं जिनका मुख्य उद्देश्य अपने customer को डिलीवर करना हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों, हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख के माध्यम से आप समझ गए होंगे कि Enterprise meaning in Hindi क्या है। उम्मीद करते हैं की ये लेख आपको पसंद आया होगा। यदि आप समझ गए हैं की इंटरप्राइज क्या होता है? तो इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
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