इंट्राडे ट्रेडिंग फार्मूला – एक ही दिन के लिए की जाने वाली ट्रेडिंग, इंट्राडे ट्रेडिंग कहलाती है। बहुत सारे लोग इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते हैं बल्कि बहुत सारे लोग करते भी है और नुकसान भी उठाते हैं, क्योंकि वह बिना स्ट्रेटजी के इंट्राडे ट्रेडिंग करने लगते हैं। इस प्रकार की trading करने के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग फार्मूला intraday trading formula होना जरूरी है।
दोस्तों, अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करके मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आपके लिए इस लेख में इंट्राडे ट्रेडिंग फार्मूला बताए गए हैं जिनका use करके आप इंट्राडे ट्रेडिंग में profit कमा सकते हैं। तो आईये intraday trading formula जानते हैं:-
Candlestick knowhow : इंट्राडे ट्रेडिंग फार्मूला
जापान देश में 1700 के दशक में कैंडलेस्टिक चार्ट पेटर्न की शुरुआत हुई थी। एक कैंडलेस्टिक चार्ट लाल और हरे रंग में प्रदर्शित किया जाता है जो पूरे दिन के high को दर्शाता है।
मान लीजिए कैंडल का चौड़े वाला भाग green color से भरा हुआ है। इसका मतलब है कि शेयर मार्केट जब खुला तो वह कल के close से ज्यादा high पर था लेकिन इसके उलट कैंडलेस्टिक को लाल रंग में दर्शाया गया है तो वह कल के close से low पर है।
यदि कैंडल की वास्तविक बॉडी के ऊपर और नीचे छाया है तो उस दिन के कारोबार के उतार-चढ़ाव को बताते हैं। संक्षेप में समझा जाए तो एक up candle को हरे रंग में shade किया जाता है और एक डाउन कैंडल को लाल रंग में shade किया जाता है।
Opening range breakout theory
मार्केट से लाभ कमाने के लिए opening range theory बहुत ही बढ़िया मानी जाती है। मार्केट खुलते ही मार्केट में high volatility देखने को मिलती है। यह volatility समय के अनुसार शुरुआत के 30 मिनट या 1 घंटे के लिए होती है।
इस अवधि में आप पूरे दिन के उतार-चढ़ाव को पहचान सकते हैं। इसी तरह आपको मार्केट के previous high और low को पहचानना है क्योंकि शुरुआती मार्केट ही up और down की दिशा तय करता है। इस तरह से आप स्टॉक moment का फायदा उठाकर प्रॉफिट बना सकते हैं।
Pivot point theory
Pivot point theory के द्वारा हम स्टॉक के पिछले दिन के प्रदर्शन के आधार पर उसकी moment का अनुमान लगाते है। पिछले ट्रेडिंग डे के अनुसार हमें तीन input data का उपयोग करना होता है:-
- Previous trading day high price
- Previous trading day low price
- Previous trading day closing price
अब इन तीनों वैल्यू को जोड़ दे –
H + L + C = X
अब क् की value को 3 से भाग कर दे।
X/3 = P
यह pivot point theory है।
इसके बाद P को 2 से multiply कर दे।
P × 2 = Y
- पहला resistance level = Y – L
- दूसरा RESISTANCE LEVEL = P + ( H – L)
इसी प्रकार से हम support level भी कैलकुलेट कर सकते हैं :-
पहला support level (S1) = Y-H
दूसरा support level (S2) = P-(H-L)
उदाहरण के लिए हम SBI Cards के previous day का डाटा उठाते हैं –
H = 678.85
L = 646
C = 678
अब, X = H + L + C
= 678.85+646+678 = 2002 (लगभग) = X
P = 2002/3 = 667
Y =667 x 2 = 1334
Resistance level की गणना
पहला resistance level (R1) = 646 (Y-L )
दूसरा resistance level (R2) = 699 P+(H-L)
Support level की गणना
पहला सपोर्ट स्तर (S1) = 656 (Y-H)
दूसरा सपोर्ट स्तर (S2) = 635 P-(H-L)
इस तरह आप pivot point level का उपयोग करके सपोर्ट या रेसिस्टेंट point कैलकुलेट कर सकते हैं।
Fraction theory
पीवॉट प्वाइंट थ्योरी के जैसे ही फ्रैक्शन थ्योरी भी काफी लोकप्रिय है इस तकनीक के माध्यम से पिछले इंट्राडे के स्टॉक डाटा के आधार पर स्टॉकिंग मोमेंट का अनुमान लगाया जाता है
फ्रैक्शन थ्योरी कुछ इस प्रकार से कैलकुलेट की जाती है
S = Y-H
R = Y-L
PB = Y – C
इस formula में भी resistance और support के levels को पाईवोट पॉइंट थ्योरी के जैसे ही calculate किया जाता है। उदाहरण के लिए, IRCTC शेयर के पिछले ट्रेडिंग दिन का market data डाटा इस प्रकार है-
H = 640
L = 616
C = 639
Y = (640+616+639)* 0.67 = 1270
Resistance level = 1270-616 = 654
Support level = 1270-640 = 630
PB = 1270-639 = 631
इस तरह fraction theory का इस्तेमाल शेयर के possible Buy लेवल को निर्धारित करने के लिए किया जाता हैं।
साथ ही इससे उस दिन के resistance को भी निर्धारित किया जा सकता है।
Moving average theory
इंट्राडे ट्रेडिंग फार्मूला तकनीक में अगला तकनीक मूविंग एवरेज थ्योरी है। मूविंग एवरेज का अधिकतर प्रयोग कैपिटल मार्केट में किया जाता है इस फार्मूला को मध्य की एक श्रृंखला के रूप में परिभाषित किया जाता है जो स्टॉक प्राइस की क्रमिक अवधि से प्राप्त होता है
Moving average formula :-
मूविंग एवरेज: C1+C2+C3+…. + CN
इस मामले में, C1, C2, और Cn closing price होगी।
N – इसमें वो समय अवधि आएगी जिसका हम moving average निकालना चाहते हैं।
RSI indicator formula
RSI का मतलब होता है relative strength index. यह एक technical indicator है जो हमें वह बताता है कि share अभी oversold या overbought zone है या नहीं।
यदि कोई share अभी overbought जोन में चल रहा है तो कुछ time बाद वह अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएगा और यह clear पता लगाने के लिए rsi indicator मदद करता है। वैसे तो यह इंडिकेटर किसी भी समय अवधि के लिए प्रयोग किया जाता है लेकिन आमतौर पर 14 दिन की time period के लिए उपयोग किया जाता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग सीखने में कितना समय लगता है?
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि शेयर मार्केट में अलग-अलग trading होती जाती है। वहीं अगर इंट्राडे ट्रेडिंग की बात करें तो intraday trading सीखने के लिए कम से कम 1 साल का समय लग जाता है। लोग जब शेयर मार्केट में आते हैं तो उनका mindset कुछ इस तरह से होता है कि वह रातों रात अमीर बनना चाहते हैं तो उन्हें 1 साल की समय अवधी बहुत लंबी लगती है।
आपको अपनी साइकोलॉजी सही रखना जरूरी हो जाता है और एक साल की लंबी अवधि से निराश नहीं होना है बल्कि आप एक साल में ऐसा कौशल सीखोगे जो आपके लिए जिंदगी भर कमाता रहेगा। ट्रेडिंग में कोई सेवानिवृत्ति नहीं है। इसीलिए यदि आप सही इंट्राडे ट्रेडिंग सीखना चाहते हैं तो कम से कम सीखने के लिए 1 साल का समय जरूर दें।
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FAQ’s
Q. 1 इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कौन सा फार्मूला बेस्ट है?
Ans. Pivot point theory इंट्राडे के लिए बहुत ही बढ़िया फार्मूला माना जाता है।
Q. 2 इंट्राडे ट्रेडिंग में मार्जिन क्या होता है?
Ans. एक इंट्राडे trader के तौर पर आपको मार्जिन ट्रेडिंग करते वक्त अपने account में एक fix राशि maintain करने की जरूरत होती है। यदि आप उस ट्रेडिंग दिन के अंदर राशि को बनाए रखने में सफल नही रहते हैं तो margin call जारी किया जाता है।
Q. 3 इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे सीखे?
Ans. शुरुआत कम पैसों के साथ करें। Share का चुनाव करें। ट्रेडिंग प्लान तैयार करें। स्टॉपलॉस का प्रयोग करें। इंट्राडे ट्रेडिंग सीखने के लिए मार्केट में बहुत सारी बुक्स भी अवेलेबल है। आप उन्हें भी पढ़ सकते हैं या फिर यूट्यूब इत्यादि की मदद से कोई course ज्वाइन कर सकते हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों, आपने इस लेख के माध्यम से इंट्राडे ट्रेडिंग फार्मूला intraday trading formula के बारे में जाना है। हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख में intraday formula से संबंधित दी गई जानकारी आपके लिए मददगार साबित होगी और यदि आप शेयर मार्केट में intraday करने का सोच रहे हैं तो इस लेख को पढ़ने के बाद आपको basic concepts क्लियर हो गया होगा।
ऊपर दिए गए लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न आप हमसे पूछना चाहते हैं या हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो हमें नीचे कमेंट सेक्शन में कमेंट करके जरूर बताएं।
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