बंदूक का आविष्कार कब और किसने किया था?

दोस्तों, जबसे बंदूकों का उपयोग युद्ध में या सामान्य समाज में किया जाने लगा है कब से बंदूकों का आतंक देखते ही बनता है। एक बंदूक के द्वारा किसी भी व्यक्ति की जान ले लेना काफी आसान है। केवल ट्रिगर दबाया और व्यक्ति की मौत निश्चित है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस आक्रामक हथियार का निर्माण किसने किया था? या बंदूक का आविष्कार किसने किया (revolver ka avishkar kisne kiya tha)?

यदि आप नहीं जानते और जानना चाहते हैं तो आज के लेख में हमारे साथ बने रहिएगा। क्योंकि आज हम आपको यह बताएंगे कि बंदूक का आविष्कार किसने किया, मॉडर्न बंदूक का आविष्कार किसने किया, बंदूक का इस्तेमाल सबसे पहले कहां किया गया, जिन्होंने बंदूक का निर्माण किया वह कौन थे। इन सब के बारे में आज के लेख में हम आपको सारी जानकारी देने का प्रयास करेंगे।

बंदूक का उपयोग सबसे पहले कहां हुआ?

आपको जानकर हैरानी होगी तकरीबन आज से 1000 वर्ष पहले बारूद का उपयोग होते हुए देखा गया था। यह उपयोग चीन में होते हुए देखा गया था, जहां पर औषधि के रूप में युवाओं के शरीर से बहते रक्त को रोकने के लिए एक औषधि का निर्माण किया जा रहा था, जिसके अंतर्गत चारकोल साल्टपीटर और सल्फर का विवरण तैयार किया गया था। लेकिन उन्हें पता भी नहीं चला और वैज्ञानिकों ने यह कहे तो औषधि बनाने वाले खोजकर्ता उन्हें बारूद का निर्माण कर लिया, और उन्हें यह भी पता चल गया कि इसका उपयोग तबाही मचाने के लिए युद्ध में किया जा सकता है।

इसे उस समय हुओ याओ के नाम से जाना जाता था। जल्दी ही उन्हें यह पता चल गया कि किस प्रकार युद्ध में इसका इस्तेमाल करना है और तत्कालीन चीनी राजवंशों ने मंगोलों के खिलाफ बारूद का इस्तेमाल करना शुरू किया। जिसके कारण पूरे चीन में मंगोलों का जीना मुश्किल हो गया था। इसी के साथ चीनियों ने उसे बारूद का इस्तेमाल करते हुए फ्लाइंग फायर का इस्तेमाल भी किया, जो कि आग उगलने वाली मशीन के तौर पर देखा जाता था।

इसका उपयोग उन्होंने मंगोलों के खिलाफ किया, जिसमें बारूद की नालियों से जुड़े हुए तीर को एक पाइप में डालकर यदि फेंका जाता था, तो वह ब्लास्ट होकर काफी दूर जाते थे। इस प्रकार चीनियों ने मंगोलों के खिलाफ कई सारे हथियारों में महारत हासिल करें जिसमें सबसे पहले तोप और हथगोला को शामिल किया गया।

मॉडर्न बंदूक का आविष्कार किसने किया? | bandook ka avishkar kisne kiya

pistol ka avishkar kisne kiya
बंदूक का आविष्कार किसने किया था? | Banduk Ka Aavishkar Kisne Kiya Tha?

यदि हम मॉडर्न बंदूक की बात करें तो हीराम मैक्सिम (Hiram Maxim) ने सन 1884 में सबसे पहले बार ऑटोमेटिक मशीन का निर्माण किया था। यह एक ऑटोमेटिक मशीन गन थी। हीराम मैक्सिम का जन्म 5 फरवरी 1840 को हुआ था, और उनकी मृत्यु 24 नवंबर 1916 को हुई थी। यह एक ब्रिटिश इन्वेन्टर थे, जिन्होंने सबसे पहली बार ऑटोमेटिक मशीन गन का निर्माण किया था।

इसके अलावा इन्होंने बाल घुमाने वाली मशीन यानि की हेयर कर्लिंग मशीन, चूहे पकड़ने की चूहेदानी, स्टीम पंप और ऐसा भी कहा जाता है कि उन्होंने लाइट बल्ब का आविष्कार भी किया था।

इनका जन्म संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ था, और यूनाइटेड किंगडम में इनकी मृत्यु हुई थी। इन्हें आमतौर पर एक आविष्कारक के तौर पर समझा जाता था। इनकी पत्नी का नाम जैन बुडेन था। इनकी दो बार शादियां हुई थी और इनकी दूसरी पत्नी का नाम सारा हैंस था।

बन्दूक की लाइसेंस पाने के लिए योग्यता क्या है?

यदि आप शस्त्र अधिनियम 1959 के तहत प्रशासन में आग्नेयास्त्र बनाना चाहते हैं, तो आपको कुछ पात्रता परीक्षा से गुजरना होगा – जैसे आपकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, आपको भारत का नागरिक होना चाहिए, आपके पास कोई नहीं होना चाहिए आपके खिलाफ मामला या मामला, आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए और तभी आपको यह बंदूक पूरी तरह से आत्मरक्षा के लिए मिलती है। लाइसेंस प्राप्त करने के समय आपकी उचित सावधानी पूरी की जाएगी। अगर आप इन सब चीजों में पास हो गए तो आपको बंदूक चलाने की इजाजत मिल जाएगी।

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निष्कर्ष

आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया (बंदूक का आविष्कार किसने किया | banduk ka avishkar kisne kiya tha) के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।

FAQ

भारत में सबसे खतरनाक बंदूक कौन सा है?

अगर डील हुई तो दुनिया की सबसे खतरनाक रायफल एके-47 भारत में ही बनेगी। इतना ही नहीं रूसी कंपनी भारत में भागीदार बनने वाली किसी भी कंपनी के साथ रायफल तकनीक साझा करने को भी तैयार है। 20वीं सदी की सबसे बेहतरीन और सबसे खतरनाक रायफल मानी जाने वाली AK-47 का इस्तेमाल रक्षा से ज्यादा अवैध संगठनों ने किया है.

गोली कितनी दूर तक जा सकती है?

छोटी गोली यानी रिवॉल्वर या पिस्टल से निकली गोली 200-300 गज तक जा सकती है। लेकिन इसमें 600 गज की दूरी तक लंबी दूरी की तोपों से मार किया जा सकता है। वैसे तो एक औसत बंदूक की गोली की रफ्तार 2500 फीट प्रति सेकंड होती है।

सबसे बड़ी बंदूक का नाम क्या है?

यह गन मानव इतिहास की सबसे बड़ी शॉर्ट गन है। इस गन की लंबाई 4 मीटर और वजन 50 किलो है। यह दुनिया की सबसे खतरनाक बंदूक है। 1920 में अमेरिकी पुलिस ने इस गन को चलाने के लिए 113 किलो की पंट गन जब्त की थी और गन पाउडर की जरूरत थी, इस गन का इस्तेमाल पक्षियों के शिकार के लिए किया जाता था।

एके 47 में कितनी गोलियां होती है?

AK-47 दुनिया की सबसे अवैध रूप से बिकने वाली असॉल्ट राइफल है। एके-47 300 मीटर की दूरी तक बड़ी सटीकता के साथ लक्ष्य को भेदती है। अगर निशानेबाज अच्छा है तो वह 800 मीटर की दूरी से भी लक्ष्य को भेद सकती है। एके-47 बंदूक की लाइफ 6000 से 15000 राउंड तक होती है।

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