नमस्कार दोस्तों, दोस्तों आपने परमाणु के बारे में तो सुना ही होगा या फिर स्कूल में पढ़ा होगा, आपको पता होगा कि परमाणु इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से मिलकर बना होता है। इसमें प्रोटोन और न्यूट्रॉन परमाणु के नाभिक में स्थित होता है और इस नाभिक के चारों तरफ इलेक्ट्रॉन चक्कर लगाता रहता है।
दोस्तों क्या आप जानते हैं कि न्यूट्रॉन की खोज किसने की थी अगर आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है और अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आखिरकार न्यूट्रॉन की खोज किसने की थी तो इस पोस्ट में आपको इसके बारे में सारी जानकारी मिलने वाली है
तो चलिए दोस्तों जानते हैं कि न्यूट्रॉन की खोज किसने की थी
न्यूट्रॉन की खोज किसने की | neutron ki khoj kisne ki
न्यूट्रॉन की खोज “जेम्स चैडविक (James Chadwick)” नामक वैज्ञानिक द्वारा की गई थी। जेम्स चैडविक सन 1932 में न्यूट्रॉन की खोज की थी और उन्होंने बताया कि परमाणु में इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन के अलावा एक तीसरा कण में उपस्थित होता है जिसे न्यूट्रॉन का नाम दिया गया था। जेम्स चैडविक ने बताया कि न्यूट्रॉन एक आवेश रहित कर उस पर कोई आवेश नहीं होता है तथा इसको n से दर्शाया जाता है।
जेम्स चैडविक ने अपने एक अल्फा कणों के प्रयोग में पाया कि परमाणु के अंदर कुछ ऐसे उदासीन कण भी पाए जाते हैं, जो उस परमाणु की नाभिक में स्थित होते हैं उन्हें आगे जाकर न्यूट्रॉन का नाम दिया गया था।
जेम्स चैडविक उस समय के काफी बड़े वैज्ञानिक थे तथा उन्होंने रसायन विज्ञान के क्षेत्र में काफी काम किया था था काफी नए-नए प्रयोग की थे, जेम्स चैडविक अनेक मॉडल दिया जिनका रासायनिक विज्ञान में आज के दिन काफी इस्तेमाल होता है।
संरक्षण | Protection
मुक्त न्यूट्रॉन के संपर्क में आना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि शरीर में अणुओं के साथ न्यूट्रॉन की बातचीत अणुओं और परमाणुओं के विघटन का कारण बन सकती है, और ऐसी प्रतिक्रियाएं भी पैदा कर सकती हैं जो विकिरण के अन्य रूपों (जैसे प्रोटॉन) को जन्म देती हैं। सामान्य विकिरण सुरक्षा सावधानियां लागू होती हैं: जोखिम से बचें, जितना हो सके स्रोत से दूर रहें, और जोखिम के समय को कम से कम रखें। लेकिन इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए कि न्यूट्रॉन के जोखिम से कैसे बचाव किया जाए। अन्य प्रकार के विकिरणों के लिए, उदाहरण के लिए, अल्फा कण, बीटा कण, या गामा किरणें, उच्च परमाणु संख्या और उच्च घनत्व वाले पदार्थों का परिरक्षण अच्छा होता है; अक्सर, सीसा का उपयोग किया जाता है।
हालांकि, यह दृष्टिकोण न्यूट्रॉन के साथ काम नहीं करेगा, क्योंकि न्यूट्रॉन का अवशोषण सीधे परमाणु संख्या के साथ नहीं बढ़ता है, जैसा कि अल्फा, बीटा और गामा विकिरण के मामले में होता है। इसके बजाय किसी को पदार्थ के साथ न्यूट्रॉन की विशेष बातचीत को देखने की जरूरत है (ऊपर पता लगाने पर अनुभाग देखें)। उदाहरण के लिए, हाइड्रोजन-समृद्ध सामग्री का उपयोग अक्सर न्यूट्रॉन के खिलाफ ढाल के लिए किया जाता है, क्योंकि साधारण हाइड्रोजन बिखरता है और न्यूट्रॉन को धीमा कर देता है। इसका अक्सर अर्थ यह होता है कि साधारण कंक्रीट ब्लॉक या यहां तक कि पैराफिन-लोडेड प्लास्टिक ब्लॉक अधिक सघन सामग्री की तुलना में न्यूट्रॉन से बेहतर सुरक्षा प्रदान करते हैं। धीमा होने के बाद, न्यूट्रॉन को एक आइसोटोप के साथ अवशोषित किया जा सकता है जिसमें धीमी न्यूट्रॉन के लिए उच्च आत्मीयता होती है, बिना सेकेंडरी कैप्चर रेडिएशन के, जैसे लिथियम -6।
Also Read:
हमने क्या सीखा
तो दोस्तों हमने इस पोस्ट के माध्यम से जाना है कि न्यूट्रॉन की खोज किसने की थी तथा किसी भी परमाणु में एक न्यूट्रॉन का क्या महत्व होता है और वह किस तरह से कार्य करता है तथा कहां पर स्थित होता है, इसके अलावा हमने आपको इस पोस्ट के माध्यम जेम्स चैडविक के बारे में भी जानकारी दी है।
उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी, अगर आप एक विद्यार्थी हैं तो इस पोस्ट को अपने तमाम दोस्तों के बीच शेयर जरूर करें तथा नीचे कमेंट करके हमें अपनी राय जरूर दें।
धन्यवाद
FAQ
Neutron की खोज कैसे हुई?
न्यूट्रॉन की खोज किसने की आर्टिकल में बताया गया है।
न्यूट्रॉन का क्या उपयोग है?
न्यूट्रॉन एक प्रिस्क्रिप्शन दवा है जो इंजेक्शन और टैबलेट के रूप में उपलब्ध है। यह दवा विशेष रूप से मेगालोब्लास्टिक एनीमिया, मधुमेह न्यूरोपैथी, न्यूरोपैथी के उपचार के लिए प्रयोग की जाती है। न्यूट्रॉन का उपयोग कुछ अन्य स्थितियों के लिए भी किया जा सकता है, जिनका वर्णन नीचे किया गया है।
Homepage | Click Hear |
General | Click Hear |
Technology | Click Hear |
Share Market | Click Hear |
Biography | Click Hear |