श्रीलंका पश्चिम में बसा एक द्वीप देश है, जो हिंद महासागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी से घिरा हुआ है। यह देश क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा देश है। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि श्रीलंका की नई राजधानी कब बनी और साथ ही हम आपको श्रीलंका से जुडी कुछ अन्य जानकारियों से भी अवगत करवाएंगे, तो आप हमारे साथ इस लेख के अंत तक जरूर बने रहे।
श्रीलंका की राजधानी का क्या नाम है?
श्रीलंका उन देशों में से एक देश है जिनकी दो राजधानियां है। श्रीलंका की पहली राजधानी का नाम “कोलंबो” है और दूसरी राजधानी “श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे” है। कोलंबो श्रीलंका की व्यापारिक राजधानी कहलाती है और श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे श्रीलंका की प्रशासनिक राजधानी के तौर पर जानी जाती है।
श्रीलंका की दो राजधानियां क्यों है?
आजादी से पहले जब श्रीलंका पर पुर्तगालियों का कब्जा था, तो उन्होंने श्रीलंका की राजधानी “श्री जयवर्धनापुरा कोटे” से बदलकर “कोलंबो” कर दी थी, क्योंकि उस समय सिंहली साम्राज्य द्वारा श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे पर बार-बार आक्रमण किए जा रहे थे, जिसकी वजह से पुर्तगाली अपने व्यापार पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे, इसीलिए उन्होंने राजधानी बदलने का निर्णय लिया था।
श्रीलंका की आजादी के बाद इसकी राजधानी “कोलंबो” ही थी, परंतु वहां पर बार-बार जनसंख्या और ट्रैफिक से संबंधित समस्याएं उभर कर सामने आ रही थी, इसीलिए श्रीलंका की सरकार के द्वारा राजधानी के रूप मे श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे को घोषित कर दिया गया परंतु इसके साथ कोलंबो की अहमियत भी कम नहीं हुई, परिणाम स्वरूप श्रीलंका ने कोलंबो और श्री जयवर्धनापुरा कोटे दोनों शहरों को राजधानी के रूप में स्वीकार किया।
श्रीलंका की राजधानी का इतिहास
आइए अब श्रीलंका की दो राजधानियां बनने के पीछे के इतिहास के बारे में जानते हैं:-

सिंहली सम्राज्य मे,
श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे का इतिहास बहुत पुराना है। चौदहवीं शताब्दी में श्रीलंका देश पर सिंहली साम्राज्य का शासन था। उस समय श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे श्रीलंका की राजधानी हुआ करती थी और लगभग 200 वर्षों तक रही।
पूर्तगाली के राज में,
सिंहली सम्राज्य के बाद पुर्तगाली श्रीलंका आए और उन्होंने श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे पर कब्जा जमा लिया, परंतु अधिकार जमा लेने के बाद भी सिंहली साम्राज्य के द्वारा श्री जयवर्धनेपुरा पर लगातार आक्रमण किए जा रहे थे, जिसकी वजह से पुर्तगाली अपने व्यापार पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे, तब उन्होंने श्रीलंका की राजधानी बदलकर कोलंबो कर दी।
ब्रिटिश राज में,
पुर्तगालियों के बाद सन 1796 में श्रीलंका पर ब्रिटिश साम्राज्य ने कब्जा कर लिया। उनके राज्य में भी श्रीलंका की राजधानी कोलंबो ही रही। ब्रिटिशों ने सन 1948 तक राज किया, उसके बाद श्रीलंका को आजादी मिल गई।
स्वतन्त्रता के बाद,
स्वतंत्रता मिलने के बाद श्रीलंका ने कोलंबो को ही अपनी राजधानी घोषित किया। सन 1978 में राष्ट्रपति J R जयवर्धने ने श्रीलंका की राजधानी बदल कर श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे कर दी और इस शहर का निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई।
कोलंबो में ट्रैफिक और जनसंख्या की वजह से बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न हो रही थी। इस शहर को इस तरह से डिजाइन किया गया कि यहां पर ट्रैफिक और जनसंख्या के कारण कोई भी समस्या पैदा ना हो।
कोलंबो का व्यापारिक इतिहास 2000 वर्ष पुराना है और कोलंबो श्रीलंका के पश्चिमी छोर पर बसा है, इसीलिए व्यापार करने के लिए, खासकर समुद्र के रास्ते व्यापार करने के लिए यह एक अच्छा केंद्र माना जाता है। अतः नई राजधानी बनने के बावजूद कोलंबो की महत्वता कम नहीं हुई इसीलिए प्रशासन ने कोलंबो को व्यापारिक राजधानी के रूप में घोषित किया है और श्री जयवर्धनेपुरा कोटा को प्रशासनिक राजधानी के रूप में घोषित किया है।
श्रीलंका की नई राजधानी कब बनी?
सन 1948 में, जब श्रीलंका पर ब्रिटिश राज था उस समय इसकी राजधानी कोलंबो थी और आजादी के बाद भी कोलंबो ही बनी रही। सन 1978 में, श्रीलंका की सरकार ने अपनी पुरानी राजधानी अर्थात श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे को फिर से राजधानी का दर्जा देने का विचार किया और इसी वर्ष ही श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे को राजधानी के रूप में घोषित कर दिया गया।
वर्तमान समय में श्रीलंका के आर्थिक हालात
आइए, साथ ही श्रीलंका की वर्तमान स्थिति से भी आपको रूबरू करवाते हैं। वर्तमान में श्रीलंका के आर्थिक हालात सही नहीं है। इस देश की अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट आ रही है। लोग भोजन की कमी से जूझ रहे हैं। पेट्रोल व डीजल के रेट काफी महंगे हो गए हैं और उनकी खपत भी पूरी नहीं हो पा रही है। लोगों को घंटों लाइन में लगना पड रहा है। श्रीलंका ने कुछ महीने पहले ही अन्य देशों से लिए कर्ज के मामले में default बन चुका है।
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निष्कर्ष
दोस्तों, आज के इस लेख में हमने आपको जानकारी दी है कि श्रीलंका की नई राजधानी कब बनी। हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अगर इस लेख से जुड़ा हुआ कोई भी सवाल आपके मन में है तो आप हमें कमेंट कर के पूछ सकते हैं।
FAQ
श्रीलंका की पहली राजधानी कौन सी है?
इस राजधानी शहर की स्थापना सबसे पहले राजा पांडुकभया ने 377 ईसा पूर्व में की थी। यह कई शताब्दियों तक थेरवाद बौद्ध धर्म का केंद्र भी था और अब यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।
श्री लंका नाम कैसे पड़ा?
1972 तक श्रीलंका का नाम सीलोन था, जिसे बदलकर ‘लंका’ कर दिया गया और वर्ष 1978 में इसमें ‘श्रीलंका’ और ‘श्रीलंका’ शब्द जोड़ा गया।
श्रीलंका भारत से अलग क्यों हुआ?
16वीं शताब्दी में इसे पुर्तगालियों ने और 17वीं शताब्दी में डचों ने अपने अधिकार में ले लिया। उसके बाद 1796 में डचों ने इसे अंग्रेजों को दे दिया। इसके बाद 1802 में यह अंग्रेजों का एक प्रमुख उपनिवेश बन गया। इसे 1948 में अंग्रेजों से आजादी मिली और 1972 में अपने देश का नाम बदलकर श्रीलंका कर दिया।
क्या श्रीलंका भारत का हिस्सा है?
श्रीलंका वास्तव में भारत का हिस्सा नहीं था। श्रीलंका पूर्व में सीलोन का ब्रिटिश क्राउन कॉलोनी था, जो एक पुराने डच उपनिवेश से विकसित हुआ था। 1795 में, नेपोलियन युद्धों के दौरान, ब्रिटेन ने डच गणराज्य से श्रीलंका के तटों पर नियंत्रण कर लिया।