ताजमहल को कौन नहीं जानता यह दुनिया के सात अजूबों में से एक है। ताजमहल को देखने देश-विदेश से बहुत से पर्यटक भारत आते हैं। ताजमहल प्यार की एक निशानी है। ताजमहल हिट पत्थरों से बना इतना खूबसूरत महल है कि यह लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है और सभी यात्री इसे देखने के लिए आतुर रहते हैं। ताजमहल की खूबसूरती को रोज भी देखा जाए तो वह भी कम होगा क्योंकि इसकी खूबसूरती दिन प्रतिदिन बढ़ी हुई दिखाई देती है।
ताजमहल भारत का सबसे सुंदर पर्यटक स्थल है यहां पर बहुत से पर्यटक विदेशों से भी आते हैं। लेकिन जब भी हम इस ताजमहल को देखते हैं। तो यह सवाल जरूर होता है, कि ताजमहल किसने बनाया था?और ताजमहल किस नदी के किनारे बनाया गया है? आज हम आपको इस लेख के माध्यम से ताजमहल के बारे में कुछ जानकारी देने का प्रयास करेंगे। कृपया इस लेख को पूरा पढ़ें।
ताजमहल किस नदी के किनारे स्थित है?
ताजमहल भारत के आगरा शहर में “यमुना नदी” के किनारे स्थित है। यमुना नदी के किनारे स्थित यह ताजमहल एक अलौकिक एवं भव्य मकबरा है जिसकी सुंदरता दूर से ही झलकती है। ताजमहल सफेद संगमरमर का बना एक आकर्षक महल है। ताजमहल के चारों कोनों पर मीनार स्थित है। यह मीनारें मस्जिदों में अजान देने वाली मीनारों की तरह बनाई गई है।
ताजमहल अन्य इमारतों की तरह नहीं है बल्कि ताजमहल सफेद संगमरमर की शैलियों से बने श्वेत गुंबद ओं से ढका हुआ है जो कि अपने आप में ही एक अजूबा है। 20000 मजदूरों ने मिलकर इस अद्भुत ताजमहल को बनाया था। ताजमहल को बनाने के लिए शाहजहां ने बगदाद, तुर्की तथा अन्य देशों से मजदूरों को बुलाया था। अलग-अलग संगमरमर की पहचान करने के लिए अलग-अलग मजदूरों को बुलवाया गया था।
फूलों वाले संगमरमर की पहचान करने के लिए बुखारा शहर से मजदूर आए थे। तथा संगमरमर पर घुमावदार अक्षरों की पहचान करने के लिए बगदाद से मजदूर आए थे। गुंबद ओं का निर्माण करने के लिए तुर्की से दक्ष कारीगरों को बुलाया गया था तथा वही मीनारों का निर्माण करने के लिए समरकंद शहर से कारीगरों को बुलाया गया था। इसी तरह सभी मजदूरों ने 22 सालों में इस ताजमहल का निर्माण पूरा किया और ताजमहल को सात अजूबों में से एक माना गया।
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ताजमहल किसने बनाया था?
ताजमहल मुगल साम्राज्य के पांचवे बादशाह “शाहजहां” ने बनवाया था। शाहजहां ने यह ताजमहल अपनी तीसरी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था। ताजमहल मुमताज का मजीरा है ऐसा कहा जाता है कि मुमताज महल ने अपने अंतिम समय में एक मकबरा बनवाने की मांग की थी जिस मांग को शाहजहां ने पूरा किया था। ताज महल का नाम भी शाहजहां की बेग़म मुमताज महल के नाम पर रखा गया है। ताजमहल को बनने में कुल 21 साल का समय लगा था। ताजमहल का निर्माण सन 1632 में शुरू हुआ तथा इसका निर्माण 1653 में समाप्त हुआ। यानी कि कुल 21 साल बाद ताजमहल बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया था।
ताजमहल की कुल ऊंचाई 172 मीटर है। ताजमहल मुगलों का एक खूबसूरत नमूना है। ताजमहल के प्रथम गेट पर ही एक सुंदर वाक्य उर्दू भाषा में लिखा हुआ है। जिसका अर्थ है:- हे आत्मा ! तू ईश्वर के पास विश्राम कर। ईश्वर के पास शांति के साथ रहे तथा उसकी परम शांति तुझ पर बरसे।
ऐसा प्रतीत होता है कि यह शब्द आपके अंतिम समय के लिए बनाए गए हो जैसा कि ताजमहल को मुमताज महल का मजीरा माना जाता है तो यह शब्द भी मुमताज महल के लिए ही लिखवाए गए थे। मुमताज महल की कब्र ताजमहल की अंदर के कक्ष में मध्य में स्थित है। मुस्लिम परंपरा में कब्र की अधिक सज्जा करना मना है इसलिए कब्र को बहुत ही शादी तरीके से बनाया गया है।
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निष्कर्ष
आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया (ताजमहल किस नदी के किनारे स्थित है?) के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।
FAQ
ताजमहल किस नदी तट पर स्थित है?
ताजमहल के बारे मे हमने आर्टिकल मे संपूर्ण जानकारी दिया है।
ताजमहल आखिर कब बना था?
ताजमहल 1648 AD मे बनवाया गया था।
ताजमहल किसने पूरा किया?
इसका निर्माण मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में 1632 ई. में शुरू किया था और 1648 ई. में पूरा हुआ, जिसमें मस्जिद, गेस्ट हाउस और दक्षिण में मुख्य प्रवेश द्वार, बाहरी प्रांगण और उसके मठ शामिल थे। बाद में और 1653 ई. में पूरा हुआ।
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