नमस्कार दोस्तो, जैसे-जैसे इंटरनेट का दौर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे साइबरक्राइम जैसी समस्या काफी देखने को मिल रही है, तथा आपने भी साइबर क्राइम के बारे में अक्सर कई जगहों पर सुना होगा। दोस्तों क्या आप जानते है कि साइबर क्राइम क्या होता है, (cyber crime in hindi), यह किस तरह से किया जाता है तथा साइबरक्राइम कितने प्रकार का होता है, यदि आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि साइबर क्राइम क्या होता है, (cyber crime kya hota hai), हम आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी इस पोस्ट के अंतर्गत शेयर करने वाले हैं। तो ऐसे में आज का की यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है, तो इसको अंत जरूर पढ़िए।
साइबर क्राइम क्या है? | cyber crime kya hai in hindi
अगर दोस्तों बात की जाए कि साइबर क्राइम क्या होता है, तो आसान भाषा में समझा जाए, तो यदि कोई भी व्यक्ति इंटरनेट का इस्तेमाल करके कोई क्राइम करता है, या फिर कोई गुनाह करता है, तो वह साइबर क्राइम कहलाता है। साइबर क्राइम के नाम से यह स्पष्ट होता है, कि इसका मतलब इंटरनेट का इस्तेमाल करके होने वाले क्राइम से होता है।
आज के समय इंटरनेट काफी तेजी से पूरी दुनिया के अंतर्गत बढ़ रहा है, और उतनी तेजी से हमारे चारों तरफ साइबर क्राइम जैसी समस्या भी लगातार बढ़ रही है। आपको आए दिन चारों तरफ साइबर क्राइम की समस्या देखने को मिलती है। इसके अंतर्गत लोग अलग-अलग तरीके से क्राइम करते हैं, cyber crime किन-किन प्रकारों से किया जा सकता है, या फिर साइबरक्राइम कितने प्रकार का हो सकता है, इसके बारे में आपको नीचे जानकारी दी गई है :-
साइबर क्राइम के प्रकार के होता हैं? | types of cyber crime images
दोस्तों अक्सर हमें निम्न अलग-अलग प्रकार के साइबर क्राइम (cyber crime ke prakar) देखने को मिलते हैं :-
1. चोरी
दोस्तों हमें इंटरनेट पर चोरी की समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। जैसा कि आपको पता होगा कि जितनी भी फिल्में होती है, या फिर जितनी भी वेब सीरीज होती है, उनको सिर्फ उसी प्लेटफार्म पर दिखाया जा सकता है जिसके पास उसका कॉपीराइट होता है। लेकिन अक्सर उन प्लेटफार्म के अंतर्गत आपको एक सब्सक्रिप्शन फीस देनी होती है। तो ऐसे में कुछ लोग इन मूवी तथा वेब सीरीज को डाउनलोड करके टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्म पर फ्री डाल देते है। तो यह समस्या साइबर क्राइम के अंतर्गत ही आती है।
इसके अलावा कई लोग अनेक बार एक दूसरे की पर्सनल इंफॉर्मेशन चुरा लेते हैं तथा उसके बदले या तो उनको ब्लैकमेल करते हैं कि मैं उनको पैसे दे, वरना इस इंफॉर्मेशन को सोशल मीडिया पर वायरल कर दी जाएगी। या फिर वह लोग उनकी इंफॉर्मेशन को वायरल कर देते हैं। इसके अलावा कई लोग सरकार की जरूरी इंफॉर्मेशन को भी चुरा लेते हैं। तो दोस्तों इस प्रकार की समस्या अक्सर साइबरक्राइम की चोरी के अंतर्गत देखने को मिलती है।
2. हैकिंग
दोस्तों हैकिंग हाली के समय में काफी ट्रेनिंग में देखने को मिलता है। अनेक छोटे छोटे बच्चों के मन में यह सवाल होता है, कि उसको एक हैकर बनना है, तो आपको यह भी पता नहीं है, तो आपकी जानकारी के लिए बता दूं, कि हैकिंग साइबर क्राइम के अंतर्गत आता है।
आज के समय हैकिंग समस्या का कोई देखने को मिलती है, अनेक लोग कई प्रकार के सॉफ्टवेयर, एप्लीकेशन, website आदि को हैक कर लेते है, जिसके कारण अनेक लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जैसा आपको पता होगा कि हैकर्स के द्वारा बड़ी-बड़ी वेबसाइट को भी हैक कर लिया जाता है, जिसके अंतर्गत फेसबुक यूट्यूब गूगल जैसी वेबसाइट का नाम भी शामिल है। इसके अलावा इनके द्वारा कई सरकारी वेबसाइट को भी हैक कर लिया जाता है, जो सरकारी कार्य में काफी बाधा डालते हैं। इसके अलावा हैकर्स के द्वारा लगातार किसी ना किसी चीज को हैक करके, आम जनता को काफी परेशानी में डाला जाता है।
3. सोशल मीडिया अकाउंट हैकिंग
दोस्तों आजकल लगातार सोशल मीडिया के अकाउंट को हैक किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत यह लोग बड़े-बड़े सेलिब्रिटी से लेकर छोटे से छोटे एक आम व्यक्ति के सोशल मीडिया के अकाउंट को भी हैक कर लेते हैं। उसके बाद याद तो वह लोग उसके अकाउंट पर कुछ गलत चीजें पोस्ट कर देते हैं, या फिर वह वहां पर किसी भी सेलिब्रिटी के अकाउंट को हैक करके वहां पर पैसे मांगते हैं। इसके अलावा कई लोग किसी के प्राइवेट अकाउंट को हैक करके उसकी पर्सनल फोटो चुरा लेते हैं, या फिर वहां पर कोई गलत चीज पोस्ट कर देते हैं। जिससे एक आम व्यक्ति को काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
4. Virus software
आज के समय लगातार ऐसे सॉफ्टवेयर बनाए जाते हैं, जो वायरस होते हैं, तथा इनको आपके मोबाइल के अंतर्गत किसी भी वेबसाइट के जरिए इंटर कराकर इंस्टॉल कर दिया जाता है, तथा आपको इसके बारे में पता भी नहीं चलता है कि आपके फोन में कोई सॉफ्टवेयर या फिर कोई एप्लीकेशन इंस्टॉल हो गया है। उसके बाद वह वायरस सॉफ्टवेयर आपके मोबाइल की सारी इनफार्मेशन को चुरा लेता है, जिसमें आपकी पर्सनल इंफॉर्मेशन पर्सनल फोटो से लेकर आपके मोबाइल में जितनी भी चीजें शामिल है, वह सभी चुरा ली जाती है। इसके अलावा आपके मोबाइल के अंतर्गत किसी भी मालवेयर सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करके लगातार आपकी कैमरा की ट्रेनिंग की जा सकती है, इसके अलावा आपकी आवाज को भी लगातार सुना जा सकता है। इसके कारण किसी भी व्यक्ति की प्राइवेसी पर काफी बुरा असर पड़ता है।
5. साइबर बिलिंग
दोस्तों आज के समय साइबर बुलिंग जेसीबी समस्या का की देखने को मिलती है, जिसके अंतर्गत कई अपराधी लड़के किसी लड़की के नाम से सोशल मीडिया पर अपना एक अकाउंट बना लेते हैं। उसके बाद वह किसी भी लड़के से लगातार बातचीत करने लग जाते हैं। सामने वाले व्यक्ति को लगता है, कि वह किसी लड़की से बात कर रहा है, लेकिन उसको जरा भी अंदाजा नहीं होता है कि वह एक लड़की से बात कर रहा है।
उसके बाद धीरे-धीरे में प्राइवेट बातें करना स्टार्ट कर देते हैं, ज्यादा अक्सर हमें ही देखने को मिलता है, कि दोनों आपस में प्राइवेट फोटोज एक्सचेंज कर लेते हैं। उसके बाद सामने वाले व्यक्ति को लगातार ब्लैकमेल किया जाता है, कि या तो हमें आप पैसे दे दो या फिर हम आपकी इन प्राइवेट फोटोज को या फिर अश्लील फोटोस को वायरल कर देंगे। तो ऐसी परिस्थिति के अंतर्गत कई लड़के तो सुसाइड कर लेते हैं, कई लड़के डिप्रेशन में चले जाते हैं, या फिर कई लड़के बड़ी मात्रा में पैसे दे देते हैं।
6. साइबर स्पाइंग
दोस्तों इस के अंतर्गत अक्सर कई लोग होटल, रेस्टोरेंट, बाथरूम आदि जगहों पर छोटे-छोटे हिडन कैमरा लगा देते हैं, जिसके बाद वह लोगों की प्राइवेट फोटो को चुरा लेते हैं, तथा उसके बाद उनको या तो वह सोशल मीडिया पर वायरल कर देते हैं, या फिर वह उनसे इसके बारे में पैसे मांगते हैं, कि या तो आप हमें पैसे दे दो वरना हम इनको वायरल कर देंगे। इसके अलावा आज के समय कई लोग तो इस हद तक गिर चुके हैं, कि हमें कई बार स्कूल, गर्ल्स हॉस्टल आदि के अंतर्गत भी इस प्रकार की समस्याएं देखने को मिल जाती है।
तो दोस्तों इन कुछ तरीकों से अक्सर साइबर क्राइम को अंजाम दिया जाता है। कलंकी इसके अलावा भी अनेक ऐसे तरीके होते हैं, जिसके द्वारा साइबर क्राइम किए जाते हैं, लेकिन हमने यहां पर कुछ महत्वपूर्ण तरीकों के बारे में आपको जानकारी दी है।
साइबर क्राइम से कैसे बचे | cyber crime se kaise bache in hindi
यदि दोस्तों आप व्यक्तिगत तौर पर साइबर क्राइम जैसी समस्याओं से बचना चाहते हैं, तो आपको निम्न कुछ तरीकों को फॉलो अवश्य करना चाहिए:-
1. आपको हमेशा अपनी सोशल मीडिया अकाउंट के स्ट्रांग पासवर्ड रखने चाहिए, इसके अलावा आपको अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट पर टू स्टेप ऑथेंटिकेशन को ऑन रखना चाहिए। Two step authentication सिक्योरिटी में अपनी एक ही बड़ी भूमिका निभाता है, इससे कोई कोई भी व्यक्ति आप की परमिशन के बिना आपके अकाउंट को किसी दूसरे मोबाइल या लैपटॉप में खोल नहीं सकता है। आप इसके बारे में अधिक जानकारी इंटरनेट पर प्राप्त कर सकते हैं।
2. आपको कभी भी किसी थर्ड पार्टी एप्लीकेशन या फिर वेबसाइट से किसी भी ऐप को डाउनलोड नहीं करना चाहिए, या फिर अपने कंप्यूटर के अंतर्गत कोई भी थर्ड पार्टी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल नहीं करना चाहिए। क्योंकि अधिकांश वायरस आपके मोबाइल या कंप्यूटर में इसी प्रकार की वेबसाइट से इंटर करते हैं। तो आपको अपने मोबाइल में सभी एप्लीकेशन को प्ले स्टोर से या फिर एक स्टोर से इंस्टॉल करना चाहिए।
3. आपको कभी भी अपने मोबाइल को किसी अन्य व्यक्ति के साथ शेयर नहीं करना है, इसके अलावा आपको अपने मोबाइल की डिटेल यानी कि मोबाइल के पासवर्ड, सोशल मीडिया के पासवर्ड्स, इसके अलावा इस प्रकार की कोई भी जानकारी किसी अन्य व्यक्ति के साथ शेयर नहीं करनी है।
4. इसके अलावा आप अपने कंप्यूटर के अंतर्गत कोई एंटीवायरस इंस्टॉल कर सकते हैं इसके अलावा आज के समय अनेक ऐसे एंटीवायरस मोबाइल एप्लीकेशन भी मौजूद हैं, जो आपकी मोबाइल की सुरक्षा में कहां की मदद करते हैं। यदि आपकी मोबाइल की सिक्योरिटी में कोई भी समस्या देखने को मिलती है, तो उससे वह आपको अवगत करा देते हैं।
5. इसके अलावा आपको अपने मोबाइल की परमिशन सिर्फ उन्हीं एप्लीकेशन को देनी है, जिन एप्लीकेशन को जरूरत होती है। अनेक ऐसे एप्लीकेशन होते हैं जिनको आपकी कैमरा की कोई जरूरत नहीं होती है लेकिन फिर भी वह आपकी कैमरा की परमिशन लेते हैं तो ऐसे में आपको सोच समझकर अपने कैमरा, माइक्रोफोन, कांटेक्ट डिटेल आदि की permission अलग-अलग एप्लीकेशन को देनी है।
तो दोस्तों आप इन कुछ तरीकों का इस्तेमाल करके साइबर क्राइम जैसी समस्याओं से बच सकते हैं।
साइबर सुरक्षा के सुनहरे नियम क्या है?
साइबर सुरक्षा के तहत सभी यूजर्स को जागरूक होना जरूरी है. आप ऊपर दिए गए लेख के माध्यम से इस संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
आज आपने क्या सीखा
तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको बताया कि साइबर क्राइम क्या होता है, (cyber crime kya hai), हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत के विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। इसके अलावा हमने आपके साथ इस पोस्ट के अंतर्गत cyber crime से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी शेयर की है, जैसे कि साइबर क्राइम क्या होता है, किस तरह से इस को अंजाम दिया जाता है, तथा साइबर क्राइम के कितने प्रकार होते हैं, और यदि आप इस समस्या से बचना चाहते हैं, तो आप किन-किन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह इंफॉर्मेशन पसंद आई है, तथा आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है। इस पोस्ट को सोशल मीडिया के माध्यम से आगे शेयर जरूर करें, तथा इस विषय के बारे में अपनी राय हमें नीचे कमेंट में जरूर बताएं।
FAQ
साइबर अपराध में क्या क्या आता है?
सूचना चोरी के प्रकार – किसी के भी कंप्यूटर से व्यक्तिगत जानकारी जैसे यूजरनेम या पासवर्ड को हटाना। जानकारी को हटाना – किसी के कंप्यूटर से जानकारी को हटाना ताकि वह क्षतिग्रस्त हो सके या कोई महत्वपूर्ण जानकारी मिटा सके। परिवर्तन – उस जानकारी को बदलने के लिए जानकारी में कुछ जोड़ना या हटाना।
साइबर अपराध को कैसे रोका जा सकता है?
अपना बैंक खाता नंबर, पासवर्ड आदि किसी को न बताएं। सार्वजनिक स्थानों जैसे साइबर कैफे, पार्क, सार्वजनिक सभाओं और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर कभी भी अपने इंटरनेट बैंकिंग और बैंकिंग लेनदेन का उपयोग न करें। अपना एटीएम पिन कोड नीचे न रखें और किसी के साथ ओटीपी साझा न करें। फेक कॉल्स से बचें।
पहला साइबर क्राइम कौन सा था?
1988 में, एक स्नातक छात्र ने पहला बड़ा इंटरनेट हमला शुरू किया और एक नए प्रकार के अपराध के लिए दोषी ठहराया गया पहला व्यक्ति बन गया। 1993 में, एक लापता बच्चे के मामले पर काम करने वाले एजेंटों ने कुछ चौंका दिया: पीडोफाइल इंटरनेट के माध्यम से नाबालिगों की यौन रूप से स्पष्ट छवियों को प्रसारित कर रहे थे।
भारत में पहला साइबर अपराधी कौन है?
1992 में, पहला साइबर अपराध सामने आया जिसमें पहला पॉलीमॉर्फिक वायरस जारी किया गया था। भारत में, साइबर अपराध के शुरुआती मामलों में से एक याहू बनाम आकाश अरोड़ा का मामला था।
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