म्यूचुअल फंड में निवेश करने के नुकसान – 2023

लगभग सभी Investment प्लान के फायदे होने के साथ-साथ उसमें कई जोखिम और कई नुकसान भी होते हैं। इसी प्रकार का एक Investment प्लान म्युचुअल फंड भी है। लगभग सभी लोग यह तो जानते ही हैं कि म्यूचुअल फंड एक जोखिम भरा निवेश है। लेकिन अब लोग यह भी जानना चाहते हैं कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने के नुकसान क्या है?

आज किस लेख में हम इसी विषय पर बात करेंगे और जानेंगे कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने के नुकसान क्या है? साथ ही हम यह भी जानेंगे कि म्यूचुअल फंड सही है या गलत। तो लिए बिना देरी किए लेखक को शुरू करते हैं।

म्युचुअल फंड क्या है?

म्युचुअल फंड के नुकसान जानने से पहले लिए हम mutual fund के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। म्युचुअल फंड एक प्रकार का Investment है, जिसमें कई investor एक साथ पैसा इकट्ठा करके एक फंड बनाते हैं। यह फंड फिर शेयर बंद या अन्य फाइनेंशियल प्रोडक्ट में निवेश करता है। म्युचुअल फंड सभी निवेशकों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प है क्योंकि इसमें निवेश करना आसान होता है और लोग एक ही साथ कई अलग-अलग जगह पर निवेश भी कर सकते हैं।

आसान भाषा में समझे तो म्युचुअल फंड एक गुल्लक की तरह होता है जिसमें बहुत से लोग अपना पैसा डालते हैं। फिर गुल्लक को संभालने वाला व्यक्ति जिसे फंड मैनेजर कहा जाता है वह सारा पैसा लेता है और इसे स्टॉक या बंद जैसी विभिन्न Financial Products में निवेश कर देता है।

तो म्युचुअल फंड लोगों के लिए अपना पैसा एक साथ निवेश करने और उन Investments से होने वाले लाभ या हानि को साझा करने का एक तरीका है।

म्युचुअल फंड में निवेश करने के नुकसान

जहां म्युचुअल फंड निवेश करने में विविधता प्रदान करता है वहीं इसके कुछ नुकसान भी है। म्युचुअल फंड बहुत ही जोखिम भरा निवेश होता है।

आईये म्युचुअल फंड के नुकसान को विस्तार से समझते हैं।

अधिक Fees और खर्च

म्युचुअल फंड का सबसे बड़ा नुकसान इससे जुड़ी Fees और खर्च है। म्युचुअल फंड में आमतौर पर कई Fees एवं Expenses शामिल होते हैं जैसे Management fees, Administrative Expenses इत्यादि। इसके साथ ही Fund Manager अक्सर Sales Commission भी लेते हैं।

यह सभी लगता निवेशक के रिटर्न को खत्म कर देती हैं और अच्छा लाभ प्रदान नहीं कर पाती हैं।

मार्केट जोखिम

म्युचुअल फंड शेयर, बॉन्ड या Financial Products में निवेश करते हैं, जिनमें मार्केट जोखिम होता है। इसका मतलब है कि फंड के मूल्य में उतार-चढ़ाव हो सकता है और निवेशक अपने कुछ पैसे या सभी पैसे को सकते हैं।

मार्केट जोखिम सभी प्रकार के निवेशों के लिए होता है, लेकिन म्युचुअल फंड में निवेश करने से जोखिम अधिक हो सकता है, क्योंकि यहां पर कई प्रकार की चीजों में निवेश करना शामिल होता है।

अपने निवेश पर नियंत्रण का अभाव

म्युचुअल फंड में निवेदक निर्णय लेने की प्रक्रिया Fund Managers पर छोड़ देते हैं। यह फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसका अर्थ यह भी है कि आप अपने निवेश पर नियंत्रण को देते हैं।

हो सकता है कि फंड मैनेजर ने आपके पैसों को निवेश करने के लिए जो भी विकल्प चुने हो उससे आप सहमत ना हो। और आपके पास इसके लिए स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता भी नहीं होती है।

रिटर्न पर टैक्स लगना

म्युचुअल फंड के माध्यम से यदि निवेशकों को प्रॉफिट होता है तो उसे पर काफी ज्यादा टैक्स भी लगता है। जिससे कि निवेशकों को जितना मुनाफा होता है वह उतना ले नहीं पाते हैं।

म्युचुअल फंड के रिटर्न पर 1 साल में 15% की दर से Short Term Capital Gains Tax देना होता है। और साथ ही अगर आपने 1 लाख से अधिक का प्रॉफिट कमाया है तो 12 या उससे अधिक महीना के लिए Long Term Capital Gains Tax 10% की दर से देना होता है।

रिटर्न का कमजोर होना

जैसे-जैसे म्युचुअल फंड का आकार बढ़ता है, फंड मैनेजर के लिए हाई रिटर्न प्राप्त करना और भी मुश्किल हो जाता है। इसे Dilution of Return के रूप में जाना जाता है। और यह आपके निवेश के प्रदर्शन को भी प्रभावित कर सकता है।

रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होना

जैसे कुछ अन्य Investment Option होते हैं, जो की रिटर्न की गारंटी के साथ आते हैं। परंतु म्युचुअल फंड गारंटी के साथ नहीं आते हैं। आपका Investment Market risk के अधीन होता है और यह निश्चित नहीं होता है कि आप म्युचुअल फंड से लाभ कम ही पाएंगे।

म्युचुअल फंड की राशि को ज्यादातर शेयर मार्केट में निवेश किया जाता है और शेयर मार्केट बहुत ही ज्यादा और स्थिर बाजार है, जहां से रिटर्न आने की संभावना नहीं होती है।

अधिक विविधीकरण

यहां पर विविधीकरण का मतलब Diversification से है। ऐसे तो Diversification म्युचुअल फंड का एक प्रमुख लाभ है लेकिन अधिक Diversification इसके लिए नुकसान भी बन जाता है। बहुत अधिक फंड रखने से Holdings में Overlap हो सकता है और Diversification की प्रभावशीलता कम हो जाती है।

उदाहरण के लिए फंड मैनेजर द्वारा आपके म्युचुअल फंड की राशि को अलग-अलग जगह पर निवेश किया जाता है। तो अगर किसी स्टॉक का दाम बढ़ता है, जिसमें फंड मैनेजर ने पैसे लगाए हैं तो भी आपको अधिक लाभ नहीं हो पाता।

क्योंकि उसे स्टॉक में आपके म्युचुअल फंड की कुल राशि का केवल एक छोटा सा हिस्सा लगा हुआ है जिससे ज्यादा फायदा नहीं हो पता है।

बाजार में प्रवेश और निकास के समय में कठिनाई

मार्केट का टाइम काफी चैलेंजिंग है और म्युचुअल फंड निवेशकों को सही समय पर बाजार में प्रवेश करने या बाहर निकालने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है।

यानी कि अगर निवेशक गलत समय पर म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं तो वह कुछ अच्छे अवसरों से चूक जाते हैं और उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

म्युचुअल फंड में Hidden Cost

Upfront Fees के अलावा म्युचुअल फंड से जुड़ी कुछ Hidden Cost भी हो सकती है, जैसे Redemption Fees या Trading cost। यह लगता हमेशा स्पष्ट नहीं होती है लेकिन आपके होने वाले रिटर्न को काफी कम कर देती हैं।

Expenses के साथ एग्जिट लोड की वसूली

म्युचुअल फंड में निवेश करने के नुकसानों में से एक एग्जिट लोड की वसूली भी है। एग्जिट लोड एक प्रकार की Fees है, जिसे निवेशकों से उसे फंड से अपने निवेश को वापस लेने के लिए लिया जाता है जिसमें उन्होंने निवेश किया है।

एक्जिट लोड की राशि फंड और निवेश के समय के आधार पर भिन्न हो सकती है। इसका उद्देश्य निवेशकों को फंड में लंबे समय तक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना है और यह सुनिश्चित करना है कि फंड मैनेजर को निवेशकों के पैसे का निवेश करने के लिए अधिक समय मिले।

लॉक इन पीरियड का होना

म्युचुअल फंड में लॉक इन पीरियड एक दूसरा नुकसान है। हालांकि यह कुछ प्रकार के म्युचुअल फंड के साथ जुड़ा हुआ है। लॉक इन पीरियड एक समय अवधि है जिसके दौरान निवेशक अपने किए गए निवेश को वापस नहीं ले सकते हैं।

यदि कोई भी निवेशक अपना निवेश वापस लेना चाहता है तो वह पैसे नहीं निकल पाएगा और उसे नुकसान उठाना पड़ेगा। यह लॉक इन पीरियड Close ended Scheme और ELSS Scheme में होता है।

लंबे समय के लिए निवेश करना

म्युचुअल फंड में अगर अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं तो इसमें काफी ज्यादा लंबे समय के लिए निवेश करना पड़ता है। म्युचुअल फंड Short Term Profit प्रदान नहीं करता है।

अगर आप म्युचुअल फंड से अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं तो कम से कम आपको इसमें 5 से 10 वर्षों के लिए निवेश करना होगा।

म्यूचुअल फंड सही है या गलत?

म्यूचुअल फंड सही या गलत नहीं होते हैं। यह निवेशकों की व्यक्तिगत परिस्थितियों और लक्ष्यों पर निर्भर करता है कि क्या वे उनके लिए सही हैं।

अगर आप निवेश करने के लिए म्यूचुअल फंड पर विचार कर रहे हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने जोखिम सहिष्णुता और वित्तीय लक्ष्यों का मूल्यांकन करें। इसके अलावा, आपको विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंडों और उनके प्रदर्शन को शोध करना चाहिए।

अंततः, यह तय करना कि आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए या नहीं, एक व्यक्तिगत निर्णय है। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने व्यक्तिगत परिस्थितियों और लक्ष्यों को ध्यान में रखें और अपने निवेश निर्णयों को सावधानी से तय करें।

निष्कर्ष

आज के इस लेख में हमने जाना की म्युचुअल फंड में निवेश करने के नुकसान क्या है? उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आपको mutual fund के जोखिम एवं नुकसान के बारे में सभी आवश्यक जानकारियां मिल पाई होगी।

यदि आप किसी अन्य शेयर मार्केट से संबंधित चीजों के बारे में जानना चाहते हैं हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। जानकारी अच्छी लगी हो तो इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे। यदि आपके मन में इस लेख से संबंधित कोई सवाल है जो आप हमसे पूछना चाहते हैं तो कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट कर के पूछ सकते हैं।

FAQ’s

Q. म्युचुअल फंड में पैसा इन्वेस्ट करने से डूब जाता है क्या?

Ans- जी नहीं, म्युचुअल फंड में पैसा इन्वेस्ट करने से डूबता नहीं है लेकिन म्युचुअल फंड में निवेश करना काफी जोखिम भरा होता है। इसमें अगर आप सही स्ट्रेटजी का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो आपको नुकसान होता है।

Q. म्युचुअल फंड में कितने साल में पैसा डबल हो जाता है?

Ans- म्युचुअल फंड यह नहीं कहा जा सकता कि कितने साल में पैसा डबल होगा, क्योंकि यह आपकी किए गए निवेश और निवेश अवधि पर निर्भर करता है।

Q. क्या म्यूचुअल फंड में नुकसान हो सकता है?

Ans- जी हां म्युचुअल फंड काफी जोखिम भरा निवेश होता है इसलिए इसमें नुकसान भी होता है। इसके कई सारे नुकसान के बारे में हमने इस लेख में बताया है।

Q. सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाला म्युचुअल फंड कौन सा है?

Ans- सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाला कुछ म्युचुअल फंड Motilal Oswal MIDCAP Fund और Aditya Birla Sun Life Flaxi cap Fund है।

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