नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में हम भाबर के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त करेंगे। बाबर की जैसी प्राकृतिक रचना है जो हमारे पर्यावरण पर सीधा प्रभाव डालती है और इसकी अनेक विशेषताएं भी हैं। परंतु उसके बारे में जाने से पहले हमें यह जानना है कि भाबर क्या है? (bhabar kise kahate hain in hindi).
भाबर क्या है? (Bhabar kya hai)
भाबर वह तंग पट्टी है जिसका निर्माण कंकड़ों और पत्थरों के जमा होने से होता है। जब हिमालय का निर्माण हुआ था उस वक्त शिवालिक के दक्षिण में गहरी खाई का भी निर्माण हो गया था। इन खाईयो को भरने का कार्य गंगा और ब्रह्मपुत्र कि नदियों के द्वारा बहाकर लाई मिट्टी आदि ने किया था।
शिवालिक के दक्षिण में स्थित मैदान और उसके समांतर में फैली हुई 10 से 15 किलोमीटर की पट्टी ही भाबर कहलाती है। जब कोई नदी पहाड़ से नीचे उतरती है तो वे अपने साथ कंकड़, पत्थर, रस्सी, बालू, इत्यादि ले आती है। और मैदानी क्षेत्र में इसको फैला देते हैं।
भाबर पट्टी पूर्व में तुलनात्मक रूप से सकरी है और पश्चिम पर्वतीय क्षेत्र में विशाल रूप से काफी बड़ी है। बाबर पट्टी के अंतर्गत जो क्षेत्र आते हैं वह किसानों के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि इस पट्टी में केवल बड़े-बड़े जड़ों वाले पेड़ ही पनप सकते हैं।
भाबर का भू-आकृतिक व पर्यावरणीय प्रभाव
भाबर के बनने से एक बहुत बड़े क्षेत्र में अवसादी मैदान का निर्माण होता है, जिसके कारण नदियाँ विलुप्त दिखाई देती हैं लेकिन नदियाँ इन्हीं तलछटों के नीचे से बहती हैं, जिसके कारण यहाँ की भौगोलिक संरचना बंजर मैदान की तरह प्रतीत होती है।
हालाँकि यहाँ बड़े पेड़ जिनकी जड़ें बहुत गहरी हैं, इतने बड़े पेड़ कहीं भी देखे जा सकते हैं।
भाबर के कारण जैव विविधता में कमी भी देखी जा सकती है, लेकिन भाबर के कारण भूजल का स्तर बढ़ जाता है और यह पानी के वाष्पीकरण को कम कर देता है।
भाबर में न दिखाई देने वाली नदियाँ अचानक तराई में प्रकट हो जाती हैं। चट्टानों का अपरदन और अपक्षय और फिर उनके अवसादों का जमना भाबर के निर्माण का कारण है।
भाभर की विशेषताएं
बाबर की अनेकों विशेषताएं हैं आइए विस्तार से इसके बारे में जानते हैं।
1. यह शिवालिक पर्वत के समांतर में स्थित है। भाबर क्षेत्रों में नदियों का ठहराव बिल्कुल नहीं होता है।
2. भाबर एक तरीके का पथरीला क्षेत्र है। जो हिमालय और गंगा नदी के मैदान के बीच पाया जाता है।
3. इस पथरीले क्षेत्र में हिमालय से जो नदियां निकलती है वह विलीन हो जाती है और सिर्फ कुछ बड़ी नदियों धारा ही धरातल पर प्रवाहित होती नजर आती है।
4. कुछ राज्यों में भाबर काफी प्रभावी है उदाहरण के तौर पर भारत के उत्तराखंड के नैनी ताल और अन्य जलीय क्षेत्र।
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निष्कर्ष
आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया भाबर किसे कहते हैं? (Bhabar kya hai) के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।
FAQ
भाबर क्या है सामाजिक विज्ञान?
‘भाबर’ सिन्धु और तीस्ता नदियों के बीच शिवालिक की ढलानों के समानांतर पाए जाने वाले कंकड़ के संचय से बनने वाली संकरी पेटी है। यह पेटी पहाड़ियों से उतरते समय विभिन्न नदियों द्वारा निर्मित होती है।
भावर प्रदेश से क्या तात्पर्य है इसकी विशेषताएं?
भावर एक प्रकार का चट्टानी क्षेत्र है, जो हिमालय और गंगा नदी के मैदानों के बीच पाया जाता है। इस क्षेत्र में पर्वतीय भाग से नीचे आने वाली नदियाँ लगभग 8 किमी. एम। इसकी चौड़ाई में कंकड़-पत्थर जमा किए गए हैं।
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