दोस्तों पंजाबी भाषा एक काफी पुरानी भाषा है, जो कि एक विशेष लिपि में लिखी जाती है। यह लिपि समझने में और उच्चारण में देवनागरी लिपि के समकक्ष काफी समान है। इसीलिए अक्सर जब लोग पंजाबी भाषा सीखना चाहते हैं, तो वे यह जानना चाहते हैं कि पंजाबी भाषा की लिपि क्या है। यदि आप भी जानना चाहते हैं कि पंजाबी भाषा की लिपि क्या है? (punjabi bhasha ki lipi kaun si hai) तो आज के लिए हमारे साथ रहेगा। आज का लेख पढ़कर आप यह समझ पाएंगे कि पंजाबी भाषा की लिपि क्या है (punjabi ki lipi kya hai)।
पंजाबी भाषा की लिपि क्या है? | punjabi bhasha ki lipi kya hai
दोस्तों, पंजाबी भाषा की लिपि “गुरमुखी लिपि” है, गुरमुखी लिपि में पंजाबी भाषा लिखी जाती है। गुरमुखी लिपि में लिखी गई पंजाबी भाषा का अर्थ यह होता है कि गुरुओं के मुख से निकली हुई भाषा।
हालांकि हम यह जानते हैं कि मुंह और लिपि का आपस में कोई संबंध नहीं होता किंतु कोई भी भाषा किस प्रकार की वाणी उत्पन्न करती है, इस पर उसके लिपि का काफी प्रभाव देखा जा सकता है। इसलिए यह गुरमुखी लिपि के नाम से ही प्रचलित हुई है।
गुरमुखी लिपि में तीन स्वर और 32 व्यंजन होते हैं स्वरों के साथ मात्रा जोड़कर अन्यस पर भी बनाए लिए जाते हैं।
गुरमुखी वर्णमाला
गुरमुखी वर्णमाला में आमतौर पर 35 वर्ण होते हैं जिसमें 32 व्यंजन और 3 स्वर होते हैं। तीन स्वर काफी खास होते हैं क्योंकि इन्हीं स्वरों के द्वारा व्यंजनों को मिलाकर और अन्य कई स्वर बना लिए जाते हैं।
गुरमुखी की और देवनागरी की तुलना
गुरमुखी और देवनागरी की तुलना कुछ इस प्रकार की जा सकती है:-
ਕ : क | ਚ : च | ਟ : ट | ਤ : त | ਪ : प | ਯ : य | ਸ਼ : श | ਼ : ़ | ੂ : ू | ਅ : अ |
ਖ : ख | ਛ : छ | ਠ : ठ | ਥ : थ | ਫ : फ | ਰ : र | ਸ : स | ੍ : ् | ੇ : े | ਆ : आ |
ਗ : ग | ਜ : ज | ਡ : ड | ਦ : द | ਬ : ब | ਲ : ल | ਹ : ह | ਾ : ा | ੈ : ै | ਇ : इ |
ਘ : घ | ਝ : झ | ਢ : ढ | ਧ : ध | ਭ : भ | ਵ : व | ੜ : ड़ | ਿ : ि | ੋ : ो | ਈ : ई |
ਙ : ङ | ਞ : ञ | ਣ : ण | ਨ : न | ਮ : म | ੀ : ी | ੌ : ौ | ਉ : उ | ||
ਐ : ऐ | ਔ : औ | ੦ : ० | ੨ : २ | ੪ : ४ | ੬ : ६ | ੰ : ं | ੁ : ु | ਂ : ं | ਊ : ऊ |
ਓ : ओ | ੮ : ८ | ੧ : १ | ੩ : ३ | ੫ : ५ | ੭ : ७ | ੯ : ९ | – | – | ਏ : ए |
टिप्पणी
कृपया ध्यान दें कि अक्षर-रूप मिलने के बावजूद पंजाबी द्वारा गुरमुखी और हिन्दी द्वारा देवनागरी के प्रयोग में अनेकों महत्वपूर्ण अंतर विहित हैं।
प्रमुख पंजाबी साहित्यकार के नाम
- मोहन सिंह
- नानक सिंह
- भाई वीर सिंह
- सुल्तान बाहू
- गुरदयाल सिंह
- धनीराम चात्रिक
- जाका शाह
- नवतेज घुमान
- शिव कुमार बटालवी आदि।
निष्कर्ष
आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया पंजाबी की लिपि क्या है? | punjabi bhasha ki kaun si lipi hai के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।
जाबी भाषा में कितने स्वर होते हैं?
गुरमुखी लिपि में 35 वर्ण होते हैं। पहले तीन वर्ण बिल्कुल खास हैं क्योंकि क्योंकि वे स्वर वर्णों के आधार होते हैं।
पंजाबी के अक्षर कैसे होते हैं?
पंजाबी गुरुमुखी लिपि में निम्न स्वरों के साथ लिखी जाती है। यह सब देवनागरी लिपि की तरह है, इसलिए आप इनके उच्चारण और अक्षरों को आसानी से समझ सकते हैं। किसी भी व्यंजन में इसकी उपस्थिति का कोई संकेत नहीं है। अत: यदि किसी व्यंजन में मात्रा नहीं है तो इसका अर्थ है कि उसमें ‘अ’ स्वर जुड़ा हुआ है।
क्या पंजाबी सीखना आसान है?
पंजाबी बोलने में भले ही आसान हो लेकिन जब लिखने और पढ़ने की बात आती है तो यह सबसे कठिन भाषाओं में से एक है। वाक्य संरचना, शब्दावली और भाषा का लहजा कभी-कभी देशी पंजाबी बोलने वालों के लिए पढ़ने की समस्या पैदा करता है। आज के आधुनिक समय में लोग किताबों से ज्यादा तकनीक का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं।
पंजाबी भाषा कैसे बनी?
क्योंकि पंजाबी भाषा का जन्म गुरुओं के मुख से हुआ था। जिसके कारण यह मधुर और रोचक भाषा है। श्री गुरु नानक देव जी पंजाबी भाषा के जनक हैं जिनकी लिपि गुरुमुखी है। इस भाषा के 35 अक्षर होने के कारण इसे पैंतीस भी कहते हैं।
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