नमस्कार दोस्तो, यदि आप हिंदी व्याकरण में पढ़ते हैं, या फिर आप हिंदी व्याकरण के अंतर्गत अपनी रूचि रखते हैं, तो आपने लिपि के बारे में तो जरूर पढ़ा होगा जो कि हिंदी व्याकरण काय काफी महत्वपूर्ण टॉपिक होता है। दोस्तों क्या आप जानते हैं, कि लिपि किसे कहते हैं या फिर लिपि क्या होती है, यदि आपको इस विषय के बारे में कोई जानकारी नहीं है, तो इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
हम आपको इस पोस्ट के अंतर्गत हम आपको बताने वाले हैं कि लिपि किसे कहते हैं या फिर लिपि क्या होती है, तथा इसके अलावा हम आपको इस विषय से जुड़ी हर एक जानकारी इस पोस्ट में देने वाले हैं।
लिपि किसे कहते हैं? | lipi kise kahate hain
जब भी हम किसी भाषा को बोलते हैं, तो हमारे मुंह से अलग-अलग प्रकार की दुनिया निकलती है, तो दम दम न्यू को लिखने के लिए हम अलग-अलग प्रकार के चिन्हों का प्रयोग करते हैं, जैसे हिंदी भाषा को लिखने के लिए हमारे कर प्रकार के चिन्ह का प्रयोग करते हैं, जबकि जब हमें उर्दू भाषा लिखनी होती है, तो उसके लिए हम अलग प्रकार के चिन्हों का प्रयोग करते हैं और उन्हीं चीजों को भी कहा जाता है।
लिपि की परिभाषा की बात की जाए, तो “किसी भी भाषा के लिखने के ढंग को तथा उसके लिखने की शैली को ही लिपि कहा जाता है दूसरे शब्दों में किसी भी भाषा को लिखने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उसे लिपि कहा जाता है।”
लिपि के कुछ उदाहरण | lipi ke udaharan
लिपि के अगर उदाहरणों की बात की जाए, तो इनके अंतर्गत देवनागरी, गुरुमुखी, रोमन, पंजाबी, गुजराती आदि का नाम आता है इसके अलावा भी आज के समय दुनिया के अंतर्गत बहुत सारी लीपिया है।
हर एक भाषा की अपनी एक लिपि होती है, जिसे अगर बात की जाए कि हिंदी भाषा की लिपि क्या है, तो हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी है, यानी कि हिंदी भाषा को देवनागरी लिपि के अंतर्गत लिखा जाता है। वहीं अगर पंजाबी भाषा की बात की जाए, तो पंजाबी भाषा को पंजाबी लिपि के अंतर्गत लिखा जाता है, जबकि गुजराती भाषा को गुजराती लिपि के अंतर्गत लिखा जाता है।
लिपि महत्व क्या होता है? | lipi ke mahatva ki charcha kijiye
दोस्तों एक लिपि का महत्व काफी बड़ा महत्व माना जाता है, क्योंकि एक भाषा की उत्पत्ति एक लिपि से ही होती है। किसी भी भाषा का लिखना उसके लिपि के कारण ही संभव हो पाता है, यदि किसी भी भाषा की कोई लिपि नहीं है, तो उस भाषा को लिखना भी संभव नहीं होता है, तो ऐसे में एक भाषा पूरी तरह से लिपि पर ही निर्भर करती है।
लिपि और भाषा के अंतर्गत क्या अंतर होता है? | lipi aur bhasha mein antar spasht kijiye
लिपि और भाषा के अंतर्गत अंतर निम्न प्रकार से है:-
- भाषा श्रव्य होती है, जबकि लिपि दृश्य होती है।
- भाषा स्वतंत्र होती है, जबकि लिपि भाषा पर निर्भर होती है।
- पहले भाषा का विकास होता है, फिर लिपि बनती है।
- भाषा और स्थाई होती है, जबकि लिपि अपेक्षाकृत स्थाई होती है।
- भाषा छोटी होती है, जबकि लिपि भाषा का ही विस्तृत रूप है।
- भाषा विचारों और भावों को ध्वनि संकेतों के माध्यम से व्यक्त करने का एक साधन है, जबकि लिपि उसी भाषा को लिखित रूप देने की व्यवस्था है।
लिपि के कितने प्रकार होते हैं? | lipi ke kitne bhed hote hain
लिपि के कुल 3 भेद होते हैं, और लिपि गोकुल तीन अलग-अलग भागों के अंतर्गत बांटा गया है:-
- चित्र लिपि
- अल्फाबेटिक लिपि
- अल्फासिलेबिक लिपि
1. चित्र लिपि
चित्रलिपि के माध्यम से लोग अपने भावों और अपने विचारों को चित्र के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं, चित्रलिपि तीन प्रकार की होती है।
- चीनी लिपि: चीनी
- प्राचीन मिस्त्री लिपी: प्राचीन मिस्त्री
- कांजी लिपि: जापानी
2. अल्फाबेटिक लिपि
वर्णानुक्रमिक लिपि में व्यंजन के बाद स्वर आता है और इसके पूर्ण रूप के साथ वर्णानुक्रमिक लिपियों के निम्नलिखित प्रकार होते हैं:
- यूनानी लिपि: गणित के चिन्ह और यूनानी भाषा
- अरबी लिपि: अरबी, कश्मीरी, उर्दू, फ़ारसी
- इब्रानी लिपि: इब्रानी
- रोमन लिपि: पश्चिम यूरोप की सारी भाषाएं और अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन
- सिरिलिक लिपि: सोवियत संघ की सारी भाषाएं, रूसी
3. अल्फासिलेबिक लिपि
अल्फासिलेबिक लिपि के अनुसार, यदि प्रत्येक इकाई में एक या अधिक व्यंजन हैं, तो इसे एक स्वर मात्रा के साथ चिह्नित किया जाता है। यदि इकाई में कोई व्यंजन नहीं है, तो पूर्ण स्वर चिह्न का उपयोग किया जाता है। अल्फासिलेबिक स्क्रिप्ट के प्रकार इस प्रकार हैं:
- देवनागरी लिपि: नेपाली, संस्कृत, मराठी
- ब्राह्मी लिपि: पहले के समय मे संस्कृत और पाली
- गुजराती लिपि: गुजराती
- बंगाली लिपि: बंगला
- तमिल लिपि: तमिल
- गुरुमुखी लिपि: पंजाबी
भारत की 22 भाषाओं के नाम और उनकी लिपि (22 Bhasha Ki Lipi In Hindi)
S.No. | भाषा का नाम | लिपि का नाम |
---|---|---|
1 | हिंदी | देवनागरी |
2 | सिंधी | देवनागरी/ फारसी |
3 | पंजाबी | गुरुमुखी |
4 | कश्मीरी | फारसी |
5 | गुजराती | गुजराती |
6 | मराठी | देवनागरी |
7 | उड़िया | उड़िया |
8 | बांग्ला | बांग्ला |
9 | असमिया | असमिया |
10 | उर्दू | फारसी |
11 | तमिल | ब्राह्मी |
12 | तेलुगू | ब्राह्मी |
13 | मलयालम | ब्राह्मी |
14 | कन्नड़ | कन्नड़/ ब्रह्मी |
15 | कोंकणी | देवनागरी |
16 | संस्कृत | देवनागरी |
17 | नेपाली | देवनागरी |
18 | संथाली | देवनागरी/ओलचिकी |
19 | डोंगरी | देवनागरी |
20 | मणिपुरी | मणिपुरी |
21 | वोडों | देवनागरी |
22 | मैथिली | देवनागरी/ मैथिली |
निष्कर्ष
तो इस पोस्ट के अंतर्गत हमने आपको बताया कि लिपि किसे कहते हैं उदाहरण सहित लिखिए | lipi kitne prakar ke hote hain , इसके अलावा इस विषय से जुड़ी अन्य जानकारी अभी हमने आपके साथ शेयर की है। हमें उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई है, फिर तो आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है।
लिपियों की संख्या कितनी है?
विश्व में कितनी लिपियाँ हैं? लेकिन इस लिपि परिवार में विश्व भर में विभिन्न भाषाओं को लिखने के लिए 24 लिपियों का विकास किया गया है।
सबसे पुरानी लिपि कौन सी है?
ब्राह्मी लिपि भारत की प्राचीनतम लिपियों में से एक है। इसके प्रयोग के प्राचीन उदाहरण अशोक के शिलालेखों के रूप में उपलब्ध हैं।
लिपि का आविष्कार कब हुआ था?
माना जाता है कि लिखित भाषा का आविष्कार पहली बार 3100 ईसा पूर्व के आसपास सुमेर (दक्षिणी मेसोपोटामिया में एक प्राचीन सभ्यता) में हुआ था।
लिपि में कितने बिंदु होते हैं?
इस लिपि को कागज पर अक्षरों को उकेर कर बनाया गया था और 6-6 की दो पंक्तियों में 12 बिंदु रखे गए थे, लेकिन इसमें विराम चिह्न, अंक, गणितीय प्रतीक आदि नहीं थे। इस लिपि के आधार पर लुइस ने 12 के स्थान पर 6 बिन्दुओं का प्रयोग करते हुए 64 अक्षरों और चिन्हों की एक लिपि का निर्माण किया।
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