भारत का राष्ट्रीय चिन्ह क्या है? शिक्षा, और महत्व

भारतवर्ष अपने महान इतिहास तथा व्यापक अस्तित्व की वजह से आज के समय पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा और सबसे तेजी से विकास की ओर अग्रसर है। इसका एक मुख्य कारण है कि है कि भारत अपने राजकीय तथा राष्ट्रीय चिन्हों का सदैव सम्मान करता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि Bharat ka rashtriya chinh क्या है? या Bharat ka rashtriya chinh कहाँ से लिया गया है? यदि आप नहीं जानते तो कोई बात नहीं क्योंकि आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि Bharat ka rashtriya chinh कौन सा है और भारत के राष्ट्रीय चिन्ह की उत्पत्ति कहां से हुई है, उसका इतिहास व उसका महत्व क्या है तो चलिए शुरू करते हैं-

भारत का राष्ट्रीय चिन्ह क्या है? | Bharat ka rashtriya chinh kya hai?

भारत का राष्ट्रीय चिन्ह “अशोक स्तंभ” (Ashoka Stambh) है। अशोक स्तंभ मूल रूप से 4 शेरों के सरों वाली एक प्रतिमा है। यह प्रतिमा एकाग्र चित्त देश तथा ताकतवर होने के साथ-साथ सहनशील व चेतना पूर्ण मन  को संदर्भित करता है। जब भी आप भारत के राष्ट्रीय चिन्ह की तस्वीर देखेंगे आपको केवल 3 शहरों के चेहरे ही दिखाई देंगे। क्योंकि चौथा चेहरा ठीक इसके पीछे होता है।

यह अशोक स्तंभ  एक   गोलाकार आधार पर टिका हुआ है, और यह आधार गोलाकार आधार उल्टे कमल के रूप में बना हुआ है।  साथ ही साथ यह गोलाकार आधार बनाया गया है।

उसके मध्य में 4 धम्म चक्र (धर्म चक्र) तथा चारों के मध्य एक एक पशु का चिन्ह बना हुआ है। यहां पर धम्मचक्र के दाहिनी और सांड बना हुआ है, तथा धम्मचक्र के बाई और  घोड़ा बना हुआ है, साथ ही साथ एक शेर और एक हाथी भी बना हुआ है।

अशोक स्तंभ कहाँ से लिया गया है? | ashok stambh kaha se liya gaya hai

Bharat ka rashtriya chinh kya hai?

अशोक स्तंभ  सारनाथ में स्थित हमारे राष्ट्रीय स्तंभ के शीर्ष विभाग से लिया गया है।  यह राष्ट्रीय प्रतिज्ञा चिन्ह के रूप में भी माना जाता है। अशोक स्तंभ के नीचे  मुंडक उपनिषद से लिया गया एक श्लोक लिखा गया है,  जो किसत्यमेव जयतेहैं। इसका अर्थ होता है कि केवल सत्य की ही जीत होती है, या सत्य की विजय होती है।

अशोक स्तंभ पर जो धम्म चक्र बना हुआ है उसमें 24 रेखाएं हैं, और वही 24 रेखाएं भारत के  राष्ट्रीय ध्वज में लगे हुए चक्र में भी हैं।

राष्ट्रीय चिन्ह का महत्व क्या है | rastriya chinh ke mahatva kya hai

भारत का राष्ट्रीय चिन्ह हमारा राजकीय चिन्ह भी है। अगर सोचते होंगे कि राष्ट्रीय चिन्ह और राजकीय चिन्ह में क्या अंतर हो सकता है, तो राजकीय चिन्ह का यहां पर मतलब है कि भारत सरकार के द्वारा बनाए जाने वाला हर कानून, जारी किया जाने वाला हर अध्यादेश, नियम व जानकारी तथा भारत के राजकीय कार्यों में इस्तेमाल किए जाने वाले महत्वपूर्ण चिन्ह के तौर पर भारत के राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ का इस्तेमाल किया जाता है।

भारत के राष्ट्र चिन्ह में चार जानवर दिखाए गए हैं, जिनमें शेर, घोड़ा, हाथी, और सांड दिखाए गए हैं। यह चारों जानवर चारों दिशाओं की ओर बने हुए हैं,  जिसमें शेर उत्तर की ओर,  हाथी पूर्व की ओर, घोड़ा दक्षिण की ओर,  तथा सांड पश्चिम की ओर बना हुआ है।

भारत के राजकीय चिन्ह का महत्व इसके नीचे लिखा गया  राजकीय वाक्य   ही  दर्शा देता है। सत्यमेव जयते यथार्थ सत्य की विजय होगी। यह हमारे अथर्ववेद के मुंडक उपनिषद से लिया गया है।

अशोक स्तंभ को बनाने का काम सम्राट अशोक ने किया था। अशोक सन 304 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व तक अपने शक्तिशाली मौर्य राजवंश के सम्राट के रूप में काम कर रहे थे।

जब वे सम्राट के रूप में कार्यरत थे तब उन्होंने आने का युद्ध जीते जिनमें उन्होंने अपने हाथों से लाखों  वध भी किए थे,  लेकिन जब उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया इसके पश्चात वे प्रियदर्शी देवताओं का प्रिय सम्राट अशोक के नाम से प्रसिद्ध हुए।

उनका राजकाल 269 से 232 साल तक माना जाता है। अशोक मौर्य राजवंश के चक्रवर्ती सम्राट के रूप में राजा बने थे। मौर्य राजवंश उत्तर में हिन्दुकुश, दक्षिण में गोदावरी नदी तथा मैसूर तक, पूर्व में बांग्लादेश तथा पश्चिम में अफगानिस्तान ईरान और बलूचिस्तान तक पहुंच चुका था।

राष्ट्रीय चिन्ह से क्या शिक्षा मिलती है | rashtriya chinh se kya shiksha milti hai

भारत का राष्ट्रीय चिन्ह मूल रूप से प्रवर्तन की घटना का स्मारक है। अर्थात  यह धम्मचक्र प्रवर्तन की घटना को याद कराता है। यह हमें संदेश देता है कि इस प्रतिज्ञा स्तंभ की स्थापना धर्म को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए की गई है।

यह स्तम्भ 40 फुट लंबे तांबे के खंड से बना हुआ है। जो भाग धरती में गाड़ा गया है वह आयताकार है, और जो आधार धरती के ऊपर है वह गोलाकार है।

अशोक स्तंभ को चार दिशाओं में  गर्जना   करते हुए शेर वाले स्तंभ के रूप में भी जाना जाता है। अशोक स्तंभ मूल रूप से शक्ति, गर्व, चेतना, साहस और सम्मान के साथ साथ आत्मविश्वास को भी दर्शाता है।

राष्ट्रीय चिन्ह से हमें यह शिक्षा मिलती है, कि हमें  अपने ह्रदय में चेतना साहस सम्मान के साथ साथ शक्ति  गर्व  और आत्मसम्मान को भी  महत्वपूर्ण  स्थान देना चाहिए।

राष्ट्रीय चिन्ह पर क्या लिखा हुआ है? | rashtriya chinh par kya likhe hai

राष्ट्रीय चिन्ह पर देवनागरी भाषा में  सत्यमेव जयते लिखा हुआ है, जिसका अर्थ होता है कि सत्य की विजय होगी या सत्य की विजय होती है।

राष्ट्रीय चिन्ह की क्या खबर है? | rashtriya chinh ke kya khabar hai

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  नए पार्लियामेंट हाउस के निर्माण के दौरान नई संसद भवन की छत पर अशोक स्तम्भ का अनावरण किया। लेकिन यह अशोक स्तंभ कुछ बदला-बदला सा दिखाई दे रहा था।

जहां आमतौर पर अशोक स्तंभ के शेर मुंह बंद करते हुए दिखाई देते हैं, वहीँ इस अशोक स्तंभ में शेर दहाड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं, और अत्यंत ही आक्रामक स्वभाव में दिखाई दे रहे हैं।

जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि यह शेर गुस्से में है इस बात पर विपक्ष ने बवाल मचा दिया, और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीजेपी सरकार राष्ट्रीय स्तंभों को और राष्ट्रीय चिन्हों को बदलने में लगी हुई है।

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निष्कर्ष

आज के इस लेख में हमने आपको Bharat ka rashtriya chinh के बारे में लगभग सारी जानकारी दी है। हम आशा करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इसे अपने दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ अवश्य शेयर करें। यदि आप कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के पूछ सकते हैं।

FAQ

भारत के कितने राष्ट्रीय चिन्ह हैं?

भारत के 17 राष्ट्रीय प्रतीक हैं जैसे तिरंगा, जन गण मन, शक कैलेंडर, वंदे मातरम, भारत का राष्ट्रीय प्रतीक, आम, गंगा, रॉयल बंगाल टाइगर, भारतीय बरगद, गंगा नदी डॉल्फिन, भारतीय मयूर, भारतीय रुपया, किंग कोबरा, भारतीय हाथी, कमल, कद्दू और राष्ट्रीय प्रतिज्ञा।

भारत के राज्य चिन्ह में क्या लिखा है?

इसे 26 जनवरी 1950 को भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में अपनाया गया था। यह देवनागरी लिपि में लिखा गया है “सत्यमेव जयते” जिसका अर्थ है- “सत्य की हमेशा जीत होती है”। “सत्यमेव जयते” मुंडकोपनिषद से लिया गया है। इसमें चार शेर हैं, जो एक दूसरे के आमने-सामने हैं।

सिंह किसका प्रतीक है?

सिंह आत्मज्ञान की प्राप्ति का प्रतीक है।

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